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Author: Dialogue India

रामचरित मानस का अपमान

रामचरित मानस का अपमान

धर्म
चुनाव की आहट सुन रामद्रोही सक्रियमृत्युंजय दीक्षितपहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा की एक जनसभा में घोषण करी कि आगामी एक जनवरी 2024 को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन करेंगे, आप सभी लोग मंदिर के दिव्य दर्शन करने के लिए अभी से टिकट बुक करवा लें और उसके बाद भाजपा कार्यसमिति की बैठक में श्रीराम मंदिर के निर्माण और उसकी उद्घाटन तिथि को लेकर एक प्रस्ताव पारित हुआ। इन दो बातों ने देश के तथाकथित धर्मनिरपेक्ष और वामपंथी दलों और उनके नेताओें की चिंता बढ़ा दी है और उन्हें यह प्रतीत होने लगा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन हिंदू समाज का यह महत्व्पूर्ण कार्य पूरा हो जाने के बाद हिन्दू जनमानस में उनकी कोई हैसियत नहीं रह जाएगी। इसी भय के कारण उन्होंने अपना रामद्रोही गैंग सक्रिय कर दिया है और सनातन हिन्दू संस्कृति से सम्बंधित ...
क्या रियलिटी शो आपको भावुक करते हैं?

क्या रियलिटी शो आपको भावुक करते हैं?

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
*रजनीश कपूरजब भी कभी आप टीवी पर किसी रियलिटी शो को देखते हैं तो आप उसमें दिखाए गए कुछ विषयों से इतनेप्रभावित हो जाते हैं कि आप भावुक हो उठते हैं। ऐसा होना स्वाभाविक है। परंतु यदि आपको पता चले कि टीवीपर दिखाए जाने वाले ऐसे कुछ रियलिटी शो पहले से ही नियोजित किए जाते हैं तो क्या आप तब भी भावुक होंगे?यह कुछ ऐसा ही है जैसा फ़िल्मों में दिखाया जाता है। सभी जानते हैं कि जैसे फ़िल्मों में चलने वाली बंदूक़ असलीनहीं होती और कलाकारों के शरीर से निकालने वाला खून भी असली नहीं होता। उसी तरह फ़िल्मों को लोकप्रियकरने कि दृष्टि से उसमें ऐसी कहानी ली जाती है जो श्रोताओं को भाव-विभोर कर सके।आजकल टीवी पर भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। रियलिटी शो और टैलेंट शो के नाम पर टीवी पर अक्सर ऐसा कुछदिखाया जाता है जिससे कि श्रोता उसे देख कर भावुक हो उठें और इन चर्चा करने लगें। इन शो पर आने वाले दिनोंमें क्या होगा इसका अनुमान...
बहुसंख्य समाज की आस्था पर चोट कब तक?

बहुसंख्य समाज की आस्था पर चोट कब तक?

धर्म
-ललित गर्ग- देश में अनेक राजनीति एवं गैर-राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित अराष्ट्रवादी एवं अराजक शक्तियां हैं जो अपने तथाकथित संकीर्ण एवं देश तोड़क बयानों से देश की एकता, शांति एवं अमन-चैन को छिनने के लिये तत्पर रहती है, ऐसी ही शक्तियों में शुमार बिहार के शिक्षामंत्री श्री चन्द्रशेखर एवं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू धर्म की आस्था को आहत करने वाले बयान दिये हैं, संत शिरोमणी तुलसीदास रचित रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों को लेकर उन्होंने तथ्यहीन, घटिया, सिद्धान्तहीन एवं हास्यास्पद टिप्पणी करके धर्म-विशेष की आस्था को आहत करते हुए विवाद को जन्म दिया है। हालांकि सपा ने मौर्य की इस टिप्पणी से खुद को यह कहते हुए अलग कर लिया है कि यह उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी थी। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि देश के प्रमुख राजनेता ने सच्चाई को जानते हुए जानबूझकर भड़काऊ एवं उन्मादी बयानों से द...
राजघाट- सर्वधर्म प्रार्थना के स्थायी चेहरे

राजघाट- सर्वधर्म प्रार्थना के स्थायी चेहरे

राष्ट्रीय
विवेक शुक्ला  महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर आज ( 30 जनवरी) को राजघाट और फिर गांधी स्मृति में सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन होगा। ये गांधी जयंती पर भी आयोजित होती है। सर्वधर्म प्रार्थना का विचार गांधी जी ने ही संसार को दिया था। उनके जीवनकाल में यह आरंभ हो गया था। उनके संसार में न रहने के बाद भी 2 अक्तूबर, 30 जनवरी तथा अन्य विशेष अवसरों पर सर्वधर्म प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं। राजघाट पर विभिन्न धर्मों की प्रार्थनाओं का पाठ करने वालों से विवेक शुक्ला की बातचीत के अंश । कब होती अनुपम अनुभूति  डॉ.बलदेव आनंद सागर हिन्दू प्रार्थना  कब से- 2002 से  डॉ. बलदेव आनंद सागर के लिए तीन तिथियां विशेष हैं। 2 अक्तूबर और 30 जनवरी के साथ 21 अगस्त, 1994 भी। उन्होंने 21 अगस्त, 1994 को दूरदर्शन पर पहली बार प्रसारित हुए  संस्कृत समाचार बुलेटिन को प...
खिलाडियों के चयन में भ्रष्टाचार ले डूबा भारतीय हाँकी को

खिलाडियों के चयन में भ्रष्टाचार ले डूबा भारतीय हाँकी को

TOP STORIES, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा पिछले रविवार को देश के करोड़ों हॉकी चाहने वालों का सपना तार-तार हो गया। सबको उम्मीद थी कि 1975 के बाद भारत फिर से हॉकी वर्ल्ड कप को जीतने में कामयाब हो जाएगा। पर यह हो न सका। ओडिशा में खेले जा रहे हॉकी वर्ल्ड कप में न्यूज़ीलैंड ने पेनाल्टी शूट आउट में भारत को हराकर क्वार्टर फ़ाइनल में जगह बना ली और भारत खिताबी दौड़ से बाहर हो गया। दरअसल टोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम से  आशा की किरण इसलिए नजर आ रही थी, क्योंकि; उसका पिछले ओलंपिक खेलों में सराहनीय प्रदर्शन रहा था। कहना होगा कि भारत की महिला और पुरुष हॉकी टीमों ने टोक्यों ओलंपिक खेलों में बेहतर प्रदर्शन किया था। भारत के हॉकी प्रेमियों को एक लंबे अंतराल के बाद इतना शानदार प्रदर्शन देखने को मिला था अपने खिलाड़ियों से। पर चालू वर्ल्ड कप में हमारी हॉकी टीम का खेल बेहद औसत...
विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में आने से राष्ट्रहितघात – उन्हे रोकना होगा

विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में आने से राष्ट्रहितघात – उन्हे रोकना होगा

TOP STORIES, विश्लेषण
        केंद्र सरकार विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने देश बुलाने और उन्हें खुली छूट देने पर आग्रही दिखाई दे रही है. इस से अपने संस्कृति पर हो सकने वाले अत्यंत बुरे परिणाम से सरकार अनभिज्ञ है ऐसा नहीं लगता. (एकात्म प्रबोध मंडल के प्रतिवेदन के संलग्न अंश देखिए.) फिर भी देश को इसमें क्यों धकेला जा रहा है? 1 एक तरफ हम decolonization  की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर मानसिक Recolonization के लिए हम स्वयं राजमार्ग तैय्यार कर रहे हैं. इस परस्पर विरोध से हम ना घर के ना घाट के इस उक्ति को चरितार्थ करेंगे. 2 आज की शिक्षा में हम अंग्रेजी माध्यम हटा नहीं पा रहे हैं. वैसे ही विदेशी विश्वविद्यालय उनका पैसा लगाकर भारतीय मानस पर हावी होंगे और वो भी भारतीय लोगों के प्रयास से. फिर विदेशी शिक्षा संस्थान और विदेशियत को निकालना क्...
26 जनवरी 1915 क्राँतिकारी गाइदिनल्यू का जन्म

26 जनवरी 1915 क्राँतिकारी गाइदिनल्यू का जन्म

TOP STORIES, राज्य
26 जनवरी 1915 क्राँतिकारी गाइदिनल्यू का जन्म* रानी लक्ष्मीबाई की भाँति जीवन भर स्वत्व और स्वाभिमान केलिये संघर्ष* स्वतंत्रता के बाद मिशनरियों के विरुद्ध अभियान --रमेश शर्मा 26 जनवरी भारत के लिये अति पवित्र दिन है । यह भारत के गणतंत्र का उत्सव दिवस है । दासत्व के एक लंबे अंधकार के बाद भारतीय जीवन में अपना संविधान आया था । भारतीय गणतंत्र की वर्षगाँठ के साथ इस दिन एक और गौरव मयी स्मृति जुड़ी हुई है । वह स्मृति है रानी गाइदिनल्यू के जन्मदिन की । वे क्राँतिकारी थीं उन्होंने तेरह वर्ष की उम्र से सशस्त्र संघर्ष आरंभ किया था । लेकिन स्वतंत्रता के बाद भी उन्हे शाँति न मिली । नागालैंड के लिये नागा संस्कृति ही महत्वपूर्ण है । वे नागालैंड के स्वत्व और स्वाभिमान की पक्षधर थीं । इस नाते चाहतीं थीं कि स्वतंत्रता के बाद नागालैंड में नागा संस्कृति ही स्थापित हो पर ईसाई धर्म प्रचारकों का एक बड़ा नेटव...
भारतीय गणतंत्र के लिए खतरे

भारतीय गणतंत्र के लिए खतरे

BREAKING NEWS, राष्ट्रीय, समाचार
(74वां गणतंत्र दिवस 2023) यह सच है कि भारत ने महान लोकतांत्रिक उपलब्धियां प्राप्त की हैं, लेकिन स्वतंत्रता के बाद हमें इस देश और समाज में जिन उच्च आदर्शों की स्थापना करनी चाहिए थी, हम आज ठीक इसके विपरीत दिशा में जा रहे हैं और भ्रष्टाचार, दहेज, मानव घृणा, हिंसा जैसी समस्याएं अश्लीलता और बलात्कार अब जीवन का हिस्सा बनते जा रहे हैं। लेकिन हमारा देश प्राचीन काल से ही अनेक समस्याओं को आगे बढ़ा रहा है, वर्तमान भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, ऐसे में युवाओं को अपनी भागीदारी बढ़ाकर देश, समाज और परिवार का लोकतंत्रीकरण करना होगा। -डॉ सत्यवान सौरभ  हर साल भारत में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को उस तारीख को मनाने के लिए मनाया जाता है जिस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और देश एक गणतंत्र बना था। हर साल, 26 जनवरी को देश भर में उत्सव और देशभक्ति के उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल भार...
74वां गणतंत्र दिवस— आत्मचिंतन करने का समय

74वां गणतंत्र दिवस— आत्मचिंतन करने का समय

BREAKING NEWS, TOP STORIES
बलबीर पुंज आज भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। सभी पाठकों को इसकी असीम शुभकामनाएं। यह अवसर जहां जश्न मनाने का है, तो आत्मावलोकन करने का भी है। इसके लिए कुछ प्रश्नों का उत्तर खोजना स्वाभाविक है। यह ठीक है कि 1950 में भारत संप्रभु गणराज्य बना, किंतु क्या एक राष्ट्र के रूप में उसे पहचान भी तब ही मिली? क्या भारत में पंथनिरपेक्षता, लोकतंत्र और बहुलतावाद रूपी जीवनमूल्य, ब्रितानियों से मिले उपहार है? यदि ऐसा है, तो भारत को छोड़कर भारतीय उपमहाद्वीप में हमारे पड़ोसी देश या यूं कहे कि एक समय सांस्कृतिक भारत का हिस्सा रहे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इन मूल्यों का अकाल क्यों है? आखिर भारत में यह मूल्य किसके कारण अब तक जीवंत है? भारत केवल इसलिए ही पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और बहुलतावादी नहीं है, क्योंकि अंग्रेजों ने अपने 200 वर्षों के राज के दौरान देश को कथित रूप से इन मूल्यो...
बढ़ती आर्थिक असमानता पर मंथन हो

बढ़ती आर्थिक असमानता पर मंथन हो

आर्थिक, विश्लेषण
- ललित गर्ग - वैश्विक संस्था ऑक्सफैम ने अपनी आर्थिक असमानता रिपोर्ट में समृद्धि के नाम पर पनप रहे नये नजरिया, विसंगतिपूर्ण आर्थिक संरचना एवं अमीरी गरीबी के बीच बढ़ते फासले की तथ्यपरक प्रभावी प्रस्तुति देते हुए इसे घातक बताया है। संभवतः यह एक बड़ी क्रांति एवं विद्रोह का कारण भी बन रहा है। आज देश एवं दुनिया की समृद्धि कुछ लोगों तक केन्द्रित हो गयी है, भारत में भी ऐसी तस्वीर दुनिया की तुलना में अधिक तीव्रता से देखने को मिल रही है। ऑक्सफैम ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत में सबसे अमीर एक प्रतिशत के पास अब देश की कुल संपत्ति का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। जबकि नीचे की आधी आबादी के पास कुल संपत्ति का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा है। भारत के दस सबसे अमीरों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाने से बच्चों को स्कूल वापस लाने के लिए पूरा पैसा मिल सकता है। केवल एक अरबपति गौतम अडानी पर साल 2017 से 2021 के बीच ...