कोविड-19 के प्रकोप को ध्यान में रखकर अनेक सेक्टरों में वैधानिक और नियामकीय अनुपालन के बारे में किए गए कई महत्वपूर्ण राहत उपायों के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को प्रभावी करने के लिए सरकार ने 31 मार्च, 2020 को एक अध्यादेश जारी किया है।
इनमें से कुछ महत्वपूर्ण राहत उपाय और इस अध्यादेश के जरिए बढ़ाई गई समय सीमाएं निम्नलिखित हैं:-
★ प्रत्यक्ष कर और बेनामी:
● वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए मूल के साथ-साथ संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गई है।
● आधार कार्ड और पैन को आपस में जोड़ने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गई है।
● Income Tax Act के अध्याय-VIA-B, जिसमें धारा 80C (LIC, PPF, NSC इत्यादि), 80D (मेडिक्लेम), 80G (दान) आदि शामिल हैं, के अंतर्गत कटौती का दावा करने के लिए विभिन्न निवेश/भुगतान करने की तिथि बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गई है। अत: वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इन धाराओं के तहत कटौती का दावा करने के लिए 30 जून 2020 तक निवेश/भुगतान किया जा सकता है।
● Income Tax Act की धारा 54 से 54GB तक के अंतर्गत पूंजीगत लाभ के संबंध में रोलओवर लाभ/कटौती का दावा करने के लिए निवेश/निर्माण/खरीद करने की तिथि भी 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। अत: 30 जून 2020 तक किए गए निवेश/निर्माण/खरीद वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान होने वाले पूंजीगत लाभ से कटौती का दावा करने के पात्र होंगे।
● Income Tax Act की धारा 10AA के अंतर्गत कटौती का दावा करने वाली SEZ इकाइयों (यूनिट) के लिए परिचालन शुरू करने की तिथि भी उन इकाइयों के लिए 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है, जिन्हें 31 मार्च, 2020 तक आवश्यक अनुमोदन प्राप्त हो गया है।
● विभिन्न प्रत्यक्ष करों और बेनामी कानून के तहत अधिकारियों द्वारा आदेश या नोटिस जारी करने की तिथि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई है।
● यह प्रावधान किया गया है कि 9% का घटा हुआ ब्याज आयकर (जैसे अग्रिम कर, टीडीएस, टीसीएस), समकारी लेवी, प्रतिभूति लेन-देन कर (STT), कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (CTT) का भुगतान नहीं करने पर लिया जाएगा (जिनका भुगतान 20 मार्च 2020 से 29 जून 2020 तक किया जाना है), बशर्ते कि यह भुगतान 30 जून 2020 तक कर दिया जाएगा। इसके अलावा, इनका भुगतान न करने पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा/अभियोजन शुरू नहीं किया जाएगा।
● *विवाद से विश्वास योजना* के अंतर्गत भी तिथि 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। अत: इस योजना के तहत घोषणा और भुगतान बगैर अतिरिक्त अदायगी के ही 30 जून 2020 तक किया जा सकता है।
★ अप्रत्यक्ष कर:
● मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए निर्दिष्ट केंद्रीय उत्पाद शुल्क रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया है।
● केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 और इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अंतर्गत जहां भी अपील दाखिल करने, रिफंड आवेदन करने, इत्यादि की अंतिम तिथि 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 तक है, उसे 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
● सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अंतर्गत जहां भी अपील दाखिल करने, रिफंड आवेदन करने, इत्यादि की अंतिम तिथि 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 तक है, उसे 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
● जहां भी सेवा कर से संबंधित अपील, इत्यादि दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 तक है, उसे 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
● *सबका विश्वास कानूनी विवाद समाधान योजना 2019* के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए भुगतान करने की तिथि 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। अत: करदाताओं को अपने विवादों को हल करने के लिए अधिक समय दिया गया है।
उपर्युक्त कराधान और बेनामी अधिनियमों के अंतर्गत समय सीमा बढ़ाने के अलावा CGST Act, 2017 में एक सक्षम धारा शामिल की गई है जिसके तहत बाह्य आपूर्ति का विवरण, रिफंड दावे दाखिल करने, अपील दायर करने, इत्यादि सहित विभिन्न अनुपालनों के लिए नियत तारीखों को बढ़ाने का अधिकार सरकार को दिया गया है, जैसा कि जीएसटी परिषद के प्रस्तावों पर अधिनियम के तहत निर्दिष्ट, निर्धारित या अधिसूचित किया गया है।
★ पीएम केयर्स फंड:
● पीएम केयर्स फंड में किया गया दान Income Tax Act की धारा 80G के अंतर्गत 100% कटौती का पात्र होगा। इसके अलावा, सकल आय के 10% की कटौती की सीमा भी पीएम केयर्स फंड में किए गए दान पर लागू नहीं होगी।
● क्योंकि Income Tax Act की धारा 80G के अंतर्गत कटौती का दावा करने की तिथि 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है, इसलिए 30 जून 2020 तक किए जाने वाले दान भी वित्त वर्ष 2019-20 की आय से कटौती के पात्र होंगे।
अत: नई व्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 की आय पर रियायती कर अदा करने वाली कंपनियों सहित कोई भी व्यक्ति 30 जून 2020 तक पीएम केयर्स फंड में दान कर सकता है और वित्त वर्ष 2019-20 की आय पर धारा 80G के तहत कटौती का दावा कर सकता है तथा इसके साथ ही वह वित्त वर्ष 2020-21 की आय के लिए रियायती कराधान व्यवस्था में कर का भुगतान करने की अपनी पात्रता भी नहीं गंवाएगा।