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Author: Dialogue India

अब संस्कृत हुई सांप्रदायिक

अब संस्कृत हुई सांप्रदायिक

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देश का वातावरण इस हद तक विषाक्त हो चुका है कि अब संस्कृत भाषा को भी सांप्रदायिकता के चश्मे से देखा जा रहा है। अब केन्द्रीय विद्यालयों में प्रतिदिन सुबह होने वाली प्रार्थना पर भी निशाना साधा जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह संस्कृत प्रार्थना धर्मनिरपेक्ष भारत में नहीं होनी चाहिए। अब वो दिन दूर नहीं है जब केन्द्रीय विद्लाय के ध्येय वाक्य पर भी सवाल खड़े किए जाएंगे। केन्द्रीय विद्यालयों की स्थापना तब हुई जब कि मोहम्मद करीम छागला देश के शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने ईशावास्योपनिषद के श्लोक “हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्, तत्त्वं पूषन्नपातृणु सत्यधर्माय दृष्टये” से ही केन्द्रीय विद्यालयों का ध्ययेवाक्य“तत्वंपूषण अपावर्णु” को चुना जिसका अर्थ होता है सत्य जो अज्ञान के पर्दे से ढंका है उसपर से अज्ञान का पर्दा उठा दो। इस प्रार्थना के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल हुई है। अब ...
स्वस्थ भारत यात्रियो का कर्नाटक में प्रवेश, के.एच.आई. ने किया समर्थन

स्वस्थ भारत यात्रियो का कर्नाटक में प्रवेश, के.एच.आई. ने किया समर्थन

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कर्नाटक के घटप्रभा स्थित कर्नाटक हेल्थ इंस्टिट्यूट ( के.एच.आई.) के प्रमुख और विख्यात डाँ. घनश्याम वैद्य ने कनेरी मठ से चलकर के.एच.आई पहुंचे स्वस्थ भारत यात्रा-2 के यात्रियो से कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वस्थ भारत यात्रा न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि देश में इस तरह की यह अकेली पहल भी है। उन्होने कहा कि आज के दौर में  चिकित्सा के क्षेत्र में लोग अकेले पड गए हैं और वे पर्याप्त और जरूरी जानकारी के अभाव में तवाह हो रहे हैं। दवा कम्पनियाँ केवल अपने मुनाफे के लिए लूट में शामिल हैं। मरीजो की उन्हे कोई परवाह नहीं। ऐसे में स्वस्थ भारत यात्रा आम लोगो के हित में सहायक साबित होगी। डाँ. वैद्य ने स्वस्थ भारत यात्रा के यात्रियो का स्वागत और अभिनंदन करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की प्रेरणा से 80 वर्ष पहले ग्रामीण स्वास्थ्य के लिए स्थापित के.एच.आई महात्मा गांधी के विचारो के  अनूरूप कार्य करती आ रही ह...
Bring petrol-diesel under GST by one-time reforms in GST-rates

Bring petrol-diesel under GST by one-time reforms in GST-rates

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Daily rise in petrol and diesel should make all petroleum products under GST. Instead of daily price-rise, hike should be in multiples of one rupee when needed. There should be a ban on production of diesel-cars where diesel is deliberately priced low despite being almost same procurement-price to give relief to public-transport and transportation. Revenue-loss can be compensated by adopting two-tier GST rates of 10 and 30 percent normally except on super-luxury items presently attracting cess, abolishing all others including zero-rate GST-slab. Items of long-lasting use even including like TV-sets and fridges of all models should attract 30-percent slab. Instead of imposing cess, extra GST-rates in multiples of 100 should be there so that luxury items requiring cess may have extra-ordi...
भारत विरोधी पर टिकी पाक की विदेश नीति

भारत विरोधी पर टिकी पाक की विदेश नीति

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वैसे तो चेहरे-मोहरे से पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तो सुसंस्कृत जैसे ही लगते हैं। वे एक विदेश मंत्री हैं,इसलिए उनसे अपेक्षा भी की जाती है कि वे तोल-मोल करके के बोलेंगे भी। पर वे हैं कि सड़क छाप अंदाज में आचरण करने से बाज ही नहीं आते। वे लगातार भारत विरोधी बयानबाजी करते रहते हैं। लगता तो यह है कि उन्होंने अपने देश के विदेश मंत्रालय को भारत के खिलाफ जहर उगलने का केन्द्र बना दिया है। पाकिस्तान में नवाज शरीफ के प्रधानमंत्रित्व काल में जो काम वहां के सेना प्रमुख राहील शरीफ करते थे, उसे ही अब इमरान खान की सरकार में कुरैशी करते हैं। इमरान खान सरकार के सत्तासीन होने के बाद उनका भारत विरोधी ही एक सूत्री एजेंडा चल रहा है। उन्हें तो भारत के आतंरिक मामलों पर टिप्पणी करने से लेकर कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से बात करना ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का काम लगता है। विगत दिनों कुरैशी के ...
कनेरी मठ से स्वामी जी का संदेश, अपनाएं निरोगी जीवन पद्धति

कनेरी मठ से स्वामी जी का संदेश, अपनाएं निरोगी जीवन पद्धति

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श्री क्षेत्र सिद्धगिरि मठ के 49वें मठाधिपति श्री काडसिद्धेश्वर स्वामी जी ने स्वस्थ भारत यात्रा-2 को देश के गरीब और बीमारियों और उसके कारगर इलाज से अंजान लोगों के लिए बहुत उपयोगी व सराहनीय बताया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे स्वस्थ भारत यात्रा का हर जगह स्वागत करें और हर संभव उनको सहयोग भी करें। स्वामी जी ने देशवासियों के यह संदेश उनसे मिलने आए स्वस्थ भारत यात्रा-2 के प्रमुख आशुतोष कुमार सिंह और उनके सहयोगियों से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी जीवन पद्धति अपनानी चाहिए, जिससे हम बीमार ही न हो। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को लेकर उनके मठ की ओर से गांव-गांव में स्वच्छता अभियान के साथ योग शिविरों के आयोजन, बच्चों को पोषण के लिए स्वर्ण घोल देने के साथ जहर-मुक्त खेती को बढावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं। उन्होंने जेनरिक दवाइयों को बढावा देने की जरूरत प...
Sharp decline in small savings is a cause of worry: Safeguards necessary for senior citizens

Sharp decline in small savings is a cause of worry: Safeguards necessary for senior citizens

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Latest data released by Reserve Bank of India (RBI) shows a sharp decline in small savings in first eight months of financial year 2017-18 when small savings schemes amounted to just rupees 40,429 crore, a seven-fold dip from Rs 2,75,682 crore in the corresponding period of the previous year. Evidently it is at cost of more investment in mutual-fund schemes where political and other factors can suddenly harm the investors like happened in investment in properties. A sharp decline in interest-rate was anticipated post-demonetisation when Jeevan Akshay pension-plan of LIC of India for the reason witnessed maximum investment in that period. But with currency-circulation crossing what it was before demonetisation, reduced interest-rate in government savings-schemes should be restored with t...
पश्चिम बंगाल का सारधा चिटफंड घोटाला :- लूट, राजनीति, और आतंक का तालमेल

पश्चिम बंगाल का सारधा चिटफंड घोटाला :- लूट, राजनीति, और आतंक का तालमेल

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कभी-कभी ऐसा संयोग होता है कि एक साथ दो घटनाएँ अथवा दुर्घटनाएँ होती हैं और उनका आपस में सम्बन्ध भी निकल आता है, जो उस समय से पहले कभी उजागर नहीं हुआ होता. पश्चिम बंगाल में सारधा चिटफंड घोटाला तथा बर्दवान बम विस्फोट ऐसी ही दो घटनाएँ हैं. ऊपर से देखने पर किसी अल्प-जागरूक व्यक्ति को इन दोनों मामलों में कोई सम्बन्ध नहीं दिखाई देगा, परन्तु जिस तरह से नित नए खुलासे हो रहे हैं तथा ममता बनर्जी जिस प्रकार बेचैन दिखाई देने लगी हैं उससे साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि वामपंथियों के कालखंड से चली आ रही बांग्लादेशी वोट बैंक की घातक नीति, पश्चिम बंगाल के गरीबों को गरीब बनाए रखने की नीति ने राज्य की जनता और देश की सुरक्षा को एक गहरे संकट में डाल दिया है. जब तृणमूल काँग्रेस के गिरफ्तार सांसद कुणाल घोष ने जेल में नींद की गोलियाँ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की तथा उधर उड़ीसा में बीजू जनता दल के सांसद हंसदा को सीबी...
उत्तर प्रदेश में गठबंधन चूक या चौका

उत्तर प्रदेश में गठबंधन चूक या चौका

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उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा का औपचारिक गठबंधन होने पर भाजपा के माथे पर बल पड़ गये। एक दशक पूर्व ये दोनों क्षेत्रीय दल उत्तर प्रदेश की राजनीति में नंबर एक और दो की हैसियत रखते थे। 2014 में भाजपा का ग्राफ बढऩे एवं 2017 की प्रचंड जीत के बाद भाजपा एक नंबर का दल हो गयी। अब अपनी राजनैतिक हैसियत बचाने के लिए सपा-बसपा का एक साथ आना एक बड़ा राजनैतिक दांव है। कांग्रेस को इस गठबंधन में शामिल न करके जब इन दलों ने तीसरे मोर्चे की तैयारी तेज़ की ही थी कि तभी कांग्रेस ने प्रियंका वाड्रा को महासचिव का पद देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना दिया और इस तरह सपा-बसपा का चौका दिखता गठबंधन अब कहीं चूक न बन जाये। अमित त्यागी त्तर प्रदेश में पूरे भारत की आत्मा निवास करती है। देश को उत्तर प्रदेश 80 लोकसभा की सीटें देता है। 2014 में भाजपा को 73 सीटों पर प्रचंड जीत मिली थी। सपा को 05, कांग्रेस को 02 और बस...
महागठबंधन देश हित या स्वार्थ

महागठबंधन देश हित या स्वार्थ

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'मंजिल दूर है, डगर कठिन है लेकिन दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते चलिए’, कोलकाता में विपक्षी एकता के शक्ति प्रदर्शन के लिए आयोजित ममता की यूनाइटिड इंडिया रैली में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े का यह एक वाक्य 'विपक्ष की एकता’ और उसकी मजबूरी दोनों का ही बखान करने के लिए काफी है। अपनी मजबूरी के चलते ये सभी दल इस बात को भी नजरअंदाज करने के लिए मजबूर हैं कि यह सभी नेता जो आज एक होने का दावा कर रहे हैं वो सभी कल तक केवल बीजेपी नहीं एक दूसरे के भी 'विपक्षी’ थे। सच तो यह है कि कल तक ये सब एक दूसरे के विरोध में खड़े थे इसीलिए आज इनका अलग अस्तित्व है क्योंकि सोचने वाली बात यह है कि अगर ये वाकई में एक ही होते तो आज इनका अलग अलग वजूद नहीं होता। दरअसल कल तक इनका लालच इन्हें एक दूसरे के विपक्ष में खड़ा होने के लिए बाध्य कर रहा था, आज इनके स्वार्थ इन्हें एक दूसरे के साथ खड़े होने के लिए विवश कर रहे हैं। क्...
कांग्रेस बनाम गैर कांग्रेसी विपक्ष

कांग्रेस बनाम गैर कांग्रेसी विपक्ष

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सन 2014 के आम चुनावों में जीत के बाद और हालिया विधानसभा चुनावों के पहले तक भारतीय जनता पार्टी का अजेय होने का जो मिथक था, वह टूटता नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को मिली हार ने उसके प्रति बनी राष्ट्रीय अवधारणा में दरार डाल दी है। तीन हिंदीभाषी राज्यों में भाजपा की हार कितनी बड़ी है, और उसका असर कितना गहरा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर पूर्व में इकलौती जगह यानी मिजोरम में कायम कांग्रेस का सफाया हो गया, लेकिन कांग्रेस की यह हार मिजोरम के बाहर बड़ी खबर तक नहीं बनी। कांग्रेस की उस तेलंगाना में भी करारी हार हुई, जहां पांच साल पहले तक उसका राज होता था। वह तेलंगाना उस अविभाजित आंध्र का हिस्सा था, जिसकी बदौलत 2004 में कांग्रेस की केंद्रीय सत्ता में वापसी हुई थी। जिसमें अविभाजित आंध्र के पूर्व मु यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने बड़ी भू...