
बंगला कृत्तिवास रामायण में जब हनुमान्जी ने क्यों अपना सीना चीरकर दिखाया?
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग
हमने कई चित्र ऐसे देखे हैं कि हनुमानजी अपना सीना फाड़कर उसमें प्रभु श्रीराम सीताजी सहित दर्शन करा रहे हैं। अब प्रश्न यह उपस्थित होता है कि हनुमानजी को ऐसा क्यों करना पड़ा? यह दृश्य कब का है? इत्यादि। इन सब प्रश्नों का उत्तर बंगला कृत्तिवास रामायण के लंकाकाण्ड के अंतर्गत श्रीराम के राज्याभिषेक के शुभ अवसर का बड़े ही रोचकतापूर्ण वर्णित है।श्रीराम के अयोध्यापुरी में राज्याभिषेक के शुभ अवसर पर अदृश्य रूप से ब्रह्माजी ने स्वर्ण-कमलों की माला आकाश से समर्पित की, जो श्रीराम के गले की शोभा बढ़ाने लगी। नाना प्रकार के मणि-माणिक्य, पारस-पत्थर से बना कुबेर का हार श्रीराम के कंठ की शोभा में चार चाँद लगा रहा था। देवताओं के द्वारा भेंट किए गए आभूषणों से श्रीराम संसार में पूजित हुए। जिस भी मनुष्य में श्रीराम के राज्याभिषेक के बारे में सुना उसी की पार्थिव सम्पदा बढ...