एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने आज राज्य और राष्ट्रीय ग्रिड में जलविद्युत की बढ़ी हुई आपूर्ति हेतु हिमाचल प्रदेश में पारेषण प्रणाली उन्नयन के लिए वित्त पोषण जारी रखने करने के लिए 105 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए।
ऋण का यह तीसरा भाग हिमाचल प्रदेश स्वच्छ ऊर्जा ट्रांसमिशन निवेश कार्यक्रम के लिए 350 मिलियन बहु-किस्त वित्त पोषण सुविधा (एमएफएफ) का हिस्सा है जिसे सितंबर 2011 में एडीबी बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था। इस योजना का लक्ष्य राज्य के जलविद्युत स्रोतों से उत्पन्न अक्षय ऊर्जा राज्य के भीतर और बाहर केंद्रों को लोड करने के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क को विकसित और विस्तारित करना है। यह इस परियोजना के लिए एक निष्पादन एजेंसी के रूप में, राज्य पारेषण कंपनी के रूप में हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीटीसीएल) के संस्थागत क्षमता विकास का भी समर्थन करता है।
इस अवसर पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग में अपर सचिव (फंड बैंक एवं एडीबी) श्री समीर कुमार खरे ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि एडीबी के इंडिया रेजिडेन्ट मिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री केनिची योकॉयमा ने एडीबी के लिए हस्ताक्षर किए।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद श्री खरे ने कहा, “यह विशेष ऋण हिमाचल प्रदेश राज्य और पूरे उत्तरी भारत में बिजली उपभोक्ताओं को भारत के राष्ट्रीय ग्रिड में उत्पन्न जलविद्युत के प्रवाह के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम क्षमता बढ़ाने में सरकार की मदद करेगा।” ।
श्री योकोयामा ने कहा, ” एमएफएफ के तहत यह आखिरी किस्त हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत उत्पादन स्रोतों से बिजली के निकास के लिए पर्याप्त पारेषण क्षमता की उपलब्धता के बारे में मौजूदा और संभावित जल विद्युत डेवलपर्स के बीच विश्वास बनाए रखने में मदद करेगी।”
एडीबी अति निर्धनता उन्मूलन के प्रयासों को जारी रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, लचीला और सतत एशिया और प्रशांत अर्जित करने के लिए प्रतिबद्ध है।