Shadow

Author: Dialogue India

सभ्यतागत चुनौती

सभ्यतागत चुनौती

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
The Civilisational Challengeजापान को सिर्फ एक देश नहीं, एक विशिष्ट सभ्यता मानना गलत नहीं होगा. अपने इतिहास के प्रारंभिक कालखंड में जापानी संस्कृति लगभग पूरी तरह से चीनी संस्कृति की एक शाखा मात्र थी. चीन एक तरह से जापान का कल्चरल बिग ब्रदर था. पर दूसरी सहस्त्राब्दी के आते आते जापान ने अपनी विशिष्ट संस्कृति विकसित कर ली जो दुनिया की अन्य किसी भी संस्कृति से बिल्कुल ही अलग थी...लगभग विचित्र. यह एक बहुत ही पारंपरिक, सैन्य संस्कृति बन गयी. शिंतो बौद्ध धर्म और विलक्षण समुराई सैनिक इसकी खास पहचान थे. 16वीं सदी का जापान टुकड़ों में बँटा था. इसमें अनेक डेमियन सरदार (वारलॉर्ड) आपस में लड़ते रहते थे. उसी समय यूरोपियन व्यापारी और ईसाई मिशनरियाँ भी जापान पहुंचीं. उस दौर में जापान में पश्चिम से दो चीजें पहुंची...क्रिश्चियनिटी और बंदूकें. उनमें एक जापानी वारलॉर्ड हुआ ओडा नोबुनागा. उसे जापान का पहल...
पंजाब में उन्मादी लपटों को हवा देने के षड़यंत्र- ललित गर्ग

पंजाब में उन्मादी लपटों को हवा देने के षड़यंत्र- ललित गर्ग

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
एक बार फिर पंजाब अशांति, हिंसा एवं आतंकवाद की ओर बढ़ रहा है। राज्य में कानून-व्यवस्था ढह चुकी है और अराजकता हावी है। समूचा प्रशासन मूकदर्शक बनकर असामान्य होती स्थितियों को देख रहा है। खालिस्तान समर्थक उग्र होते जा रहे हैं। पुलिस और शासन-व्यवस्था एकदम लाचार बनी उपद्रवियों के सामने समर्पण करती हुई दिखाई दे रही है? ऐसे जटिल-से-जटिल हालातों में आम जनता अपनी सुरक्षा की उम्मीद किससे करेगी! यह छिपा तथ्य नहीं है कि पंजाब में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर कई बार ऐसे हालात देखे गये है, मानो आपराधिक तत्त्वों को बेलगाम होने का मौका मिल गया हो या यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत राज्य में अशांति, आतंक एवं अराजकता को पनपने दिया जा रहा है। जबकि चुनावों के दौरान आप पार्टी ने राज्य की जनता से कानून-व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त करने से लेकर नशामुक्ति जैसे कई बड़े वादे...
सिसोदिया की गिरफ्तारी ‘आप’ का प्रदर्शन भारी

सिसोदिया की गिरफ्तारी ‘आप’ का प्रदर्शन भारी

Link of debates on various news channel participation by Dialogue India Group Editor Anuj Agarwal
हिंदी खबर न्यूज़ चैनल पर आज की बहस का *LIVE LINK* सिसोदिया की गिरफ्तारी ‘आप’ का प्रदर्शन भारी "हिन्दी ख़बर"* पर प्रधान संपादक *अतुल अग्रवाल* के साथ देखिए *जो कहूंगा सच कहूंगा* LIVE *एक्सपर्ट पैनल* *1. मीनाक्षी शर्मा, प्रवक्ता, AAP* *2. रमाकांत मिश्रा, प्रवक्ता, BJP* *3. चंद्रमोहन शर्मा, नेता, कांग्रेस* *3. अनुज अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार* * Youtube* https://youtu.be/_kCWx7cDzVE * Facebook* https://fb.watch/iYhGhgSKou/ * Twitter* https://bit.ly/3Y3gngq ...
नशीला गांधीवाद और सिसोदिया

नशीला गांधीवाद और सिसोदिया

Today News, घोटाला
सिसोदिया को पता था कि व्यक्ति शराब पीकर सत्य बोलता है और चूँकि वे गांधी जी के शिष्य थे व दिल्ली के लोगों को सत्यवादी बनाना चाहते थे इसीलिए उन्होंने शराब की खपत बढ़ाने का निर्णय किया,जिसको सीबीआई शराब घोटाले के रूप में प्रस्तुत कर खामाँखां उनको बदनाम कर रही है। सोमरस के गुणों का तो वेदों में भी वर्णन है। नशीले शिक्षामंत्री के इसी कार्य के लिए केजरीवाल उनको भारत रत्न देने की माँग करते रहे हैं जिस पर मोदी सरकार कान नहीं धर रही। भाजपाई नहीं चाहते कि दिल्ली के विद्यालयों में सत्य का बोलबाला हो और झूठो का मुँह काला हो।नई पीढ़ी के नशीले सत्यवादी भविष्य के निर्माण में लगी दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का सभी को साथ देना चाहिए ताकि वे सत्तावादी बने रहें और उनका व उनके नशीले गांधीवाद का विस्तार पूरे देश में हो। ...
भाग्य के भरोसे झूलता विपक्ष

भाग्य के भरोसे झूलता विपक्ष

TOP STORIES, राष्ट्रीय
डॉ. वेदप्रताप वैदिक अपने रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी ने अपने राजनीतिक संन्यास की घोषणा बहुत ही मर्यादित ढंग से कर दी है और उन्होंने अपने काल की उपलब्धियों और हानियों का जिक्र भी काफी खुलकर किया है लेकिन कांग्रेसियों का भक्तिभाव भी अद्भुत है। वे बार-बार कह रहे हैं कि इसे आप सोनियाजी का संन्यास क्यों मान ले रहे हैं? वे अब भी कांग्रेस की सर्वोच्च नेता हैं। यह कथन बताता है कि सोनिया गांधी के प्रति कांग्रेसियों में कितनी अंधभक्ति है? क्या आपने कभी अटलजी या आडवाणीजी के प्रति ऐसा भक्तिभाव भाजपा में देखा है? सभी लोकतांत्रिक देशों की पार्टियां समय-समय पर अपने नेताओं को बदलती रहती हैं लेकिन हमारी कांग्रेस पार्टी को आजादी के बाद जड़ता ने ऐसा घेरा है कि वह पार्टी नहीं, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है, जैसे कि हमारी प्रांतीय पार्टियां हैं। अब कांग्रेस कह रही है कि उसी के नेतृत्व में मोदी-विरोधी...
शुद्ध पानी का हक दिलाने की सरकारी मुहिम

शुद्ध पानी का हक दिलाने की सरकारी मुहिम

राष्ट्रीय, सामाजिक
ललित गर्गजल मनुष्य के जीवन को वह अहम हिस्सा है जिसके बिना इंसान अपने जीवन के सफर को पूर्ण नहीं कर सकता है। यानी जल के बिना जीवन संभव नहीं है। प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति उपेक्षा एवं उदासीनता का परिणाम है कि इंसान को पीने का स्वच्छ जल मिलना दुर्लभ होता जा रहा है। व्यक्ति के जीवन जीने के लिए पानी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति को तभी पूरा कर सकता है जब उनके जीवन में पानी की सुविधा उपलब्ध है। निरन्तर जटिल होती स्वच्छ जल की समस्या को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जल जीवन मिशन स्कीम शुरू की है। इस स्कीम को शुरू करने का मुख्य लक्ष्य यह है की ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले 50 प्रतिशत से अधिक ऐसे परिवार है जिन्हें पानी की समस्याओं से जूझना पड़ता है। पानी प्राप्त करने के लिए उन्हें दूर क्षेत्रों में कई मीलों पैदल जाना पड़ता है ज...
वायु प्रदूषण से लड़खड़ाता स्वास्थ्य

वायु प्रदूषण से लड़खड़ाता स्वास्थ्य

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
वायु गुणवत्ता बहुत खराब होने का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे रेस्पिरेटरी इश्यू, हार्ट प्रॉब्लम बढ़ने के अलावा और भी कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।हाई लेवल के वायु प्रदूषण के कारण कई तरह के प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। इससे श्वसन संक्रमण, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जो पहले से ही बीमार हैं, उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। बच्चे, बुजुर्ग और गरीब लोग इसके ज्यादा शिकार होते हैं। जब पार्टिकुलेट मैटर  2.5 होता है, तो यह फेफड़ों के मार्ग में गहराई से प्रवेश करने लगता है। -प्रियंका सौरभ वायु प्रदूषण का भारत में मानव स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी के लिए दूसरा सबसे बड़ा जोखिम कारक है और वायु प्रदूषण की आर्थिक लागत सालाना 150 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। भारत में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में वाहन उत्...
वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था पुनः वैभवकाल की ओर अग्रसर

वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था पुनः वैभवकाल की ओर अग्रसर

TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
यदि भारत के प्राचीन अर्थतंत्र के बारे में अध्ययन किया जाय तो ध्यान में आता है कि प्राचीन भारत की अर्थव्यस्था अत्यधिक समृद्ध थी। विश्व के कई भागों में सभ्यता के उदय से कई सहस्त्राब्दी पूर्व, भारत में उन्नत व्यवसाय, उत्पादन, वाणिज्य, समुद्र पार विदेश व्यापार, जल, थल एवं वायुमार्ग से बिक्री हेतु वस्तुओं के परिवहन एवं तत्संबंधी आज जैसी उन्नत नियमावलियां, व्यवसाय के नियमन एवं करारोपण के सिद्धांतों का अत्यंत विस्तृत विवेचन भारत के प्राचीन वेद ग्रंथों में प्रचुर मात्रा में मिलता है। प्राचीन भारत में उन्नत व्यावसायिक प्रशासन व प्रबंधन युक्त अर्थतंत्र के होने के भी प्रमाण मिलते हैं। प्राचीन भारत में कुटीर उद्योग बहुत फल फूल रहा था इससे सभी नागरिकों को रोजगार उपलब्ध रहता था एवं हर वस्तु का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता था। ग्रामीण स्तर पर भी समस्त प्रकार के आवश्यक उत्पाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध...
राहुल गांधी की नई भूमिका क्या हो?

राहुल गांधी की नई भूमिका क्या हो?

TOP STORIES, राष्ट्रीय
विनीत नारायणपंडित नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक हर प्रधान मंत्री वैश्विक मंच पर गर्व से घोषणा करते आए हैं कि भारत विश्वका सबसे बड़ा लोकतंत्र है। किसी भी सफल लोकतंत्र का प्रमाण यह होता है कि उसमें पक्ष और विपक्षी दल सबलभूमिका में सक्रिय रहें। कमज़ोर विपक्ष या विपक्षहीन पक्ष लोकतंत्र के पतन का रास्ता तैयार करता है। इसके साथही न्यायपालिका, मीडिया, चुनाव आयोग, महालेखाकार व जाँच एजेंसियों की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो और वेनिडर होकर काम कर सकें। अनुभव ये बताता है कि हमारा देश में सत्ता पक्ष विपक्ष को कमज़ोर करने का हर संभवप्रयास करता है। पर स्विट्ज़रलैंड, इंग्लैंड या अमरीका जैसे देशों में सत्तापक्ष की ओर से ऐसे अलोकतांत्रिक प्रयासप्रायः नहीं किए जाते। इसलिए उनका लोकतंत्र आदर्श माना जाता है।किसी देश की अर्थव्यवस्था के स्थायित्व के लिए ज़रूरी होता है कि देश की गृह नीति ऐसी हो जिससे समाज मेंशांति व्...
सावरकर के बलिदानों को धुंधलाने की कोशिशें कब तक?

सावरकर के बलिदानों को धुंधलाने की कोशिशें कब तक?

TOP STORIES, विश्लेषण
वीर दामोदर सावरकर निर्वाण दिवस- 26 फरवरी, 2023- ललित गर्ग -प्रखर राष्ट्रवादी एवं हिन्दूवादी नेता वीर दामोदर सावरकर इस संसार के एकमात्र ऐसे रचनाकार हैं जिनकी पुस्तक ’1857 का स्वातंत्र्य समर’ को अंग्रेजों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया था। यह वह पुस्तक है जिसके माध्यम से सावरकर ने सिद्ध कर दिया था कि 1857 की जिस क्रांति को अंग्रेज मात्र एक सिपाही विद्रोह मानते हैं, जबकि वही भारत का ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ था। वीर सावरकर ऐसे महान् भारतीय क्रांतिवीर हैं जिन्हें अंग्रेज-सरकार ने क्रांति के अपराध में एक ही जीवन में दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। दो बार की काले पानी की कठोर सजा के दौरान सावरकर को अनेक यातनाएं दी गयी। अंडमान जेल में उन्हें छः महिने तक अंधेरी कोठरी में रखा गया। एक-एक महिने के लिए तीन बार एकांतवास की सजा सुनाई गयी। सात-सात दिन तक दो बार हथकड़ियां पहनाकर दीवा...