रामस्वरूप रावतसरे
लोकसभा में अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहने वाली महुआ मोइत्रा पर बड़ा आरोप लगा हैं कि वो भले ही टीएमसी की सांसद हैं और कृष्णानगर लोकसभा सीट से जनता द्वारा चुनकर लोकसभा भेजी गई हैं, लेकिन वो पैसों के लिए जनता और राष्ट्र के हित की नहीं बल्कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के लिए काम करती हैं। ये आरोप एक मशहूर वकील ने आँकड़ों के साथ लगाए है, जिसपर एक्शन लेने की माँग करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इस मामले में महुआ मोइत्रा ने पलटवार भी किया है और कहा है कि पहले जिन लोगों पर मैंने आरोप लगाए हैं, उन पर कार्रवाई की जाए, फिर मेरे दरवाजे पर आया जाए।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई का हवाला दिया है। अपने पत्र में भाजपा सांसद ने टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर लोकसभा में सवाल पूछने के नाम पर घूस लेने का आरोप लगाया है। उसे सदन की अवमानना करार देते हुए उन्होंने लिखा कि इसकी तत्काल जाँच कर कार्रवाई की जाए।
निशिकांत दुबे ने अपने पत्र में लिखा है, “मुझे जय अनंत देहाद्राई, अधिवक्ता का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने महुआ मोइत्रा पर सवाल के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।” बीजेपी सांसद ने पत्र में लिखा है कि एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के बिजनेस हितों को ध्यान में रखते हुए सवाल पूछे गए। निशिकांत दुबे ने पत्र में लिखा कि महुआ मोइत्रा के हालिया 61 सवालों में से 50 सवाल ऐसे हैं, जो दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें फायदा पहुँचाने के लिए पूछे गए।
निशिकांत दुबे ने आगे कहा, “जब भी संसद सत्र होता है, मोहुआ मोइत्रा और सौगत रॉय किसी न किसी बहाने, हर किसी के साथ दुर्व्यवहार करके सदन की कार्यवाही को बाधित करते हैं। मैं और कई अन्य सांसद हमेशा हैरान रहते थे कि महुआ मोइत्रा के नेतृत्व वाली टीएमसी की ‘चिल्लाने वाली ब्रिगेड’ ऐसी रणनीति क्यों अपनाती है, जो मुद्दों पर बहस करने और चर्चा करने के अन्य सदस्यों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।” भाजपा सांसद ने कहा कि अब लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले एक व्यवसायी से धन जुटाने और दूसरे व्यावसायिक समूह को निशाना बनाने की महुआ मोइत्रा की मंशा का पर्दाफाश हो गया है।
भाजपा नेता निशिकांत दुबे द्वारा गंभीर आरोप लगाने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया सामने आई है। दुबे ने संसद में सवाल पूछने के लिए एक बिजनेसमैन से गिफ्ट लेने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा को तत्काल निलंबित करने की मांग की थी। इन आरोपों को महुआ मोइत्रा ने सिरे से खारिज किया है।
टीएमसी सांसद ने ट्वीट कर कहा, ’’मैं एक कॉलेज/विश्वविद्यालय खरीदने के लिए अपनी सारी गलत कमाई की गई नकदी और उपहारों का उपयोग कर रही हूं, जिसमें डिग्री दुबे अंततः एक वास्तविक डिग्री खरीद सकते हैं।’’ उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से झूठे हलफनामे के लिए निशिकांत दुबे के खिलाफ जांच पूरी करने और फिर उनकी जांच समिति गठित करने का निवेदन किया है।
महुआ मोइत्रा ने लिखा, ’’अडानी के ऑफशोर मनी ट्रेल, इनवॉइसिंग, बेनामी खातों की जांच पूरी करने के तुरंत बाद मेरे कथित मनी लॉन्ड्रिंग की सीबीआई की जांच का भी स्वागत है। अडानी प्रतिस्पर्धा को मात देने और हवाईअड्डे खरीदने के लिए भाजपा एजेंसियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन मेरे साथ ऐसा करने का प्रयास न करें।’’ उन्होंने कहा, ’’फर्जी डिग्रीवाला और अन्य भाजपा के दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकारों के कई उल्लंघन लंबित हैं। अध्यक्ष द्वारा उन पर कार्यवाही समाप्त करने के तुरंत बाद मेरे विरुद्ध किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है।’’
भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे के टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर ’’कैश फॉर क्वेरी’’ वाले आरोप पर सियासी गर्मी बढ़ गई है। पक्ष और विपक्ष को एक दूसरे के खिलाफ़ बहसबाजी का एक और मुद्दा मिल गया। बहरहाल, इस मामले पर विपक्ष ने महुआ मोइत्रा का समर्थन किया है। शिवसेना (यूबीटी) ने अडानी का नाम लेकर भाजपा पर निशाना साधा। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, ’’अडानी सहित किसी भी उद्योगपति पर सवाल उठाना बीजेपी को बर्दाश्त नहीं है, इसलिए वे ऐसे आरोप लगाते हैं। महुआ मोइत्रा टीएमसी की एक प्रसिद्ध नेता हैं और वे (बीजेपी) उनका मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं।’’
नेता हरीश रावत के अनुसार ’’मैं बीजेपी को चुनौती देना चाहता हूं कि वह सभी विपक्षी नेताओं को लोकसभा से निलंबित कर दे और फिर दुनिया आपकी ताकत देखेगी। लोकतंत्र में विपक्ष का अपना रुख और महत्व होता है। कौन हैं निशिकांत दुबे? अगर किसी जांच एजेंसी को कोई तथ्य मिलता है तो संस्थान स्वतः इसकी जांच करेगा। वे सिर्फ बहुमत की शक्ति का दुरुपयोग करना चाहते हैं। स्पीकर अपने आप में एक संस्था है। यह स्वीकार्य व्यवहार नहीं है।’’ जेडीयू नेता नीरज कुमार के अनुसार , ’’महुआ मोइत्रा ने जो सवाल पूछा, वह इस देश में बुनियादी सवाल बन गया है और संसद में कौन क्या पूछेगा, इसका फैसला भी नरेंद्र मोदी के शासन में बीजेपी के सांसद ही करेंगे? यह लोकतंत्र है और सभी को सवाल पूछने का अधिकार है। उन्हें सबूत देना चाहिए। आप किसी पर बेबुनियाद आरोप कैसे लगा सकते हैं? अगर कोई खुला भ्रष्टाचार देखना चाहता है तो यह पीएम मोदी के शासन में है।’’
इस मामले में अडानी ग्रुप ने बयान जारी किया। इस बयान में लिखा है, “एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, रविवार, 15 अक्टूबर, 2023 को, सुप्रीम कोर्ट के एक वकील जय अनंत देहाद्राई ने एक शपथ पत्र के रूप में एक माननीय द्वारा एक विस्तृत आपराधिक साजिश के कमीशन को रिकॉर्ड में लाते हुए सीबीआई के पास शिकायत दर्ज की।” इसमें आगे कहा गया है, “संसदीय प्रश्नों के माध्यम से गौतम अडानी और उनकी कंपनियों के समूह पर आरोप लगाए गए। ऐसा बदले की भावना से किया गया। इसके लिए मोइत्रा ने हीरानंदानी से रिश्वत और अनुचित लाभ प्राप्त किया।”
अडानी ग्रुप ने आगे लिखा, “यह घटनाक्रम 9 अक्टूबर, 2023 के हमारे बयान की पुष्टि करता है कि कुछ समूह और व्यक्ति हमारे नाम, सद्भावना और बाजार की स्थिति को नुकसान पहुँचाने के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं। इस विशेष मामले में एक अधिवक्ता की शिकायत से पता चलता है कि अडानी समूह और हमारे अध्यक्ष गौतम अडानी की प्रतिष्ठा और हितों को नुकसान पहुँचाने की यह व्यवस्था 2018 से चली आ रही है।”
अडानी समूह के अनुसार मोइत्रा को हीरानंदानी से रिश्वत और अनुचित लाभ मिले। समूह ने कहा, “हम यह भी समझते हैं कि एक अन्य सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को शिकायत भेजकर अनुरोध किया है कि मोइत्रा को निलंबित किया जाए और भ्रष्टाचार की जाँच की जाए” अडानी ग्रुप के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि हम अपने शेयरधारकों सहित अपने सभी हितधारकों के हित में यह बयान जारी कर रहे हैं।
महुआ मोइत्रा के दूसरों के निर्देशों पर संसद में सवाल पूछने से जुड़े मामले में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनसे संसद में ठीक वैसा ही सवाल पूछा गया था, जैसी बातें एक भारतीय कंपनी के मुखिया ने मेरे सामने रखी थी। उन्होंने अपने बात के दावे के साथ ही महुआ मोइत्रा द्वारा संसद में पूछे गए सवाल और उसके आधिकारिक जवाब की कॉपी भी पोस्ट की है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ‘एक्स’’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ” मुझे समाचार रिपोर्टों से पता चला है कि यह संसदीय प्रश्न संभवतः एक डेटा सेंटर कंपनी के आदेश पर एक सांसद द्वारा पूछा गया था। अगर यह सच है तो यह वाकई चौंकाने वाला और शर्मनाक है। यह सच है कि यह कंपनी (हीरानंदानी की कंपनी) डेटा लोकलाइजेशन के लिए सक्रिय और आक्रामक तरीके से पैरवी कर रही थी। संसद में पूछे गए सवाल में इस्तेमाल की गई भाषा बहुत हद तक वैसी ही है (डेटा स्थानीयकरण की आवश्यकता को डेटा उल्लंघनों से जोड़ना) उस भाषा के समान है, जब इस कंपनी के प्रमुख ने मुझसे मुलाकात की थी।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे इसके पूरे तथ्य या पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं है। लेकिन अगर यह सच है तो यह एक भयानक मजाक है और संसद सदस्य के रूप में सवाल पूछने के अधिकार का दुरुपयोग है।”
राजीव चंद्रशेखर के ट्वीट पर महुआ मोइत्रा का तुरंत जवाब आया। महुआ मोइत्रा ने खुद का बचाव करते हुए लिखा, “सर, मैं डेटा प्रोटेक्शन पर आईटी कम्युनिकेशन और जेपीसी की सदस्य हूँ। यह सभी भारतीयों के लिए जायज सवाल है। यदि शत्रु राष्ट्र ऐप्स से डेटा चुरा सकते हैं-तो क्या वे विदेशों में स्टोर किए गए भारतीय यूजर्स का डेटा नहीं चुरा सकते? मुझ पर दूसरों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाकर मेरी बुद्धि का अपमान मत करिए। कुछ ‘मंद बुद्धि’ लोग ऐसा करते हैं।”
भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर, 2023 को तृणमूल कॉन्ग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगाए। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर कार्रवाई की माँग की। ये आरोप अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई द्वारा दी गई सूचनाओं पर आधारित है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के व्यापारिक हितों को लाभ पहुँचाने के लिए महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछे और बदले में उन्हें न सिर्फ कैश, बल्कि तोहफे भी मिले। इस प्रकरण को लेकर पक्ष विपक्ष में उबाल आ गया है। पक्ष जहां महुआ मोइत्रा पर कार्यवाही की मांग कर रहा है वहीं विपक्ष महुआ मोइत्रा को सही ठहराने में लगा है।