नई दिल्ली, 14 जनवरी (इंडिया साइंस वायर): वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद
(सीएसआईआर) से सम्बद्ध दो प्रमुख संस्थानों, राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास
अध्ययन संस्थान (NISTADS) तथा राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान
(NISCAIR) के विलय पर अंतिम मुहर लगा दी गई है। इन दोनों संस्थानों को मिलाकर अब
एक नई संस्था का गठन किया गया है, जिसे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड
पॉलिसी रिसर्च (NIScPR) नाम दिया गया है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने नयी गठित
संस्था का उद्घाटन किया है।
NIScPR के गठन का उद्देश्य विज्ञान संचार को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ नीतिगत विषयों
पर भी शोध को बढ़ावा देना है, जिससे उन सभी नीतियों का लाभ आम जनता तक पहुँच सके।
इसके साथ ही, विज्ञान की जानकारी आम जनता तक पहुँचाना भी इस नयी गठित संस्था का
उद्देश्य है। इन दोनों संस्थानों के विलय से अधिक संसाधनों और कम खर्च से बेहतर परिणाम
प्राप्त करने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना
स्रोत संस्थान (NISCAIR) पिछले करीब छह दशकों से विज्ञान संचार के क्षेत्र में काम कर रहा
है। विज्ञान संचार के क्षेत्र में कार्यरत निस्केयर को देश के प्रमुख संस्थान के रूप में जाना जाता
रहा है। वहीं, राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संस्थान (NISTADS) को मुख्य
विज्ञान, समाज और राज्यों के बीच संवाद के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन के लिए जाना जाता
रहा है।
इस अवसर पर डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि “नये भारत के निर्माण का जो सपना प्रधानमंत्री जी ने
देखा है, उसमें सबसे अधिक भूमिका विज्ञान की रहने वाली है।” उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर
की चुनौतियों के समाधान में हमारे वैज्ञानिकों का योगदान सर्वाधिक है। समस्याओं से लड़ने में
विज्ञान, वैज्ञानिक और विज्ञान आधारित संस्थाओं की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि
हमें अपने दृष्टिकोण में भी परिवर्तन करने की जरूरत है। यह संभव है कि हम जो शोध-कार्य कर
रहे हैं, उससे हमें व्यक्तिगत लाभ हो, लेकिन समाज को कोई लाभ न हो। इसलिए, आने वाले
समय में जनता के हित को ध्यान में रखते हुए हमें अपने शोध-कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना
चहिए।