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Author: Dialogue India

कांग्रेस के  क्रोनी कैपिटलिज्म का  कच्चा चिटठा

कांग्रेस के क्रोनी कैपिटलिज्म का कच्चा चिटठा

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  भारत के भ्रष्टतम खानदान के चश्मो चिराग राहुल गांधी की अब तक की राजनीतिक यात्रा दिखावे और नाटकीयता के अनेक चरणों की गवाह रही है। अकूत संपत्ति के मालिक राहुल गांधी ने अपने दादा स्वर्गीय फिरोज गांधी की तरह पायजामे कुर्ते को अपना मौलिक परिधान बनाया। वैसे शुरूआत जींस से हुई, लेकिन किसी सा यवादी की सलाह पर वो पायजामे की शरण में आ गए। हैलीकॉप्टरों में घूमने वाले राहुल ने इस ओढ़ी हुई फर्जी सादगी का बेहतरीन इस्तेमाल भी किया और नोटबंदी के दौरान तो एक बार दर्शकों को कुर्ते की फटी जेब दिखाकर ये अहसास दिलाने की कोशिश भी की कि वो तो वास्तव में कंगाल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का स्वागत महंगे सूट में किया तो राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उसे सूट-बूट की सरकार बताया और उसपर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया। लेकिन कपड़ों के माध्यम से...
वैवाहिक मूल्यों में घटती निष्ठा

वैवाहिक मूल्यों में घटती निष्ठा

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भारतीय संस्कृति आध्यात्मिकता पर आश्रित है। मानव जीवन का वास्तविक सुख, शांति और समृद्धि आध्यात्मिकता में निहित है। यहां जीवन का प्रत्येक कार्य व्यापार धर्म से आच्छादित है। धर्म से मेरा आशय हिन्दू, मुस्लिम सिख, इसाई से न होकर मानव धर्म से है, जीवन के उन मूल्यों से है जो जीवन में धारण किये जाते हैं, आत्मसात किये जाते हैं। आत्मानुशासन का  आदर्श भारतीय संस्कृति को विश्व की अन्य संस्कृतियों में विलक्षण स्थान प्रदान करता है। संस्कार, पुरूषार्थ और आश्रम यहां जीवन को पग-पग पर नियोजित करते हैं। यह एक मनोनैतिक व्यवस्था के रूप में मानव-जीवन में समाहित होकर जीवन पथ को आलोकित करते हैं। भारतीय संस्कृति में व्यवहृत सोलह संस्कारों का विधान जीवन को पशुता से उठाकर देवत्व की ओर अग्रसर करने के लिये हुआ है। ये संस्कार आत्मसंयम और इन्द्रिय निग्रह का पाठ सिखाते हैं। भारतीय संस्कृति में विवाह एक संस्कार है। यहा...
हिन्दी भारत की अदालतों में भी प्रतिष्ठित हो

हिन्दी भारत की अदालतों में भी प्रतिष्ठित हो

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संयुक्त अरब अमीरात यानी दुबई और अबूधाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है। इसका मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है। न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। अमीरात की जनसं या 90 लाख है। उसमें 26 लाख भारतीय हैं, इन भारतीयों में कई पढ़े-लिखे और धनाढ्य लोग भी हैं लेकिन ज्यादातर मजदूर और कम पढ़े-लिखे लोग हैं। इन लोगों के लिए अरबी और अंग्रेजी के सहारे न्याय पाना बड़ा मुश्किल होता है। इन्हें पता ही नहीं चलता कि अदालत में वकील क्या बहस कर रहे हैं और जजों ने जो फैसला दिया है, उसके तथ्य और तर्क क्या हैं? ज्वलंत प्रश्न है कि विदेशों में बसे भारतीयों की इस तकलीफ का ध्यान रखने का निर्णय लिया गया है तो भारत में ऐसे निर्णय क्यों ...
यूपीए बनाम एनडीए सरकार : कौन सही, कौन आगे?

यूपीए बनाम एनडीए सरकार : कौन सही, कौन आगे?

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  प्रियंका वाड्रा के सक्रिय राजनीति में आने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का परिदृश्य अचानक से बदल गया। सपा-बसपा के द्वारा गठबंधन में कांग्रेस को स मान न देने के कारण प्रियंका का आना कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक बन गया है। अब कांग्रेस के साथ ही भाजपा को भी इसका फायदा मिलता दिखने लगा है। सपा-बसपा गठबंधन की जड़ें कमजोर हो गयी हैं। बसपा को सपा की अनुकूल सीटें देने पर मुलायम सिंह आहत हैं। उनका टिकट वितरण के बाद अपनी लाचारी दिखाना सपा के असंतुष्टों को अखिलेश विरोध दिखाने का अवसर दे चुका है। शिवपाल यादव एवं कांग्रेस के साथ आने की संभावनाएं बनती तो दिख रही हैं किन्तु अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है। 2014 में भ्रष्टाचार एक बड़ा चुनावी मुद्दा था किन्तु 2019 में ऐसा नहीं है। जीएसटी और नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर कुछ लगाम लगी थी किन्तु उसके द्वारा भी भाजपा के वोटबैंक में कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा ...
सरिस्का से कर सकेंगे अंतरिक्ष का दीदार

सरिस्का से कर सकेंगे अंतरिक्ष का दीदार

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शहरों में वायु और प्रकाश प्रदूषण की वजह से रात में आसमान में सितारों को देखना कठिन हो गया है। इसीलिए वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली वेधशालाएं दूरदराज के क्षेत्रों में स्थापित की गई हैं। दूर होने के साथ-साथ ये वेधशालाएं आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए एक नई वेधशाला की शुरुआत सरिस्का बाघ अभ्यारण्य के पास अरावली की पहाड़ियों में की गई है। यहां आकर आम लोग भी आकाशगंगा, निहारिकाओं, ग्रहों और तारों से मुलाकात कर सकते हैं। अंतरिक्ष की कहानियों के साथ यहां नक्षत्रों को देखने का सिलसिला शाम ढलने के साथ शुरू होता है, जो रात भर चलता रहता है। मंगल, शुक्र और बृहस्पति जैसे ग्रह, आकाशीय चमत्कार, ओरियन नेबुला, एंड्रोमेडा, सॉल्ट ऐंड पेपर समूह और प्लीडीज तारा समूह, जिसे हम कृतिका नक्षत्र कहते हैं, को भी इस वेधशाला में टेलीस्कोप की मदद से देख सकते हैं। यह...
रक्तचाप और मधुमेह नियंत्रण में मददगार हो सकता है नया मोबाइल टूल

रक्तचाप और मधुमेह नियंत्रण में मददगार हो सकता है नया मोबाइल टूल

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वास्को-द-गामा (गोवा), 5 मार्च, (इंडिया साइंस वायर): भारतीय शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन आधारित नई तकनीक विकसित की है, जिसके उपयोग से रक्तचाप और मधुमेह की पहचान तथा नियंत्रण में मदद मिल सकती है। इस मोबाइल आधारित टूल को हैदराबाद स्थित मेडिसिटी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज, सोसायटी फॉर हेल्थ एलाइड रिसर्च ऐंड एजुकेशन तथा तिरुवनंतपुरम के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टिट्यूट फॉर मेडिकल सांइसेज ऐंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। इस टूल की उपयोगिता के अध्ययन के लिए तेलंगाना के मेडचल जिले के दो गांवों में लगभग 2000 लोगों में हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार दो प्रमुख कारणों उच्च रक्तचाप और मधुमेह की जांच की गई है। इसमें पता चला कि 50 प्रतिशत लोगों को उच्च रक्तचाप और 25 प्रतिशत लोगों को मधुमेह से ग्रस्त होने की जानकारी पहले नहीं थी। दो वर्षों तक इस टूल के उपयोग से उच्च रक...
How Narendra Modi should read Imran Khan

How Narendra Modi should read Imran Khan

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In sanctioning the deep strike by the Indian Air Force on Balakot deep into Pakistan in the early hours of the morning of 26 February, Prime Minister Narendra Modi took a calculated risk. The formal announcement the next afternoon by Foreign Secretary Vijay Gokhale that the mission had been successful led to jubilation in India, disbelief in Pakistan and alarm in the rest of the world. What the foreign secretary said in a prepared statement need not be repeated as it has been picked up by media around the world. The emphasis was on the non-military nature of the strike, limited as it was to terrorist training facilities. The action resulted, he stated, from credible intelligence that further Pulwama-type strikes were under preparation. Later the Prime Minister in a public address after ...
Amend constitution for providing nomination to Parsi community in Lok Sabha

Amend constitution for providing nomination to Parsi community in Lok Sabha

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Articles 331 and 333 of Indian constitution provide two nominations in Lok Sabha for Anglo-Indian community which was about eight-lakh strong at time of independence of India. But now with majority of Anglo-Indian community having migrated to other commonwealth-nations, their number has gone down to just one lakh which is much-much less than normal population in each of the Lok Sabha constituency. Parsi community known to have admittedly most intelligent persons in every field of life, is the only and fast decreasing population with just about 60000 in numbers rather deserves more to have nomination in Lok Sabha. The then President Pranab Mukerji advocated for sincere efforts to prevent falling population. Best thing about the community is that they live for society rather than for them...
Take back Padma award from Chanda Kochar

Take back Padma award from Chanda Kochar

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Review all cases of Padma awards given in past and snatch honours from those found involved in controversies It refers to on-going probe by various investigating agencies against former CEO of ICICI Bank Chanda Kochar. Union Home Ministry should now set procedure whereby prestigious national honours including Padma awards and Bharat Ratna may be snatched back from those found involved in later controversies by starting it with taking back honour from Chanda Kochar. Even there are reports that some of those honoured with Padma awards in recent years (2018), were declined these honours in past because of intelligence agencies not having endorsed their names after being cleared by Awards Committee. Even submissions filed with Union Home Ministry for taking back Padma awards from some ce...
हिन्दू, हिन्दू धर्म को क्यों कोसते पाक के मंत्री

हिन्दू, हिन्दू धर्म को क्यों कोसते पाक के मंत्री

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पाकिस्तान के दो मंत्री इन दिनों ना केवल भारत को बल्कि हिन्दुओं और हिन्दू धर्म को भी अपशब्द कहे जा रहे हैं। इनमें एक तो सूचना और प्रसारण मंत्री फैय्याज चौहान हैं, और दूसरे हैं रेलवे मंत्री शेख अहमद राशिद । पुलवामा में आतंकी कार्रवाई के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सरहद में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।इसके बाद पाकिस्तान के कुछ कथित बड़े सियासतदानों की जुबान फिसलने लगी। अब फैय्याज चौहान को ही लीजिए। ये कह रहे हैं कि “हम हिन्दुओं की तरह बुतपरस्त नहीं हैं। हम मुसलमान हैं। भारत यह न सोचे कि वो हमसे सात गुना बढ़ा है।” उनका एक वीडियों वायरल हो गया है, जिसमें वे हिन्दुओं पर करारा प्रहार कर रहे हैं। हालांकि, वे यह सब करते हुए कहीं न कहीं अपनी पुरखों को ही कोस रहे हैं। उन्हें ही गालियां दे रहे हैं। चौहान को लगता है कि उन्हें अपने पूर्वजों के संबंध में कोई इल्म ही नहीं है। उनका सरनेम चौहान...