पावन चिंतन धारा आश्रम के युवा प्रकल्प, यूथ अवेकनिंग मिशन द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, दिल्ली में स्वराज सभा का आयोजन किया गया। जिसका विषय था ‘कल्चरल कॉन्फ्लिक्टस एंड कॉन्स्टिट्यूशन’।
कार्यक्रम की कैंपेनिंग के समय विद्यार्थियों में सभा के विषयों तथा वक्ताओं को लेकर जो उत्सुकता और उत्साह अनुभव हुआ था वह दर्शकों के रूप में परिलक्षित भी हुआ। विधार्थी दिल्ली विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय, एमिटी, एशियन लॉ कॉलेज, लॉयड एवम इंद्रप्रस्थ विश्विद्यालय से एकत्रित हुए तथा कही राज्यों से लॉ तथा राजनैतिक विज्ञान से जुड़े शोधकर्ता और अधिवक्ता भी स्वराज सभा में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में परमपूज्य प्रोफेसर पवन सिन्हा ‘गुरुजी’ द्वारा विषय प्रस्तुति रखी गई जिसमें उन्होंने कहा समाज में सांस्कृतिक परिपेक्ष्य में बहुत से गंभीर मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिये, जो अब नही होती। समाज मे व्याप्त सकारत्मकता तथा नकारात्मकता हमारे जीवन एवं हमारे घर तक पर बड़ा प्रभाव डालती है। स्वराज सभा जैसी चर्चाएं हमे सकारत्मकता की ओर ले जाएगी। आगे आने वाले कुछ वर्षों में ही कोर्ट में बड़ी लड़ाईयां लड़नी होंगी जिसे संविधान के दायरे में रहकर ही लड़ा जा सकता है। इसलिये अपने संविधान को समझने की बड़ी जरूरत है, और आज का युवा इसमें बड़ी भूमिका रखता है, इसलिये आज के इस सत्र – ‘कल्चर कॉन्फ्लिक्टस एंड कॉन्स्टिट्यूशन’ में हो रही चर्चा मौजूदा स्थिति को अच्छे से समझ भविष्य के लिये तैयार करेगी।
विभिन्न सत्रों में युवाओं से चर्चा करने हेतु देश के जाने-माने थिंक टैंक एवं वक्ता गण, जिनमें प्रो. पवन सिन्हा ‘गुरुजी’, न्यायाधीश शंभु नाथ श्रीवास्तव, प्रो. योगेश गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, कर्नल आर. एस. एन. सिंह, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन एवं जे. साई दीपक उपस्थित थे।
सभागार जिज्ञासु श्रोताओं से ठसाठस भरा हुआ था और उनके द्वारा किए गए प्रश्नों तथा वक्ताओं द्वारा दिए बेबाक उत्तरों ने स्वराज सभा के आयोजन के उद्देश्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में श्री राजेन्द्र छिब्बर, अनुज अग्रवाल जी, संदीप त्यागी जी, माननीय न्यायाधीश ज्योतसना शर्मा जी, तथा पूर्व ADJ उमाशंकर शर्मा जी उपस्थित रहे।