अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 10 बड़े फैसले
- वित्त मंत्री ने कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का प्रस्ताव दिया
- सरचार्ज और सेस के साथ 25.17 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स लगेगा
- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मिनिमम अल्टरनेट टैक्स को खत्म कर दिया
- बगैर किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी होगा
- मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्स घटेगा
- शेयर बायबैक पर बढ़ा हुआ टैक्स वापस लिया गया
- शेयर बायबैक पर 20 फीसदी टैक्स लागू नहीं होगा
- डेरिवेटिव, सिक्योरिटीज पर सरचार्ज नहीं बढ़ेगा
- टैक्स घटाने का अध्यादेश पास हो चुका है- वित्त मंत्री
- इन घोषणाओं से सरकार का 1.45 लाख करोड़ का राजस्व घटेगा
सरकार ने अर्थव्यवस्था और निवेश में तेजी लाने के लिए कंपनी कर में कटौती और अन्य उपायों के जरिए उद्योगों को 1.45 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। उद्योग जगत ने भी कहा है कि सरकार की कंपनी कर में कटौती से निवेश धारणा मजबूत होगी, विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में नया जोश पैदा होगा। वित्त मंत्री के कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती सहित अन्य अहम ऐलानों के बाद एक तरफ शेयर बाजार में रौनक लौट आई तो वहीं कंपनियां इन फैसलों से काफी उत्साहित हैं।
मूडीज के सीनियर वाइस प्रेजिटेंड विकास हालन ने कहा, ”सरकार के कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 30 से 22 फीसदी करने के फैसले से कंपनियों को अच्छा फायदा मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों की क्रेडिट प्रोफाइल इस बात पर निर्भर करती है कि वे सरप्लस का इस्तेमाल बिजनस में पुनर्निवेश, कर्ज को कम करने या शेयर होल्डर्स के ऊंचे रिटर्न पर करेंगी।
सरकार ने अर्थव्यवस्था और निवेश में तेजी लाने के लिए कंपनी कर में कटौती और अन्य उपायों के जरिए उद्योगों को 1.45 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। उद्योग जगत ने भी कहा है कि सरकार की कंपनी कर में कटौती से निवेश धारणा मजबूत होगी, विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में नया जोश पैदा होगा।
उद्योग मंडल सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा, ”वित्त मंत्री का कंपनी कर में छूट एक बड़ा कदम है। इससे निवेशकों की धारणा मजबूत होगी, विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में नया जोश पैदा होगा।’’ किर्लोस्कर ने कहा कि यह कदम यह भी संकेत देता है कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकारी खर्चों में बढ़ोतरी के बजाए कर प्रोत्साहन का रास्ता अपना रही है। उद्योग मंडल ने कहा कि जिस प्रकार से कंपनी कर में कटौती की घोषणा की गई है, भारत अब क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बाजार बन गया है। हमारी कर की दरें आसियान देशों के अनुरूप हो गई हैं।
फिक्की ने बयान में कहा कि इन उपायों से वृद्धि और रोजगार में तेजी आएगी। वाहन बनाने वाली कंपनियों के संगठन सियाम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की कंपनी कर में कटौती और अन्य घोषणाओं से क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने एक बयान में कहा, ”एक अक्टूबर 2019 से नए निवेश करने वाली नई कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर घटाकर 15 प्रतिशत करने से वाहन क्षेत्र में निवेश और एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) को प्रोत्साहन मिलेगा।’’