केंद्रीय गृह मंत्री के दिशा-निर्देशों के तहत गृह सचिव ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों को अपने गृह राज्य जाने से रोकने के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त राहत शिविर बनाने और उनकी आर्थिक दिक्कतें दूर करने के वास्ते कदम उठाने को लिखा है, जिससे कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके।
लॉकडाउन के कदमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने और पलायन करने वाले कामगारों की आर्थिक दिक्कतें दूर करने के लिए सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को निम्नलिखित अतिरिक्त कदम उठाने की सलाह दी गई है:
- राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारें लॉकडाउन के कारण संबंधित इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों के साथ ही गरीब और वंचित लोगों के लिए अस्थायी आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें और खाद्य आदि का प्रावधान करें;
- अपने गृह राज्यों या गृह नगर जाने के लिए निकलने वाले प्रवासी लोगों को संबंधित राज्य/ गृह नगरों द्वारा पर्याप्त जांच के बाद नजदीक के आश्रय स्थल पर कम से कम 14 दिन तक के लिए क्वारंटाइन (एकांतवास) में रखा जाए। इस दौरान मानकीकृत स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाए;
- उद्योग या दुकानें या कोई अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हो, सभी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान उनके प्रतिष्ठान बंद रहने की अवधि के दौरान बिना किसी कटौती के अपने कार्यस्थल पर निश्चित तारीख पर ही भुगतान करें;
- यह सुनिश्चित किया जाए कि किराये के घर में रहे प्रवासियों सहित सभी कामगारों से मकान मालिकों को एक महीने के किराये की मांग नहीं करनी चाहिए।
- अगर कोई मकान मालिक जबरन किसी कामगार और छात्र से अपना घर खाली करने के लिए कहता है तो उनके खिलाफ कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि उक्त निर्देशों में से किसी एक के उल्लंघन पर संबंधित राज्य/ संघ शासित क्षेत्र की सरकार को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जरूरी कदम उठाने होंगे और जिलाधिकारी/ उप आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस उपायुक्त उक्त दिशानिर्देशों और पूर्व में जारी लॉकडाउन के उपायों को लागू करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे।