सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह रक्षा प्रदर्शनी देशों को न केवल अपने उपकरणों का प्रदर्शन करने का मौका देगी, बल्कि परिचालन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत के रक्षा उद्योग को उनकी ताकत और क्षमताओं का पता लगाने में भी सक्षम बनाएगी।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह रक्षा प्रदर्शनी साझेदारी को बढ़ावा देने और साझा समृद्धि का हिस्सा बनने का अवसर है। इन मजबूत संबंधों से निवेश बढ़ाने, विनिर्माण का विस्तार, प्रौद्योगिकी का स्तर ऊंचा करने और संबंधित देशों की आर्थिक वृद्धि में तेजी आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र परिपक्व हो गया है और देश एवं विदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए मित्र देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी की संभावनाएं तलाश रहा है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा प्रदर्शनी से अंतरिक्ष क्षेत्र और रक्षा वस्तुओं एवं सेवाओं में 2025 तक 26 अरब अमरीकी डॉलर का कारोबार हासिल करने की सरकार की मंशा जाहिर होगी। उन्होंने कहा कि भारत की योजना उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना करना है, जहां लगभग 1 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश पहले ही प्राप्त हो चुका है। इस प्रदर्शनी में 1,000 से अधिक प्रदर्शकों के आने की उम्मीद है, जिसमें 100 से अधिक व्यावसायिक कार्यक्रम और संगोष्ठियों की योजना बनाई जा रही है।
रक्षा मंत्री ने राजदूतों से अपने संबंधित रक्षा उद्योगों के प्रमुखों को बड़े पैमाने पर रक्षा प्रदर्शनी 2020 में भाग लेने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों की वजह से सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में रक्षा उत्पादन वर्ष 2018-19 में 80,502 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। उन्होंने वर्ष 2019-20 के लिए 90,000 करोड़ रुपये के उत्पादन का लक्ष्य रखा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में लगभग 10,700 करोड़ रुपये का निर्यात कारोबार किया और इस साल का लक्ष्य 15,000 करोड़ रुपये का निर्यात कारेाबार रखा गया है।
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी निवेश प्रस्ताव को समयबद्ध तरीके से मंजूरी दी जाएगी। इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा प्रदर्शनी 2020 पर औपचारिक अधिष्ठापन फिल्म का भी विमोचन किया।
इस सम्मेलन में रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री सुभाष चंद्रा और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।