संघ शिक्षा वर्ग साधना है, रामदत्त जी का प्रतिपादन।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का सोमवार 8 मई को नागपुर स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में स्थित महर्षि व्यास सभागार में शुभारम्भ हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह तथा इस वर्ग के पालक अधिकारी श्री रामदत्त जी ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा, कि कष्ट में भी आनंद की अनुभूति को साधना कहते हैं। संघ शिक्षा वर्ग यह साधना है। इस अवसर पर अखिल भारतीय सह सर कार्यवाह के सी मुकुंद जी तथा अवध प्रांत के संघचालक कृष्ण मोहन जी (वर्ग के सर्वाधिकारी) उपस्थित थे।
दीप प्रज्वलन तथा भारत माता की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पण करने के पश्चात देश भर से आये स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए रामदत्त जी ने कहा, कि जिस प्रकार किसान अपने खेतों में बीज का रोपण करता है, उसी प्रकार संघ शिक्षा वर्ग में स्वयंसेवकों के भीतर संस्कारों का बीजारोपण होता है। इसीलिए संघ कार्य में प्रशिक्षण का महत्व है। रेशिमबाग की यह पवित्र भूमि डॉ. हेडगेवार तथा श्री गुरूजी की तपोस्थली है। यहां आनेवाले हर स्वयंसेवक को देश प्रथम, ‘स्व’ के प्रति गौरव, प्रामाणिकता, देश भक्ति, अनुशासन और स्नेह का भाव विकसित करने का अवसर प्राप्त होता है।
वर्ग में सम्मिलित स्वयंसेवकों को अन्य प्रांतों से आये न्यूनतम दो स्वयंसेवकों से गहन परिचय करना चाहिए। उनके प्रांतों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। रामदत्त जी ने आगे कहा, कि स्वयंसेवकों को समाज के प्रश्नों की केवल चर्चा ही नहीं अपितु, समाधान ढूंढनेवाला बनना चाहिए।
इस अवसर पर, रामदत्त जी ने आवाहन किया, कि संघ शिक्षा वर्ग में रहते हुए हमें संघ के स्वभाव को भी समझना पड़ेगा। तथा संघ मत में निजी मत को विलीन करना सीखना होगा। यही संगठन का गुण है। साथ ही स्वयंसेवकों को समाज में कार्य करते समय अग्रेसर होकर कार्य करनेवाला बनना होगा। रामदत्त जी ने बताया, कि शीघ्र ही संघ स्थापना को सौ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। संघ शिक्षा वर्ग में सम्मिलित होने वाले स्वयंसेवकों को इस बात का विचार करना होगा, कि आनेवाले दिनों में कार्यविस्तार को लेकर हमारी भूमिका क्या होगी? इस दृष्टि से विचार करना होगा तथा संघ और समाज के विचार एकरूप होने तक हमें प्रयासरत रहना होगा। इस बार, तृतीय वर्ष में प्रशिक्षण हेतु देश के सभी प्रातों से आये 682 प्रशिक्षार्थी स्वयंसेवक सहभागी हो रहे हैं।
वर्ग का पथ संचलन 21 मई 2023 को होगा तथा वर्ग का समापन 1 जून 2023 को होगा।
रा. स्व. संघ, संघ शिक्षा वर्ग – तृतीय वर्ष अधिकारी परिचय
पालक अधिकारी – श्री रामदत्तजी, सह सरकार्यवाह
मा. सर्वाधिकारी – मा. कृष्णमोहनजी, प्रांत संघचालक, अवध प्रांत
वर्ग कार्यवाह – श्री. एन. तिप्पे स्वामीजी, कार्यवाह, दक्षिण मध्य क्षेत्र
मुख्य शिक्षक – श्री. ए. सी. प्रभूजी, शा. प्रमुख, दक्षिण तमिलनाडू प्रांत
सह मुख्य शिक्षक – श्री. अतुल देशपांडेजी, प्रचारक, गुवाहाटी विभाग
बौद्धिक प्रमुख – श्री. नरेंद्र शर्माजी, शारीरिक प्रमुख, पंजाब प्रांत
सह बौद्धिक प्रमुख – श्री. उदय शेवडेजी, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, कोकण प्रांत
सेवा प्रमुख – श्री. शिव लहरीजी, क्षेत्र सेवा प्रमुख, राजस्थान क्षेत्र
व्यवस्था प्रमुख – श्री. भालचंद्र किटकरू, सहकार्यवाह, अजनी भाग (नागपुर)
सह व्यवस्था प्रमुख – श्री. नरेंद्र बोकडेजी, व्यवस्था प्रमुख,लालगंज भाग (नागपुर)