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सर्व शक्तिशाली नये भारत के निर्माण की मोदी सरकार के अगले 10 वर्षों की 10 परिकल्पनाये

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने घरेलू मोर्चे से लेकर अंतरराष्ट्रीय मोर्चे तक अपनी ताकतवर पहचान बनाई है। अगले 10 वर्षों में इसमें कई आयाम जुड़ने जा रहे हैं, जिससे एक ऐसा भारत दुनिया के सामने होगा जहां गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता गए जमाने की बात होगी। इसका विश्वास दिखा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए 2019-20 के अंतरिम बजट में, जिसमें उन्होंने 10 सबसे महत्वपूर्ण आयामों को सूचीबद्ध करते हुए अगले दशक की सरकार की परिकल्पना पेश की। आइए जानने का प्रयास करते हैं कि इन परिकल्पनाओं पर अमल के साथ कितना बदल जाएगा 2030 का इंडिया।

1. 10 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था – मोदी सरकार में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने के साथ भारत को दुनिया की छठी सबसे बड़ी इकोनॉमी होने का गौरव हासिल हुआ है। सरकार की 10-आयामी परिकल्पना के तहत देश को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इस दिशा में हर तरह से एक ऐसे इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का जोर रहेगा जहां जनसामान्य का जीवन बेहद आसान और सुखद होगा।

2. युवा नेतृत्व में डिजिटल भारत – परिकल्‍पना के दूसरे आयाम के अंतर्गत एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना है जिससे व्यापक स्तर पर स्टार्ट-अप और इको-सिस्टम में लाखों रोजगार के सृजन की स्थिति बनेगी। देश का युवा वर्ग इसकी अगुआई करेगा। डिजिटल इंडिया प्रधानमंत्री मोदी का एक बड़ा सपना रहा है। इस दिशा में उन्होंने ना सिर्फ अब तक कई कदम उठाए हैं बल्कि उनके नतीजे भी उत्साहजनक रहे हैं।

3. प्रदूषण मुक्त भारत – देश को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की दिशा में अब तक कई कदम उठाए जा चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री मोदी इंटरनेशनल सोलर एलायंस जैसी पहल का भी नेतृत्व कर रहे हैं। अगले एक दशक की परिकल्पना है कि प्रदूषण के खतरों पर काबू पाने के लिए देश में इलेक्ट्रिकल वाहनों और नवीकरण ऊर्जा पर अधिक से अधिक ध्‍यान दिया जाए।

4. ग्रामीण रोजगार बढ़ाने पर बल – मोदी सरकार में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के साथ गांवों और शहरों का भेद तेजी से मिटता जा रहा है। ग्रामीण सड़कों के विस्तार और ऑप्टिकल फाइबर बिछाए जाने के साथ-साथ सरकार की योजना ग्रामीण औद्योगीकरण को अधिक-से-अधिक बढ़ावा देने की है। इसके लिए आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हो सकेंगे।

5. सुरक्षित पेयजल पर जोर – चाहे लोगों तक पीने के शुद्ध पानी पहुंचाने की बात हो या फिर किसानों के लिए सिंचाई के पानी की बात, मोदी सरकार ने इन मोर्चों पर भी उल्लेखनीय कार्य करके दिखाए हैं। सरकार की परिकल्पना है कि सभी देशवासियों को सुरक्षित पेयजल मुहैया हो, नदियां स्वच्छ हों, साथ ही लघु सिंचाई तकनीकों को अपनाकर सिंचाई के पानी का कुशल प्रबंधन हो।

6. तटीय और समुद्री मार्गों का अधिकतम विकास – सागरमाला योजना के तहत मोदी सरकार का प्रयास है कि भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्यम से देश के विकास को सशक्त बनाया जाए। 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश के साथ इस योजना के तहत फिलहाल 500 से अधिक प्रोजेक्ट हैं। सरकार सागरमाला से जुड़े प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देकर आगे बढ़ाना चाहती है। यह वृहत परियोजना भी लाखों रोजगार पैदा करने वाली है।

7. अंतरिक्ष में भारत की शक्ति का लोहा – पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले के अपने संबोधन से प्रधानमंत्री मोदी ये एलान कर चुके हैं कि आजादी के 75 वें साल यानि 2022 तक देश की कोई संतान भारतीय तिरंगा लेकर अंतरिक्ष में अपने कदम रखेगा। गौर करने वाली बात है कि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम-गगनयान को मंजूरी दी जा चुकी है। भारत दुनिया के उपग्रहों को छोड़ने का ‘लॉन्च पैड’ तो बन ही चुका है अब अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बनेगा।

8. जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता – मोदी सरकार में कृषि क्षेत्र को निरंतर मिले प्रोत्साहन के साथ देश के अन्नदाता रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का रिकॉर्ड बना चुके हैं। सरकार की परिकल्पना है कि सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्‍पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जाए। प्रयास ये है कि विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत अग्रणी निर्यातक की भूमिका निभाने वाला देश भी बने।

9. हर तरह से स्वस्थ भारत – जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में मोदी सरकार ने ढेर सारी ऐतिहासिक पहल की है। सस्ती दवाओं से लेकर हार्ट स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण तक की कीमतों को अफॉर्डेबल बनाने का काम किया है। सरकार की परिकल्पना है कि 2030 तक भारत हर तरह से स्वस्थ बने। इसमें आयुष्‍मान भारत और महिला सहभागिता को महत्‍वपूर्ण घटक बनाने पर जोर होगा।

10. मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का सिस्टम – देश की बागडोर संभालने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसे सहज सिस्टम पर जोर देते आए हैं, जहां जनसामान्य के कामकाज फाइलों में ना अटकें। सरकार की कई योजनाओं ने जिस तरह से मूर्त रूप लिया है, उससे यह साबित हुआ है कि सरकारी प्रक्रियाएं पहले के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से पूरी हो रही हैं। इसी कड़ी में अब परिकल्पना मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस वाले राष्ट्र के रूप में भारत को स्थापित करने की है, जहां जनहित से जुड़े लक्ष्य सहज हासिल होते जाएं।

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