भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आई केजरीवाल सरकार अब खुद ही भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों में घिरी नज़र आ रही है. केजरीवाल सरकार के द्वारा उठाए गए क़दमों की जांच करने के लिए सितंबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति की रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल सरकार के द्वारा उठाए गए क़दमों में मनमानी प्रक्रिया का पालन किया गया है और इनमें अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं. एक तरफ जहां इस रिपोर्ट के आने से आप में गुस्सा है, क्योंकि उसे लग रहा है कि इसका सीधा असर एमसीडी चुनावों में पड़ेगा तो वहीं कोंग्रेस एक बार फिर हमलावर की मुद्रा में है. इसी प्रकार मकानों और कार्यालय के आवंटनों में भी उपराज्यपाल की अनुमति नहीं ली गयी जबकि यह आवश्यक है. अब देखते हैं, कि क्या इस रिपोर्ट का कुछ असर एमसीडी के चुनावों में पड़ेगा?