माननीय महोदय,
मौलिक भारत देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों व प्रतिष्ठित व्यक्तियों का संगठन है जो भारतीय पद्धतियों के अनुरूप व्यवस्थाएं लागू कराने, व्यवस्था में पारदर्शिता लागू कराने व उसे भ्रष्टाचार से मुक्त करने के साथ ही चुनाव सुधारों के लिए संघर्षरत है। पिछले पांच बर्षो की हमारी उपलब्धियों को www.maulikbharat.co.in पर देखा जा सकता है।
महोदय, हम आपका ध्यान देश के शिक्षा संस्थानों में ब्रिटिश राज से चल रहे शिक्षा सत्रों की संरचना की ओर कराना चाहते हैं। देश की अधिकांश जनसंख्या भारतीय पंचांगों के अनुरूप अपने त्योहार मनाती है किंतू शिक्षा सत्रों के संचालन में इस तथ्य की पूर्णतः उपेक्षा की जाती है।
इस संदर्भ में हमारी निम्न मांगो पर अविलंब विचार कर लागू किया जाए –
1) जब देश की 85% आबादी के सभी प्रमुख त्यौहार अक्तूबर व नवंबर माह में पड़ते है तो शिक्षा संस्थानों में मई व जून में छुट्टियां क्यो होती है? हमारी सरकार से मांग करनी चाहिए कि नवरात्रों से लेकर गंगा स्नान तक शिक्षा संस्थानों में 45 दिनों का अवकाश करे न कि मई -जून में।
2) भारतीय पंचांग व त्यौहारों की वैज्ञानिकता पर बिशेष पुस्तक छपनी चाहिए जिसका पठन पठान सभी शिक्षा संस्थानों में अनिवार्य हो।
धन्यवाद।
भवदीय
अनुज अग्रवाल
महासचिव , मौलिक भारत