Shadow

लिंगुई, द सेक्रेड बॉन्ड्स” ने इफ्फी के 52वें संस्करण में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता

लिंगुई, द सेक्रेड बॉन्ड्स- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सह-निर्मित ड्रामा फिल्म है, जो एक मां और बेटी के बीच में पवित्र संबंधों तथा पुरुषों द्वारा निर्धारित कठोर कानूनों के खिलाफ उनके अस्तित्व की कहानी को बयां करती है- इस फिल्म ने इफ्फी के 52वें संस्करण में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता है।

यह फिल्म नारी संघर्ष का एक साहसिक चित्रण और मानवता की एक सीख है। फिल्म बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी द्वारा सह-निर्मित है तथा इसे अरबी और फ्रेंच भाषा में बनाया गया था।

महात्मा गांधी द्वारा प्रचारित शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के मूल्यों तथा उनके आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए चाड फिल्म निर्माता महमत-सालेह हारून द्वारा बनाई गई लिंगुई, द सेक्रेड बॉन्ड्स को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार हेतु चुना गया है। पुरस्कार की घोषणा 20 से 28 नवंबर के बीच गोवा में हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित हुए भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 52वें संस्करण के समापन समारोह में आज की गई।

इस कला कृति के माध्यम से फिल्म निर्माता महमत-सालेह हारून उन सभी महिलाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो पुरुषों की सनक के अनुसार स्थापित पितृसत्तात्मक समाज में रहने के लिए संघर्ष करती हैं। यह फिल्म लैंगिक मुद्दों और महिलाओं की शिक्षा हेतु मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूकता भी बढ़ाती है।

इस फिल्म को 94वें अकादमी पुरस्कार 2022 में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए चाडियन प्रविष्टि के रूप में भी चुना गया है।

इस वर्ष भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 52वें संस्करण में दुनिया भर से नौ फिल्मों को आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए चुना गया था। इस श्रेणी की प्रतिस्पर्धा करने वाली फिल्मों में 21वां टिफिन (भारत), कमिटमेंट हसन (तुर्की), किलिंग द यूनाच खान (ईरान), कूझंगल (भारत), लिंगुई-द सेक्रेड बॉन्ड्स (चाड, फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी), नाइट फॉरेस्ट (जर्मनी), निराये थाथकलुल्ला मरम (भारत), टोक्यो शेकिंग (फ्रांस) और व्हेन पोमेग्रेनेट्स हॉवेल (ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान) शामिल थीं।

हर साल इफ्फी, आईसीएफटी, पेरिस तथा यूनेस्को किसी एक फिल्म को गांधी पदक प्रदान करने के लिए एक साथ आगे आते हैं। आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली फिल्मों को पहले इफ्फी में दिखाया जाता है और फिर आईसीएफटी जूरी यूनेस्को के आदर्शों के आधार पर फिल्मों का मूल्यांकन करती है।

यूनेस्को ने 1994 में महात्मा गांधी के जन्म की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्मारक पदक जारी किया था। तब से आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार एक ऐसी फिल्म को दिया जा रहा है, जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को सबसे अच्छी तरह से दर्शाती है।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को एशिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक माना जाता है, इफ्फी कई अन्य आयोजनों के बीच आकर्षक फिल्मों, मास्टरक्लास, इन-कनवर्सेशन सत्रों का एक मिश्रण चयनित कर एक साथ लाता है। इफ्फी के 52वें संस्करण में 73 देशों की 148 अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों सहित 300 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *