Shadow

तबलीग जमात और भारत सरकार से ज्वलंत प्रश्न – मौलिक भारत

 

१) क्यूँ इतने वर्षों से एक उदार इस्लाम विरोधी, जाहिल, गंवार, मूर्ख , अराजक, झूठी, लंपट, अवेज्ञानिक, कट्टरपंथी, आतंक समर्थक व देशद्रोही तबलीग जमात को देश में अपनी गतिविधियों को चलाने की अनुमति दो गयी ?
२) ऐसे में जबकि इस जमात के अनेक आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आती रही हे , उसके बाद भी इससे संबंधित लोगों को निर्बाध देशभर में घूमने व प्रचार करने की अनुमति क्यों दी जाती रही ?
३) क्यों लगातार इस जमात के लोग पर्यटन वीज़ा पर कई वर्षों से देश में आकार आतंक व कट्टरपंथी इस्लाम का प्रचार करते रहे और ख़ुफ़िया एज़ेंसी सोयी रहीं? क्या जमात के लोग एक साज़िश के तहत भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण फ़ेलाने के लिए भेजे गए हे ?
४) जमात के विदेश से आने वाले लोगों के आपराधिक रिकार्ड व आतंकी और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की जाँच की क्या व्यवस्था की जाती रही हे ?
५)संस्था को मिलने वाले धन के श्रोतो के जाँच की क्या व्यवस्था हे ? संस्था की कुल सम्पत्तियों की क्या स्थिति हे ? इनके लिए धन कहाँ से आया व क्या ये इमारतें निर्धारित मापदंडों के अनुरूप बनायी गयी हे?
५) इस जमात के कुकर्मो के कारण पूरा देश करोना महामारी की तीसरी अवस्था में आने वाला हे ऐसे में इस संथा व इससे जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस क्यों नही दर्ज किया जा रहा और क्यों भारत की जनता के टैक्स के पेसो से इनका इलाज किया जा रहा? इस मानवता व राष्ट्रविरोधी संस्था की गतिविधियों पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाकर व सरि समपत्ति ज़ब्त कर कठोर क़ानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की जानी चाहिए?
६) देशभर की मस्जिदो व सभी धार्मिक भवनो की गहन जाँच के आदेश क्यों नहीं दिए जा रहे हे ?
– मौलिक भारत अभियान
क्या हे तबलीग जमात –
तब्लीग जमात इस्लाम के सुन्नी मजहब के हनफी विचारधारा के कट्टर देओबंदी समुदाय के मेवाती गिरोह से ताल्लुक रखते हैं। हरियाणा के मेवात में 1926 में इसकी शुरुआत हुई और आज समूचे संसार में ये मेवाती इस्लाम का प्रचार करते हैं। इनका मुख्य जोर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और इंडोनेशिया मलेशिया में है। एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच करोड़ मुसलमान तब्लीग को फॉलो करते हैं।
ये तब्लीगी जमात इस्लाम के बाकी सभी स्कूलों को सही नहीं मानता और तब्लीगी जमात के अलावा बाकी हर मुसलमान को काफिर मानता है। ये शिया या फिर सुन्नी समुदाय के दूसरे मौलवियों और मौलानाओं को खारिज करते हैं और मुसलमानों से कहते हैं कि अपने और अल्लाह के बीच में पैगंबर के अलावा कोई मध्यस्थ न रखें।
इनकी एक खास जीवनशैली होती है जिसका आधार है गैर मुस्लिमों से दूरी। गैर मुस्लिम इनके लिए अछूत होता है और ये उसे देखना भी पसंद नहीं करते। ये लोग समूह में घूम घूमकर मुसलमानों के बीच ही अपना प्रचार करते हैं जो तीन दिन से लेकर चालीस दिन तक का होता है। इनके प्रचार का मुख्य आधार है दावा जिसका अर्थ है निमंत्रण देना।
तब्लीगी जमात मुसलमानों के बीच बहुत सम्मान से नहीं देखी जाती क्योंकि ये अपने अलावा बाकी हर मुसलमान को खारिज करते हैं। फिर वो शिया हो या बरेलवी, सूफी हो या चिश्ती। तब्लीगी जमात इनको सच्चा मुसलमान नहीं मानती।
बीते कुछ दशकों में भारत और पाकिस्तान में जिस कट्टरपंथी इस्लाम का जोर बढ़ा है उसमें तब्लीगी जमात का बड़ा योगदान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *