ईसाई – मुस्लिम युद्ध में बदल जाएगा –
इसका दुष्परिणाम हर देश झेलेगा,
आज नहीं तो कल, यह युद्ध होगा –
वर्तमान में ईरान इसी कोशिश में है –
ऐसे आसार बहुत समय से बन रहे थे जिन्हें देख कर लगता था कि एक न दिन विश्व ईसाई-मुस्लिम युद्ध देखेगा – इस्लामिक आतंकियों ने कभी अमेरिका पर, कभी इज़रायल पर और कभी यूरोप के देशों में हमले करके चिंगारी भड़काने की कोशिश की है – ईरान, इराक और पाकिस्तान इस कार्य में आगे रहे हैं –
अबकी बार जिस तरह हमास ने यहूदी कौम का नरसंहार किया वह हिटलर के समय में यहूदियों पर की गई बर्बरताके बाद दूसरा प्रयास था यहूदी कौम को ख़त्म करने का – लेकिन इस के पीछे बेशक ईरान का प्रत्यक्ष हाथ नज़र ना आ रहा हो मगर उससे इंकार भी नहीं किया जा सकता, खासकर जिस तरह ईरान इज़रायल के आसपास के इस्लामिक देशों को उसके खिलाफ भड़का रहा है, उसे देख कर यही लगता है कि ईरान इस युद्ध को ईसाई मुस्लिम युद्ध में बदलने की कोशिश में लगा है –
फिलिस्तीन का समर्थन करने में कई देश आगे आए हैं, भारत ने भी फिलिस्तीन की सम्प्रभुता के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है लेकिन फिलिस्तीन स्वयं “हमास” को पाल कर और अपनी भूमि से उत्पात मचाने की अनुमति देकर नुकसान भुगतेगा – पाकिस्तान भी आतंकियों को पनाह देकर आज दुनिया में अकेला हो गया है और ऐसा फिलिस्तीन के साथ भी हो सकता है –
जिस सीरिया ने गृहयुद्ध वर्षों तक झेला और जिसके 6 लाख से अधिक लोग मारे गए और लाखों यूरोप समेत कई देशों में शरण लेने को मजबूर हो गए और जिस देश में रूस, अमेरिका, तुर्की समेत कई देशों ने लगातर बम बरसा कर काफी समय तक सेवा की, वह सीरिया भी आज इज़रायल के खिलाफ युद्ध करने को आतुर है – अकेले जर्मनी सीरिया के 5 लाख 60 हज़ार शरणार्थी अपने यहाँ रखे हुए हैं जो आज वहां इज़रायल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं – यूरोप के जिन देशों ने भी सीरिया के लोगों को शरण दी थी, उन्हें वापस सीरिया भेज दें तो अच्छा होगा –
इज़रायल के खिलाफ हमास के अलावा हिज़्बुल्ला लड़ रहा है, और ISIS, तालिबान, और बोको हरम भी मोर्चा खोलने को तैयार हैं – साथ ही चेचन्या भी तैयारी कर रहा है – याद रहे चेचन्या के खिलाफ रूस लड़ता रहा है और यदि चेचन्या इज़रायल के खिलाफ लड़ेगा तो क्या रूस उसकी तरफ खड़ा होगा क्योंकि रूस भी इज़रायल का विरोध कर रहा है –
अपने मुल्क में जो चीन उइघुर मुसलमानों को कुचलने में लगा है, वह ईरान से बात कर रहा है और कह रहा है कि वह मुस्लिम देशों के साथ है इज़रायल के विरुद्ध –
दुनिया के अनेक देशों में हमास के समर्थन में मुस्लिम प्रदर्शन कर रहे हैं – और इसलिए युद्ध अगर बढ़ता है तो उसे ईसाई मुस्लिम युद्ध में परवर्तित होने में देर नहीं लगेगी क्योंकि अमेरिका और यूरोप के अधिकांश देश इज़रायल के साथ हैं और इन देशों में इस्लामिक आतंकी अपने पैर पसार चुके हैं –
अगर यह युद्ध ईसाई मुस्लिम युद्ध में बदलता है तो दुनिया का हर देश इससे प्रभावित होगा जहां जहां भी मुस्लिम रहते हैं और सबसे बड़ा खतरा भारत के लिए होगा –
इतना तो निश्चित है, आज नहीं तो कल, ईसाई मुस्लिम युद्ध होकर रहेगा और तब विश्व में असली विनाश होगा – यह युद्ध अभी तक हो चुका होता यदि 56 इस्लामिक देशों की कोई संगठित सेना होती जो अभी तक नहीं है क्योंकि इस्लाम के लिए सबके विचार अलग अलग हैं –
(सुभाष चन्द्र)
“मैं वंशज श्री राम का”