माया की माया की बदौलत दो लाख करोड़ से अधिक के मालिक नसीमुद्दीन सिद्दीकी जिस प्रकार बहनजी बहनजी कहते फोन वार्ता में माया से बातें कर रहे हैं उससे इन दोनों के रिश्तों को नजदीकी से जानने वाले हँस ही रहे हैं। 20 – 30 लाख करोड़ की माया और उनके बाएं दाएं वाले नसीमुद्दीन और सतीश मिश्रा ने माया के आँख और कान आनंद के साथ मिलकर यह पूर्व नियोजित स्वांग रचा है। लक्ष्य स्पष्ट है माया स्वयं को हिंदूवादी दिखा मोदी और योगी की नज़रों में चढ़ना चाहती हैं ताकि कालेधन पर किसी भी कार्यवाही से बच सकें। उधर नसीमुद्दीन अपना खोया मुस्लिम वोट बैंक वापस पा लें और जब लोकसभा चुनावों का समय आए तो फिर एक। नसीमुद्दीन ने जिस प्रकार माया पर गुंडों और माफिया की फ़ौज होने और उनको मरवा देनेकी बात कही यह इक प्रकार से मोदी और योगी को अप्रत्यक्ष धमकी भी है। कुछ लोग इसके तार चड्ढा काण्ड से जोड़कर भी देख सकते हैं। कुल मिलाकर अपनी अपनी सल्तनतें बढ़ाकर खुद को फिर से मजबूत करने की यह कवायद ऐसी है जिसमे लगाए गए आरोपो की कोई जांच भी संभव नहीँ। अब देखते हैं मोदी और योगी इस धूल से बचने के लिए चश्मा लगाए बैठे हैं कि नहीँ। बाकि लाख घोटालों और सबूतों के बाद भी कौनसा मोदी सरकार ने माया सिंडिकेट का कुछ उखाड़ लिया क्या जो अब उखाड़ लेंगे।
अनुज अग्रवाल
संपादक, डायलॉग इंडिया