प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में राज्यों के मुख्य सचिवों के दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया, जो आज समाप्त हुआ।
एक ट्वीट थ्रेड में, प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों के साथ बातचीत के दौरान जोर दिए गए विषयों के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने ट्वीट किया:
“पिछले दो दिनों के दौरान, हम दिल्ली में मुख्य सचिवों के सम्मेलन में व्यापक चर्चाओं के साक्षी रहे हैं। आज के मेरे संबोधन के दौरान, उन विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर जोर दिया गया, जो लोगों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं और भारत के विकास पथ को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
दुनिया की निगाहें भारत पर होने के साथ, अपने युवाओं की प्रतिभा के समृद्ध भंडार के सहारे आने वाले वर्ष हमारे राष्ट्र के होंगे। ऐसे समय में अवसंरचना, निवेश, नवाचार और समावेशन के चार स्तंभ सभी क्षेत्रों में सुशासन को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ायेंगे।
मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें अपने एमएसएमई सेक्टर को लगातार मजबूत करते रहना है। आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। स्थानीय उत्पादों को लोकप्रिय बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। साथ ही, मैंने अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में गुणवत्ता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
मैंने मुख्य सचिवों से अनावश्यक अनुपालनों और पुराने हो चुके कानूनों व नियमों को समाप्त करने पर ध्यान केन्द्रित करने का आह्वान किया। ऐसे समय में जब भारत अभूतपूर्व सुधारों की शुरुआत कर रहा है, आवश्यकता से अधिक नियमन और नासमझी भरे प्रतिबंधों की कोई गुंजाइश नहीं है।
जिन कुछ अन्य मुद्दों पर मैंने बात की, उनमें पीएम गति शक्ति और इस विजन को साकार करने के लिए तालमेल बनाना शामिल हैं। मैंने मुख्य सचिवों से मिशन लाइफ के प्रति उत्साह का संचार करने और बड़े पैमाने पर सामूहिक भागीदारी के साथ अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाने का आग्रह किया।”