एक जमाने में दुनिया के खूबसूरत और दुनिया की आर्थिक ताकत के रूप में बेरुत शहर मशहूर था बॉलीवुड के तमाम फिल्मों की शूटिंग के रूप में होती थी जिसमें धर्मेंद्र और माला सिन्हा की आंखें भी शामिल थी …इतना ही नहीं हॉलीवुड का भी पसंदीदा शूटिंग स्थल बेरुत हुआ करता था और दुनिया के कुल सोने के गहनों का 50% कारोबार अकेले बेरुत से होता था और बेरुत को दुनिया की सबसे बड़ी सोने की मंडी कहा जाता था
लेबनान की आर्थिक ताकत इतनी ज्यादा थी एक जमाने में लेबनान की मुद्रा पाउंड और डॉलर और से भी ज्यादा तगड़ी हुआ करती थी। लेबनान बेहद खूबसूरत देश हुआ करता था। मेडिटरेनियन सी का बहुत बड़ा किनारा लेबनान के पास है मेडिटरेनियन के समुद्र तट कोरल रीफ से बने हैं इस वजह से साफ-सुथरी सफेद रेती जो कोरल रीफ के इरोजन से बनती है और मेडिटरेनियन का खूबसूरत नीला समुंदर साथ ही साथ ओलिव यानी जैतून के हजारों हेक्टेयर के विशाल फार्म खजूर के फॉर्म लेबनान को बेहद खूबसूरत बनाते थे
ऐसा देश है जहां का कुछ हिस्सा इतना ठंडा है कि वहां काफी बर्फ गिरती है और middle-east के देशों में यानी अरब देशों में लेबनान एकमात्र ऐसा देश है जहां के काफी बड़े हिस्से में बर्फबारी भी होती है
1972 तक लेबनान और इसकी राजधानी बेरुत घूमना लोगों का एक सपना हुआ करता था
1960 तक लेबनान में 30% मुस्लिम आबादी थी जिसमें 15% शिया थे और 15% सुन्नी थे। 1975 तक लेबनान में 54% मुस्लिम हो गए जिसमें 27% शिया और 27% सुन्नी है
फिर मुसलमानों ने लेबनान में शरिया कानून लागू करने की मांग कर दी और जगह जगह आगजनी होने लगी और 1975 में लेबनान में छोटा-मोटा गृहयुद्ध छिड़ गया
फिर जब 1978 में ईरान में तख्तापलट हुआ और ईरान को धर्मनिरपेक्ष देश से कट्टर इस्लामिक देश बनाने की घोषणा की गई और कट्टरपंथी मौलाना अयातुल्लाह खोमेनी ने ईरान में शरिया कानून लागू कर दिया तब लेबनान के कट्टरपंथी मौलाना लोगों ने भी लेबनान को धर्मनिरपेक्ष से इस्लामिक देश बनाने की मांग को लेकर मारकाट मचा दिया। फिर संयुक्त राष्ट्र संघ के दखल के बाद लेबनान में डेमोग्राफिक शिफ्टिंग की गई जो विश्व में अपनी तरह का अनूठा शिफ्टिंग था जिस में ईसाइयों को एक अलग इलाके में बसाया गया और मुस्लिमों को एक अलग इलाके में बसाया गया और यह शिफ्टिंग राजधानी बेरुत में भी हुई बेरुत में ईसाइयों का अलग इलाका घोषित कर दिया गया और मुसलमानों का एक अलग इलाका घोषित कर दिया गया। नतीजा यह हुआ अब मुसलमान आपस में ही शिया सुन्नी मारकाट करने लगे और शियाओ ने एक कट्टर आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला बनाया और यह हिजबुल्ला शियाओं का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन है उसके बाद हिजबुल्ला ने लेबनान में सुन्नियों को मारना शुरू किया और बड़ी संख्या में सुन्नियों का कत्लेआम किया गया जिससे बहुत से सुननी सऊदी अरब भाग गए हिजबुल्ला को ईरान और सीरिया का समर्थन प्राप्त है
अभी जो बेरुत के पोर्ट पर ब्लास्ट हुआ जिससे लगभग 70% बेरूत शहर बर्बाद हो गया यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय को ही काफी बड़ा नुकसान हुआ उस ब्लास्ट के पीछे एक जानकारी यह आ रही है कि हिजबुल्ला ने एक गोदाम में लगभग 40000 टन अमोनियम नाइट्रेट इकट्ठा किया था जिसके द्वारा वह इजरायल पर हमला करना चाहता था लेकिन इसराइल को इसकी भनक लग गई और इजराइल ने उस गोदाम में ब्लास्ट करके 70% बेरूत को ही उड़ा दिया।
वैसे जहां-जहां इन के पांव पड़े वहां वहां इन्होंने बंटाधार ही किया।