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भा.ज.पा. की जीत से गूंजेगी “भारत माता की जय”…

अभी भी समय है भारत माता की जय बोलने वालों कुछ ठोस करो अन्यथा घोटालेबाज, चालबाज व विभिन्न विचारधाराओं के नेताओं का गठबंधन राष्ट्रीय राजनीति के भविष्य को अंधकारमय कर देगा। राष्ट्रवादियों काजल की कोठरी से बाहर निकलो अन्यथा कालिख में ही रंगे रह जाओगे…और…नारे गूंजते रहेंगे…
                                                      याद करो__9 फरवरी 2016 __जे.एन.यू. के राष्ट्रद्रोही नारे_
●भारत तेरे टुकड़े होंगें_इंशा अल्लाह~इंशा अल्लाह_
तेरे सौ-सौ टुकड़े होंगे_इंशा अल्लाह~इंशा अल्लाह_
●लडकर लेंगे_आजादी_बंदूक के दम पर_आज़ादी_
अफजल बोला आज़ादी_मक़बूल बोला आज़ादी_
भारत की बर्बादी तक_जंग करेंगे-जंग करेंगे_
●अफजल गुरु हम शर्मिंदा है_तेरे कातिल जिंदा है__
कितने अफजल मारोगे_घर-घर से अफजल निकलेगा_
कितने मक़बूल मारोगे_घर-घर से मक़बूल निकलेगा_

वर्तमान विषम परिस्थितियों में केवल एक ही मार्ग है कि भा.ज.पा. को आगामी लोकसभा चुनावों में विजयी बनाया जाय। क्या कभी क्षेत्रीय नेताओं व जाति आधारित नेताओं में राष्ट्रीयहित जागा है या कभी वे ऐसा सोचेंगे? सम्भवतः कभी नही। पूर्व में हुए अनेक गठबंधनों से यह स्पष्ट होता है कि विभिन्न विरोधाभासी विचारधाराओं वाले राजनैतिक दलों के गठबंधन पूर्णतः बेमेल होने के कारण असफल ही रहे। ऐसे गठबंधन करना प्रायः अवसरवादी नेताओं की स्वार्थ सिद्धि हेतु विवशता होती है।अनेक घोटालों में फँसे हुए ऐसे नेता ही अपने को न्यायायिक जांच-पड़ताल से सुरक्षित रखने के लिये गठबंधन की राजनीति को बढ़ावा देते हैं। अस्थिरता की स्थिति में ऐसे छोटे-छोटे दल अपनी अनुचित मांगों से राष्ट्र को आहत करने से भी नही चूकते। इन नेताओं में भारत की एकता व अखंडता को बनाये रखने का कोई विचार ही नही आता। ऐसे गठबंधन लोकतांत्रिक व्यवस्था को क्षति ही पहुँचाते है।
जेे.एन.यू में भारत की बर्बादी व टुकड़े-टुकड़े करने जैसे नारे लगाने वालों को नेता बना कर प्रोत्साहित करने वालों में भाजपा के अतिरिक्त प्रायः अन्य सभी दल सक्रिय हैं। इस पर भी आपको सकरात्मक सोच बनानी होगी कि भाजपा द्वारा राष्ट्रवाद को कुछ सीमा तक आहत करने के उपरांत भी पुनः विजयी बनाना क्या राष्ट्रवादियों का मुख्य लक्ष्य नहीं होना चाहिए? यह देश मेरा, आपका और हम सबका है, अतः आवश्यक कार्यों में सक्रिय रहकर भी राष्ट्र निर्माण में अपना सकरात्मक योगदान करना हमारा सामूहिक दायित्व हैं। देशद्रोही व भारतविरोधी शक्तियाँ हमारी बर्बादी के लिए भाजपा को भविष्य में होने वाले चुनावों में हर संभव षडयंत्रों द्वारा पराजित करना चाहती हैं। अतः सभी भारत भक्तों को एकजुट होकर बहुसंख्यकों के हितार्थ व राष्ट्रवाद की रक्षार्थ कार्य करने के लिए भाजपा को चेताना होगा, इसी से भाजपा की विजय सुनिश्चित हो सकेगी। जरा सोचो: “जब सब दुर्जन एकत्रित हो सकते हैं तो फिर सज्जनों को भी एकजुट होना ही होगा”। वर्तमान वातावरण में भा.ज.पा. के असंख्य सहयोगी उससे अवश्य निराश हुए हैं परंतु भा.ज.पा. के विकल्प का विचार करना और भी निराशाजनक होगा। यह विचार करों कि वर्षों से दासत्व की मानसिकता से हमको बाहर निकाल कर कौन हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान को बढ़ाएगा ? मनुष्य होकर चौपाये पशु के समान झुंड में चल कर अंधकार में फँसने से बचो।अपने सुरक्षित भविष्य के लिये अंधकार रूपी अज्ञान को जला कर ज्ञानरूपी प्रकाश से जगमग मार्ग को अपनाओं।
इसके लिए मोदी-शाह-योगी सहित भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं को अपने बढ़ते अहंकारों से बचना होगा और भारतभक्तों का सशक्तिकरण करना होगा। उन्हें यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि अभी भी भारतमाता के सच्चे पुजारी भाजपा से ही आशा लगाये हुए हैं। लेकिन जब भा.ज.पा.  “सबका साथ सबका विकास” के सिद्धान्त पर अग्रसर है तो भी वह सशक्तिकरण मुसलमानों का ही करें और राष्ट्रवादियों को पीड़ा न हो यह कैसे हो सकता है ? भाजपा के समस्त सांसदों व विधायकों को भी यह विचार करना चाहिये कि वे केवल राष्ट्रवादियों की सक्रियता से विजयी होते हैं। लेकिन अगर अत्यधिक उत्साह में भा.ज.पा. अपने मूल सिद्धान्तों को छोड़ कर एवं अपने परंपरागत मतदाताओं की अवहेलना करके तात्कालिक लाभ लेने की गलती करेगी तो उसके दुष्परिणामों से सभी आहत होंगे ही। अतः अपने ही असंख्य समर्थकों और सहयोगियों की उपेक्षा होने पर मतदान के समय उनके उदासीन होने से चुनावों में भा.ज.पा. पराजित हुई तो  इतिहास हम हिंदुओं की अज्ञानता व मूर्खता पर हँसेगा और राष्ट्र के भविष्य को भी प्रभावित करेगा।
सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञात हो रहा है कि मुस्लिम उलेमा, मौलवी व उनके नेता आदि एकजुट होकर आगामी चुनावों में “भाजपा” को हराने के लिए अभियान चला रहे हैं। पाकिस्तान व चीन आदि भी ऐसे तत्वों को पूरा समर्थन दे रहा है। इसलिए यह आवश्यक है कि इन विपरीत परिस्थितियों में हिंदुओं के धर्मगुरुओं व नेताओं को भी अपनी संस्कृति व धर्म की रक्षार्थ संघर्षरत भा.ज.पा. के पक्ष में अभियान चलाना होगा। यह भी ध्यान देना चाहिये कि वर्तमान सरकार भारतीय संस्कृति और विद्याओं का प्रसार व प्रचार करके राष्ट्र में स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए भी कृतसंकल्पित है। हम और आप यह भी सोचें कि सात दशक से चल रही भारतीय संस्कृति और धर्म को आहत करके देश के स्वाभिमान को नष्ट करने की प्रक्रिया पर कुछ सीमा तक मोदी सरकार ने अंकुश लगाया है। साथ ही विश्व में भारत की दयनीय छवि को अपने अथक परिश्रम से मोदी जी सम्मानजनक स्थिति में खड़ा करने में भी सफल हुए हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अनेक ऐसी योजनाएं बनी है जिनमें सुरक्षा की दृष्टि से मुख्यतः सुरक्षा उपकरणों व उससे संबंधित युद्ध सामग्रियों का विशेष उत्पादन देश में होगा और भविष्य में उनका निर्यात भी कर सकेंगे। संभवतः हम अभी ऐसी अनेक योजनाओं से अनभिज्ञ भी होंगे जिनसे देश तीव्र गति से उन्नति करेगा। देशद्रोहियों पर कड़ा प्रहार करते हुए भाजपा शासन ने ऐसे लगभग 20 हज़ार स्वयं सेवी संगठनों को प्रतिबंधित किया हैं जिनको भारत विरोधी अनेक संगठनों से भारी आर्थिक सहायता मिल रहीं थी।
हमको यह भली प्रकार समझना होगा कि जब तक कश्मीर,केरल,कोलकत्ता व असम आदि में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले और इस्लामिक स्टेट व पाकिस्तान का झंडा लहराने वाले देशद्रोहियों के दुःसाहस को कुचला नही जाएगा तब तक हमारे द्वारा “भारत माता की जय” का नारा सार्थक कैसे होगा ? अपने अंदर झांको और सोचो कि क्या भारतीय जनता पार्टी के अतिरिक्त किसी अन्य दल में ऐसी सामर्थ है कि वह भारत माता की जय जयकार करने वालों को प्रोत्साहित कर सकें। निःसंदेह  मुस्लिम उन्मुखी राजनीति से उपजे पाकपरस्त नेताओं को जब “वंदेमातरम” व “भारत माता की जय” आदि के नारों से ही चिढ़ हो गयी है तो उनसे यह आशा कैसे की जा सकती है कि वे “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाने वालों को नियंत्रित कर सकेंगे। हमारे धर्मगुरुओं व नेताओं को यह नही भूलना चाहिये कि जब तक सनातन धर्म के अनुयायी सुरक्षित व समर्थ है तभी तक वे उनके धर्मगुरु व नेता बने हुए है। अन्यथा धर्मांधों के सफल होने की स्थिति में सभी अंधकारमय भविष्य की ओर धकेले जाते रहेंगे। इसलिये अहंकारवश विभाजित रहने की दूषित मानसिकता से बचो।  भारतविरोधियों के षडयंत्रों को समझों और एकजुट होकर  “भा.ज.पा.” को विजयी बनाने के लिए यथासंभव प्रयास करों। ऐसा होने पर  “भारत माता की जय” वायुमण्डल में सतत् गूंजती रहेंगी जिससे हम सबका भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।

विनोद कुमार सर्वोदय
(राष्ट्रवादी चिंतक एवं लेखक)
गाज़ियाबाद

नोट- “मैं लगभग एक माह से न्यूयॉर्क में हूँ…और यहीं से यह लेख प्रेषित कर रहा हूँ। यहां विभिन्न प्रदेशों के भारतवासियों , एन.आर.आई. व भारतवंशी अमेरिकन नागरिकों से कुछ विचारों का आदान-प्रदान होने से यहीं तथ्य सामने आया कि अभी मोदी जी को और समय मिलना चाहिये..पाँच वर्ष बहुत थोड़ा समय हैं। अतः भाजपा पुनः सत्ता में आये इससे भारतवंशियों सहित अन्य भारतभक्तों को भी संतोष होगा।”

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