Shadow

तबलीगी जमात का निजामुद्दीन मुख्यालय कैसे बना मानव बम की फैक्ट्री

◆ दिल्ली के निजामुद्दीन वेस्ट के बंगलेवाली मरकज में 17 से 19 मार्च 2020 को हुए आलमी मसाबरात में विश्व भर के हजारों जमातियों ने भाग लिया था।
◆ निजामुद्दीन मरकज तबलीगी जमात का दिल्ली मुख्यालय है।
◆ इसमें से 24 जमाती आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने अभी तक  कोरोना पॉजिटिव कन्फर्म किये है, सैंकड़ों की जांच जारी है।
◆ इस मरकज में मलेशिया इंडोनेशिया चीन सहित दर्जनों देशों तथा भारत के 20 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया  था।
◆ इनमें से बहुत से जमाती साउथ ईस्ट एशिया की ग्लोबल मसाबरात ‘इज्तिमा एशिया’ से लौटे थे।
◆ ये इज्तिमा एशिया मलेशिया के सेलअंगोर नामक स्थान पर शेरीपेल्टिंग मस्जिद में हुआ था।
◆ 13 मार्च से दिल्ली में 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
◆ जनता कर्फ्यू के बाद 23 मार्च को दिल्ली सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा की।
◆ उसी दिन कानून तोड़ते हुए इन जमातियों में से लगभग 15 सौ लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों में इस्लामिक प्रचार के लिए भेज दिया।
◆ वहां बचे लगभग हजार लोगों के लिए 24 मार्च को निजामुद्दीन थाने ने मरकज को नोटिस देकर के उसे खाली करने के लिए कहा।
◆ जब नहीं माने तो 25 मार्च को तहसीलदार की अगुवाई में एक मेडिकल टीम ने वहां के लोगों की कोरोनावायरस की जांच की कोशिश की किंतु उसे सहयोग नहीं मिला।
◆ बात तब खुली, जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में, जो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए, उनमें से अधिकांश ने कहा कि हम दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से आए हैं।
◆ ये तबलीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कश्मीर, अंदमान व तेलंगाना में कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
◆ हैदराबाद की नूरी मस्जिद में एक चीनी तबलीगी जमात का व्यक्ति पॉजिटिव मिला तो कर्नाटक के तुमकुर में कोरोना से मरने वाले का कनेक्शन दिल्ली की जामा मस्जिद से मिला जो मार्च के आसपास जामा मस्जिद दिल्ली में था।
◆अंदमान के जो 9 पॉजिटिव मामलों में से भी अधिकांश के कनेक्शन इसी तबलीगी जमात के मरकज ए मसाबरात से थे।
◆ यह सभी अब देश में मानव बम की तरह विभिन्न हिस्सों में फैल चुके हैं।
◆ भारत को बचाने के लिए अब यह बहुत बड़ी चुनौती बन चुके हैं।
◆ प्रश्न उठता है कि आखिरकार इतनी कड़ी हिदायतों व महामारी की चिंता के बावजूद जो लोग विदेश से आए वे एकांतवास में क्यों नहीं रहे।
◆ जो लोग भारत में थे उन्होंने सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए आखिरकार ऐसे मरकज को क्यों होने दिया?
◆ आखिर भारत के इस्लामिक बुद्धिजीवी, इस्लामिक संस्थाएं तथा सेकुलर बिरादरी के लोग इस सब पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?
◆ कहीं यह मरकज देश को मरघट में बदलने का कोई षड्यंत्र तो नहीं?
◆ कहीं यह इस्लामी जिहाद का कोई हिस्सा तो नहीं?

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *