Shadow

Author: Dialogue India

DJA seeks an apology from Congress Chief Rahul Gandhi

DJA seeks an apology from Congress Chief Rahul Gandhi

addtop, BREAKING NEWS, समाचार
Delhi Journalists Association (DJA), affiliated to the National Union of Journalist (India) is not amused at the use of adjective ‘pliable’ by Indian National Congress President Rahul Gandhi for the ANI interviewer who conducted a wide-ranging and long interview with Prime Minister Narendra Modi. In a joint statement issued today, DJA president Manohar Singh and General Secretary Pramod Kumar said badmouthing a journalist simply because she conducted an interview with a rival political leader is in poor taste and amounts to shooting the messenger; it’s unwarranted and unbecoming of a senior leader of a national political party. The DJA is of the opinion that journalists have a professional responsibility to seek information, ask questions and get answers. “All journalists everywhere kno...
“New Look” Vande Matram to be introduced in Madhya Pradesh

“New Look” Vande Matram to be introduced in Madhya Pradesh

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
It refers to Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath doing away with practice of singing Vande Matram at Secretariat building on every first day of the month, later clarifying subsequent to strong criticism that some new-look Vande Matram would be soon introduced. Big question is that now pseudo-secular politics will be revived to the extent that originality of national song will be changed according to political requirement of state-government. Even if new-look Vande Matram is to be introduced, then it should have been one on 01.01.2019 itself rather than deferring it for some future date which may or may not come. State-governor should summon Chief Minister on the big question hurting patriotic and nationalistic sentiments of most people of the states. MADHU AGRAWAL
Intelligence Bureau should probe if women in menstrual age entering Sabrimala Temple

Intelligence Bureau should probe if women in menstrual age entering Sabrimala Temple

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
Intelligence Bureau should probe if women in menstrual age entering Sabrimala Temple on 02.01.2019 had real religious feelings or did so to deliberately hurt sentiments of Hindus Proverb Law-is-Blind proves totally fit on unpractical Supreme Court verdict allowing women of menstrual age in Sabrimala Temple in Kerala, causing unnecessary problem of law and order in approach-way to the temple and hurting practical religious sentiments of majority community including women in menstrual age. However it is for sure that the verdict never allowed its symbolic implementation by non-religious ladies not for faith, but to deliberately hurt religious sentiments on an aspect where tradition was set on practical aspects but not at all as gender-discrimination. Intelligence Bureau should probe if...
नमाज, मुसलमान और धर्मनिरपेक्षता

नमाज, मुसलमान और धर्मनिरपेक्षता

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर नोएडा में पुलिस ने पार्कों में मुसलमानों को बिना अनमुति के नमाज अदा करने पर रोक क्या लगाई कि हंगामा खड़ा होने लगा। इसे अल्पसंख्यकों की धार्मिक आस्थाओं पर कुठाराघात कहने वाले हाय-तौबा करने लगे। कहा यह भी जाने लगा कि देश में  धर्मनिरपेक्षता खतरे में आ गई है। पर यह क्यों नजरअंदाज कर दिया गया कि धार्मिक अनुष्ठान करने के अधिकार के साथ कुछ दायित्व भी तो जुड़े हैं? पर लगता है, अब दायित्वों को याद रखने का वक्त ही नहीं रह गया है। यह विवाद गरमाया तो एआईएमआईएम के अध्यक्ष  असदुद्दीन ओवैसी ने अपना जहरीला वक्तव्य देने का मौका नहीं छोड़ा।  वे इस बार भी आग में घी डालने का काम अपने पुराने अंदाज में करते रहे। ओवैसी ने कहा कि “यूपी पुलिस कांवड़ियों पर फूल बरसाती है। लेकिन सप्ताह में एक बार नमाज पढ़ने का मतलब शांति और सद्भाव को बाधित करना हो जाता है।” यूपी पुलिस के एक्श...
बांग्लादेश चुनाव परिणाम भाजपा के लिए केस स्टडी हो सकते हैं

बांग्लादेश चुनाव परिणाम भाजपा के लिए केस स्टडी हो सकते हैं

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
वैसे तो आने वाला हर साल अपने साथ उत्साह और उम्मीदों की नई किरणें ले कर आता है, लेकिन यह साल कुछ खास है। क्योंकि आमतौर पर देश की राजनीति में रूचि न रखने वाले लोग भी इस बार यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि 2019 में राजनीति का ऊँठ किस करवट बैठेगा। खास तौर पर इसलिए कि 2019 की शुरुआत दो ऐसी महत्त्वपूर्ण घटनाओं से हुई जिसने अवश्य ही हर एक का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया होगा। पहली घटना,साल के पहले दिन मीडिया को दिया प्रधानमंत्री मोदी का साक्षात्कार जिसमें वे स्वयं को एक ऐसे राजनेता के रूप में व्यक्त करते दिखाई दिए जो संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया के साथ ही लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूत विपक्ष के होने में यकीन करते दिखे।इस दौरान वे अपनी सरकार की नीतियों की मजबूत रक्षा और विपक्ष का राजनैतिक विरोध पूरी "विनम्रता" के साथ करते दिखाई दिए। कहा जा सकता है कि वो अपनी आक्रामक शैली के विपरीत डिफेंसिव दिखाई दिए...
कैसे मुक्त हों अंग्रेजी दवाओं के षड्यंत्र से ?

कैसे मुक्त हों अंग्रेजी दवाओं के षड्यंत्र से ?

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
विश्व स्वास्थ्य संगठन की 1997 की एक रिर्पोट के अनुसार बाजार में बिक रही चैरासी हजार दवाओं में बहत्तर हजार दवाईओं पर तुरंत प्रतिबंध लगना चाहिए। क्योंकि ये दवाऐं हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। लेकिन प्रतिबंध लगना तो दूर, आज इनकी संख्या दुगनी से भी अधिक हो गई है। 2003 की रिर्पोट के अनुसार भारत में नकली दवाओं का धंधा लगभग डेढ़ लाख करोड़ रूपये प्रतिवर्ष हो गया था, जो अब और भी अधिक बढ़ गया है। भारत में मिलने वाली मलेरिया,टीबी. या एड्स जैसी बीमारियों की पच्चीस फीसदी दवाऐं नकली हैं। कारण स्पष्ट है। जब दवाओं की शोध स्वास्थ्य के लिए कम और बड़ी कंपनियों की दवाऐं बिकवाने के लिए अधिक होने लगे, कमीशन और विदेशों में सैर सपाटे व खातिरदारी के लालच में डॉक्टर, मीडिया, सरकार और प्रशासन ही नहीं, बल्कि स्वयंसेवी संस्थाऐं तक समाज का ‘ब्रेनवॉश’ करने में जुटे हों, तब हमें इस षड्यंत्र से कौन बचा सकता है? कोई नही...
राष्ट्रवाद के मुद्दों पर ईमानदारी से चर्चा करें सांसद

राष्ट्रवाद के मुद्दों पर ईमानदारी से चर्चा करें सांसद

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
हमारे दादा जी स्वर्गीय नेहरु जी को देशभक्त समझते थे लेकिन मुझे लगता है कि नेहरूजी सत्ता भक्त थे I मेरे पिताजी स्वर्गीय इंदिरा जी को को देशभक्त मानते थे लेकिन अब मुझे लगता है कि वह भी गलत थे I 2014 तक मैं केजरीवाल जी को देशभक्त समझता था, लेकिन अब लगता है कि मैं भी गलत था I कुछ दिन पहले तक जो लोग राम-रहीम और निर्मल बाबा को संत मानते थे अब वे भी अपनी गलती स्वीकार करते हैं I नेहरु जी के सेकुलरिज्म को समझने में हमें 50 साल लगा और मुलायम सिंह के समाजवाद को पहचानने में 25 साल लेकिन युवा पीढ़ी ने केजरीवाल की ईमानदारी और राहुल जी की जनेऊगीरी को बहुत जल्दी पहचान लिया इससे स्पस्ट हैं कि आज का युवा बहुत समझदार है और उसे बेवकूफ बनाना बहुत मुश्किल हैI आने वाली पीढ़ियाँ यह जरुर तय करेंगी कि कौन सच्चा राष्ट्रवादी है और कौन झूंठा, कौन असली समाजवादी है और कौन नकली, कौन ईमानदार है और कौन नटवरलाल, कौन वास...
लोकसभा चुनाव 2019  मोदी नहीं तो कौन?

लोकसभा चुनाव 2019 मोदी नहीं तो कौन?

addtop, Today News, विश्लेषण
  कहानी शुरू हुए एक वर्ष से कुछ अधिक ही हो गया होगा, जब मोदी-शाह की जोड़ी ने रमन सिंह, वसुंधरा राजे व शिवराज सिंह को इशारा किया था कि वे अब अपने राज्यों की सत्ता त्यागे व केंद्र में मंत्री पद संभाले। कई मायनों में यह गलत भी न था। तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने चाहे पहले कितना भी अच्छा काम किया होगा मगर सन 2013 में वे मोदी लहर पर सवार होकर जीते थे। इसमें वसुंधरा व शिवराज की सीटें जितनी अप्रत्याशित थीं, उतनी ही अप्रत्याशित हारते दिख रहे रमन सिंह की किनारे की जीत थी। जीत के बाद ये तीनों अहम का शिकार हो गए। इसी कारण कहीं न कहीं मोदी सरकार के अच्छा करते रहने के बावजूद अपनी प्रतिष्ठा नहीं बचा पा रहे थे व 'एन्टी इंकम्बेन्सीÓ का सामना कर रहे थे। ऐसे में इनका मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना भाजपा हाईकमान यानि मोदी व शाह को गले नहीं उतर रहा था। मोदी और शाह की रणनीति में सन 2019 के लोकसभा...
सीईओ-मुलाजिम के वेतन में इतना अंतर क्यों

सीईओ-मुलाजिम के वेतन में इतना अंतर क्यों

addtop, Today News, विश्लेषण
  यह निश्चित रूप से एक विचारणीय मसला है कि किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के सीईओ को कितनी सैलरी मिले? इसी तरह से उसी कंपनी के मुलाजिमों को अपने सीईओ की अपेक्षा कितना कम वेतन मिले? यह ठीक है कि सीईओ किसी कंपनी की जान होता है। उसके नेतृत्व में ही कोई कंपनी आगे बढ़ती है I विकास का अपना निश्चित सफर तय करती है। सीईओ एक तरह से अपनी कंपनी का कप्तान होता है। तो क्या इसलिए उसे अपनी कंपनी के बाकी मुलाजिमों की अपेक्षा अकल्पनीय तरीके से अधिक पगार मिले ? क्या कंपनी के कर्मियों का उसे बुलंदियों में लेकर जाने में कोई रोल ही नहीं होता? क्या सिर्फ सीईओ को ही कंपनी की सफलता का श्रेय दिया जाना चाहिए ?  आखिर एक सामान्य कर्मी भी दिन-रात एक करता है अपनी कंपनी की सफलता के लिए, ताकि उसे अपने ग्राहकों का विश्वास मिले। देखा जाए तो जमीन पर कर्मी ही मेहनत पूर्वक काम कर रहा होता है। वह ही उन फैसलों को जमी...
अब बायोसेंसर-युक्त मोबाइल कर सकेंगे बैक्टीरिया की पहचान

अब बायोसेंसर-युक्त मोबाइल कर सकेंगे बैक्टीरिया की पहचान

addtop, TOP STORIES, विश्लेषण
स्मार्टफोनों का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के शोधकर्ताओं ने मोबाइल ऐप आधारित एक ऐसा बायोसेंसर विकसित किया है, जिससे बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है। बायोसेंसर को मोबाइल कैमरे के सामने लगाया जाता है। कैमरे से खिंची बायोसैंसर की तस्वीरों का विश्लेषण शोधकर्ताओं द्वारा विकसित "कोलोरीमीट्रिक डिटेक्टर" नामक मोबाइल ऐप करता है। जीवित जीवाणु के सम्पर्क में आने से बायोसेंसर की सतह काली हो जाती है। मोबाइल ऐप सतह के रंग में होने वाले परिवर्तन को मापता है। जब रंग में होने वाला बदलाव एक निर्धारित बिंदु पर पहुंच जाता है, तब मोबाइल कंपन करने लगता है और उसमें एक लाल सिग्नल दिखाई देता है। जीवाणुओं का पता लगाने का यह बेहद आसान, सुविधाजनक और किफायती तरीका है। शोधकर्ताओं ने एस्चेरिचिया कोलाई, स्यूडोमोनास एरुजिनोसा, बैसिलस सबटिलिस और स्...