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ज्ञानवापी मामले में योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बात की तो बात दूर तक चली गई !

बात करने से पहले यह बता दें कि योगी के गुरु गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ ने तीन दशक पूर्व क्या मांग की थी ?

उन्होंने कहा था कि ग्यारहवीं शताब्दी के बाद भारत में एक एक कर 3000 मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गई हैं !
मुस्लिम समाज इनमें से यदि अयोध्या , मथुरा , काशी पर अपना दावा छोड़ दे तो बाकी मंदिरों की बात सदा सदा के लिए बंद कर दी जाएगी !
ऐसा करने पर देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच ऐसा सौहार्द कायम होगा जिसकी अभी कल्पना भी नहीं की जा सकती !

महंत अवैद्यनाथ की बात का देश भर के साधु संतों और अन्य धर्माचार्यों ने एक सुर से समर्थन किया । विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मंडल ने ऐसा प्रस्ताव भी पारित कर दिया । अशोक सिंहल ने तो इसे अभियान ही बना लिया । कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसी मांग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुस्लिम समाज को खुद ही ज्ञानवापी परिसर को काशी विश्वनाथ को सौंप देना चाहिए । उनका बयान उस समय सामने आया जब कोर्ट के आदेश पर शुरू हुआ एएसआई का सर्वे शुरू होकर रुका हुआ है और तीन दिन बाद महत्वपूर्ण फैसला आना है ।

अयोध्या में राम , मथुरा में कृष्ण और काशी में शिव का क्या मतलब है , यह बात मुस्लिम समाज भी बाखूबी जानता है । इन तीनों मंदिरों पर अब तक इतना सब कुछ बाहर आ चुका है कि कुछ भी बताना उसे दोहराना भर होगा । यकीनन कोई भी कोर्ट जब सारे प्रमाण देख लेगा तो ज्ञानवापी को भी शिव मंदिर घोषित करेगा और मथुरा को भी कृष्ण जन्मभूमि ।

योगी आदित्यनाथ ने इतना ही तो कहा कि ज्ञानवापी पर मुस्लिम समाज खुद ही सदाशयता का परिचय दे । इसमें क्या गलत है ? प्रदेश और देश में शांति के लिए एक सीएम क्या इतना भी नहीं कह सकता ? काशी , मथुरा और अयोध्या में करोड़ों हिंदू अपने आराध्यों का दर्शन करने हर साल आते हैं । जरा बताइए क्या देश के 1% मुसलमान भी अब तक कभी ज्ञानवापी देखने बनारस गए हैं ? अरब या इस्लामिक देशों से ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने क्या 100 मुस्लिम भी कभी आए हैं ?

आश्चर्य होता है यह जानकर कि देश में विपक्ष ने कितनी बार काशी , मथुरा और अयोध्या के दर्शन किए हैं ? क्या ओवैसी , शाही ईमाम , आजम खां , अबू आजमी आदि नेताओं में से कोई कभी ज्ञानवापी गया है ? कोई नहीं गया न ही कोई जाएगा । हां राजनीति सब करेंगे । एक और सवाल ? क्या राहुल , प्रियंका , ममता , नीतीश , लालू , केजरीवाल कभी अयोध्या मथुरा काशी में दर्शन करने गए हैं ?

इन नेताओं का क्या कहना है मथुरा और काशी के विवाद पर ? क्या वे कभी मुंह खोलेंगे ? डॉट डॉट इंडिया वाले नेताओं में से उद्धव को छोड़कर क्या कोई एक भी नेता है जो जनवरी में रामलला के दर्शन करने अयोध्या जा रहा हो ? यदि कोई जा रहा हो तो यह जानकर खुशी होगी । डॉट डॉट वाले नेताओं को साफ करना चाहिए कि एएसआई सर्वे सही है या गलत ? यह भी बताइए विपक्षी नेताओं कि ज्ञानवापी पर योगी ने जो कहा वह सही है या गलत ?
अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,

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