ताज़ा समाचार ये है कि पंजाब की राजनीति में घमासान मचा है । 10 से ज़्यादा मंत्रियों ने अपने CM और राज्य इकाई से मांग की है कि सिद्धू को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए ।
2017 के पंजाब विस् चुनाव से पहले , जब कि AAP अपने उफान पे थी , और कांग्रेस डवांडोल , तो Capt अमरेंद्र सिंह ने अपनी हाइ कमान से कह दिया था , या तो हमको नेता घोषित करो नही तो हम अलग पाल्टी बनाऊंगा और भाजपा के साथ गठबंधन करूंगा । हाई कमान के पास कोई चारा ही न था । उसने घुटने टेक दिए । कैप्टन साहब ने मनमाना टिकट बाँटा और पूरे चुनाव अभियान में राहुल G को पंजाब में घुसने न दिया ।
एक तरह से देखा जाए तो पंजाब की कांग्रेस अमरेंद्र सिंह Congress बन चुकी थी ।
पिछले हफ्ते सिद्धू Capt अमरेंद्र सिंह के मना करने के बावजूद पाकिस्तान गए ।
भारत सरकार और खुद पंजाब सरकार की अवहेलना कर पाकिस्तान गए । वहां के एक खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला के साथ पप्पी झप्पी की ………
वापस आये तो मीडिया ने जवाब तलब किया । उन्होंने बड़ा बेशर्म बयान दिया ।
कहते हैं कि Captain ?
कौन Captain ?
अच्छा …….. आप Capt अमरेंद्र सिंह की बात कर रहे हैं ………. अजी वो तो फौज के कप्तान है ……….
हमारा कप्तान तो राहुल G हैं ………
सिद्धू का ये कथन Capt अमरेंद्र सिंह की leadership के खिलाफ खुली बगावत है ……… जैसा कि सिद्धू ने खुद कहा कि वो 10 जनपथ — राहुल G की आदेश/आज्ञा और आशीर्वाद से पाकिस्तान गए थे …….. ये सरेआम मुख्य मंत्री के खिलाफ एक किस्म का विद्रोह है । इससे ये सिद्ध हो गया कि सिद्धू को राहुल गांधी का वरद हस्त प्राप्त है और पार्टी हाई कमान सिद्धू को Capt अमरेंद्र सिंह के सामने खड़ा कर रहा है । इसे अगर दूसरे शब्दों में कहें तो राहुल G अपनी ही पार्टी में अपने ही CM के खिलाफ एक धड़ा तैयार कर रहे हैं ।
सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि पिछले 4 महीनों में यहां पंजाब में सिख समुदाय में सिद्धू की स्वीकार्यता बहुत बढ़ी है । पर खालिस्तानी गोपाल सिंह चावला से मुलाक़ात के बावजूद जिस प्रकार राहुल G सिद्धू की पीठ ठोक रहे हैं उससे समझ आता है कि किस प्रकार अपनी राजनीति चमकाने के लिए कांग्रेस और कांग्रेसी देश द्रोही तत्वों से हाथ मिलाने से भी नही चूकते ।
Congress ने इतिहास से कुछ भी नही सीखा है । राहुल G शायद भूल गए या फिर इनको किसी ने बताया ही नही कि इनकी दादी ने ऐसे ही 70 के दशक में राजनीति के लिए एक भस्मासुर बनाया था जो खुद को भी खा गया और इंदिरा को भी । उसी भस्मासुर की लगाई फैलाई आग में 15 साल तक पंजाब जला और दिल्ली में 6000 सिख जले और पंजाब भर में 35000 हिंदुस्तानियों का खून बहा ।
पंजाब में खालिस्तानियों को एक अदद करिश्माई नेता की ज़रूरत है । और एक राजनैतिक पार्टी की जो उनके एजेंडा को push करे । जब तक congress की कमान अमरेंद्र सिंह के पास है , ऐसा नही होगा । अमरेंद्र सिंह की कांग्रेस ऐसा नही करेगी । सिद्धू कर सकते हैं । अमरेंद्र सिंह ने पिछले डेढ़ साल में आतंकियों के 19 Modules — Sleeper Cells को पकड़ा है । कुल 77 आतंकवादी और उनके समर्थक गिरफ्तार किये गए हैं और AK 47 जैसे 80 से ज़्यादा खतरनाक automatic हथियार पकड़े हैं । खालिस्तानी ये जानते हैं कि जब तक अमरेंद्र सिंह रहेंगे उनकी दाल नही गलेगी ।
इस समय पंजाब में मुख्य धारा के दो नेता , AAP के सुखपाल सिंह खैरा और Congress के नवजोत सिंह सिद्धू खालिस्तानियों को सहला रहे हैं । खैरा एक तरफ बाकायदे एलान कर के Referendum 2020 का समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ Congress के सिद्धू पाकिस्तान से पप्पियाँ जफ्फियाँ पा रहे हैं , Army चीफ बाजवा से गले मिल रहे हैं , हाफ़िज़ सईद के साथी गोपाल सिंह चावला जैसे घोषित आतंकियों के साथ मंच साझा कर रहे हैं और फोटो खिंचा रहे हैं ।
करतारपुर Corridor का श्रेय ले कर सिद्धू जहां पंजाब के आम सिख समुदाय की नज़रों में Hero बन रहे हैं , वहीं Pak Army Chief बाजवा से गले मिल और गोपाल सिंह चावला से मिल के ISI और विदेश में बैठे खालिस्तानियों को संदेश दे रहे हैं कि मैं भी हूँ ……….
राहुल G की मूर्खता ये है कि इतना सब होने के बावजूद सिद्धू को Support कर रहे हैं ।
ये आत्मघाती politics है । राहुल G ठीक वही गलती कर रहे हैं जो इनकी दादी ने 80 के दशक में की थी ………
क्रमशः ……….
–Ajit Singh …