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Ram Gets Justice in His Land

Ram Gets Justice in His Land

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At long last in the land of Ram a Ram Temple will be built where he was born. Supreme Court of India has on the basis of evidence has said that Babri Masjid was built at the place which was birth place of Lord Ram. This judgment of the Supreme Court is significant since it was delivered unanimously by the 5 –Judge Constitution Bench which also included Justice S Abdul Nazeer who belongs to Muslim community. All Judges admitted that it was the place of birth of Ram. That the place was the birth place of Ram was based on research oriented excavation of the site by the Archeological Survey of India. The ASI had discovered that there was a Ram Temple at the site where Mir Baqi, a Minister of Mughal Emperor Babar built Babri Masjid in 1528. This helped the Supreme Court in deciding the case. T...
शुरू होने जा रहा है वायुसेना का स्वर्णिम युग

शुरू होने जा रहा है वायुसेना का स्वर्णिम युग

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  भारतीय वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत उसके विदेशी लड़ाकू विमान, जेट व उनपर लगी मिसाइलें और युद्ध सामग्री नहीं है बल्कि उसके जांबाज अधिकारी, पायलट व सैनिक हैं। इस वर्ष के 87 वें वायुसेना दिवस के मौके पर हिंडन एयरबेस पर आयोजित समारोह में एयर वाइस मार्शल संजय भटनागर के विशेष अतिथि के रूप में मुझे बहुत करीब से वायुसेना की मौजूदा स्थिति, क्षमता व गतिविधियों को देखने का मौका मिला। अपने मित्र कर्नल राहुल सिन्हा व उनके पुत्र यश व मेरे छोटे पुत्र सहज के साथ मैंने बहुत गहराई से हमारी वायुसेना की ताकत व विशेषताओं का आंकलन किया। यह आश्चर्यजनक व अफसोसजनक था कि पिछले तीन दशकों में भारत की वायुसेना को आधुनिक हथियारों, प्रशिक्षण व लड़ाकू विमानों से वंचित रखा गया और पुराने होते मिग व मिराज विमानों से जूझते हमारे वायुसेना अधिकारियों व पायलटों की एक पीढ़ी ही बूढ़ी हो गयी। मगर अब दिन बदल रहे हैं।...
आधुनिक भारत के शिल्पी थे सरदार पटेल

आधुनिक भारत के शिल्पी थे सरदार पटेल

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भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं आजादी के बाद आधुनिक भारत को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने के कारण सरदार वल्लभभाई पटेल ने राजनीतिक इतिहास में एक गौरवपूर्ण, ऐतिहासिक एवं स्वर्णिम स्थान प्राप्त किया। वास्तव में वे आधुनिक भारत के शिल्पी थे। भारत की मादी को प्रणम्य बनाने एवं कालखंड को अमरता प्रदान करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी अखण्ड भारत को लेकर जितनी बड़ी कल्पनाएं थी, जितने बड़े सपने थे, उसी के अनुरूप लक्ष्य बनाये और उतने ही महत्वपूर्ण कार्य किये। उनके कठोर व्यक्तित्व में बिस्मार्क जैसी संगठन कुशलता, कौटिल्य जैसी राजनीति सत्ता तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अब्राहम लिंकन जैसी अटूट निष्ठा थी। जिस अदम्य उत्साह, असीम शक्ति एवं कर्मठता से उन्होंने नवजात भारत गणराज्य की प्रारम्भिक कठिनाइयों का समाधान किया, उसके कारण विश्व के राजनीतिक मानचित्र पर वे एक अमिट आलेख बन गये। राजनीति...

कलम वह शक्तिशाली हथियार है जिसकी ताकत से विश्व को बदला जा सकता है!

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लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ पत्रकारिता जगत के बन्धुओं को वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था (विश्व संसद) के गठन का संकल्प आज के महान दिवस पर लेना चाहिए! - विश्वात्मा भरत गांधी  ब्रिटिश शासन के विरूद्ध पीड़ितों और गरीब किसानों की आवाज को बुलंद करने वाले अब गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे साहसी पत्रकार गिनती के दिखते हैं जो सत्य की अखण्ड ज्योति को जलाने के लिए सदा जीते हो तथा उसी के लिए शहीद हो जाते हैं। पत्रकारिता जगत का जो पत्रकार सत्य के रूप में ईश्वर को पहचान लेता है तो फिर दुनिया की कोई ताकत उसे सच्चाई को उजागर करने से रोक नहीं सकती है। महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सेवी, पत्रकार, आजादी के इस दीवाने और सांप्रदायिक सौहार्द के पुजारी गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का जन्म 26 अक्टूबर, 1890 को इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ले में हुआ था। इनके पिता श्री जयनारायण गरीब तथा धार्मिक प्रवृत्ति के एक अच्छे इंसान थे। व...
प्रकृति ही देगी प्लास्टिक का हल

प्रकृति ही देगी प्लास्टिक का हल

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"आदमी भी क्या अनोखा जीव है, उलझनें अपनी बनाकर आप ही फंसता है, फिर बेचैन हो जगता है और ना ही सोता है।"  आज जब पूरे विश्व में प्लास्टिक के प्रबंधन को लेकर मंथन चरम पर है तो रामधारी सिंह दिनकर जी की ये पंक्तियाँ बरबस ही याद आ जाता है । वैसे तो कुछ समय पहले से विश्व के अनेक देश सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करने की दिशा में ठोस कदम उठा चुके हैं और आने वाले कुछ सालों के अंदर केवल बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का ही उपयोग करने का लक्ष्य बना चुके हैं। भारत इस लिस्ट में सबसे नया सदस्य है। जैसा कि लोगों को अंदेशा था, उसके विपरीत अभी भारत सरकार ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कानूनी रूप से बैन नहीं किया है केवल लोगों से स्वेच्छा से इसका उपयोग बन्द करने की अपील की है। अच्छी बात यह है कि लोग जागरूक हो भी रहे हैं और एक दूसरे को कर भी रहे हैं। अगर दुनिया भर के देशों द्वारा सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन के पैटर्न को द...
घुसपैठियों के सवाल को पीछे छोड़ दिया एनआरसी ने

घुसपैठियों के सवाल को पीछे छोड़ दिया एनआरसी ने

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असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर की अंतिम सूची जारी होते ही विवादों में आ गई है। वहीं इसे लेकर कुछ राज्य उत्साह में भी हैं। असम में एक कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने कह दिया कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी की व्यवस्था लागू की जाएगी। अमित शाह ने जैसे ही यह बयान दिया, भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में इसे लेकर ना सिर्फ समर्थन दे दिया, बल्कि इसे अपने राज्यों में लागू करने की बात भी कर दी। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि मणिपुर और मेघालय में भी इसे समर्थन मिल सकता है। क्योंकि इन दोनों राज्यों के भी मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों में एनआरसी की मांग करते रहे हैं। वैसे दिल्ली, तेलंगाना, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी की मांग उठती रही है। भाजप...
प्रधानमंत्री के ‘जल शक्ति अभियान’ को कैसे सफल बनाये?

प्रधानमंत्री के ‘जल शक्ति अभियान’ को कैसे सफल बनाये?

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देश में बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री जी के अति महत्वपूर्ण ‘जल शक्ति अभियान’ की शुरूआत जुलाई 2019 में की भी। जिसका उद्देश्य जल संरक्षण और सबके लिए स्वच्छ पेयजल की आपूत्र्ति करना है। ‘स्वच्छता अभियान’ व ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’  की ही तरह यह भी एक अति महत्वपूर्णं कदम है। जिसका क्रियान्वयन करने में देश के हर नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी और राजनेताओं को ईमानदारी और निष्ठा से सहयोग करना चाहिए। जिससे बढ़ते जल संकट से निजात पा सके। आजादी के बाद से आजतक यही होता आया है कि बड़ी-बड़ी योजनाऐं सद्इच्छा से और देश को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से घोषित की जाती है। पर जैसा 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि, ‘‘दिल्ली से चले 100 रूपये में से केवल 14 रूपये ही खर्च होते हैं, शेष रास्ते में भ्रष्टाचार की बलि ...
Best Tribute to Gandhi: Spread his Message of Ahimsa

Best Tribute to Gandhi: Spread his Message of Ahimsa

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Three things that disturbed Mahatma Gandhi most when he returned to India from South Africa in  1915 were poverty, untouchability and violence. As the nation celebrates yearlong Gandhi’s 150th birth anniversary from October 2 today every citizen of India should spread the teachings of the Mahatma in his or her own way to spread his message of Ahimsa (non-violence), Untouchability and alleviation of poverty. It is not necessary that you organize things on big scale. Even a small meeting, going to the people to spread Gandhi’s message in village, taluka, mohalla and in housing societies will be best tribute to Gandhi this day. Mahatma Gandhi is the greatest individual who was born not only in India but in the world. On the occasion of Mahatma Gandhi's 70th birthday, Albert Einstein had sa...
गांधी जी के नमक कानून तोड़ो आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता

गांधी जी के नमक कानून तोड़ो आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता

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  दिसंबर 1929 लाहौर में रावी नदी के तट पर हुए कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन  में पूर्ण स्वराज राष्ट्रीय आंदोलन का लक्ष्य रखा गया । 26 जनवरी 1930 को सम्पूर्ण देश में स्वतंत्रता दिवस भी मनाया गया। पूर्ण स्वराज्य प्राप्ति के उद्देश्य से नमक कानून तोड़ो आंदोलन आरम्भ करने का निश्चय किया गया। गांधी जी का विचार था नमक प्रकृति में हवा, पानी के समान मुफ्त में उपलब्ध है, इसे समुद्र के किनारे पानी को इकठ्ठा करके, नमक के पहाड़ से तथा मिट्टी से बनाया जा सकता है। सरकार सिर्फ कर प्राप्त करने के लिये इसको बनाने पर रोक लगाती है, जिससे गरीबों को पर्याप्त मात्रा में नमक नहीं मिल पाता, अत: इस कर को समाप्त किया जाना चाहिये। सविनय अवज्ञा आंदोलन आरम्भ करने से पूर्व गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार से  2 मार्च 1930 को वायसराय को पत्र लिखकर समझौता करने का भी प्रयास किया। परंतु उनका प्रयास असफल रहा। इसके पूर्व 30 जन...
बारिश की गड़बड़ी से निपटना सीखना पड़ेगा

बारिश की गड़बड़ी से निपटना सीखना पड़ेगा

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चार महीनों का वर्षाकाल खत्म हो गया है। पूरे देश में वर्षा का औसत देखें तो कहने को इस साल अच्छी बारिश हुई है। लेकिन कहीं बाढ़ और कहीं सूखे जैसे हालात बता रहे हैं कि यह मानसून देश पर भारी पड़ा है।मघ्य भारत अतिवर्षा की चपेट में आ गया। मघ्य भारत में औसत से 26 फीसद ज्यादा पानी गिरा है। उधर पूर्व व उत्तरपूर्व भारत में औसत से 16 फीसद कम वर्षा हुई। ज्यादा बारिश के कारण दक्षिण प्रायद्वीप की भी गंभीर स्थिति है। वहां 17 फीसद ज्यादा वर्षा दर्ज हुई है। सिर्फ उत्तर पश्चिम भारत में हुई बारिश को ही सामान्य कहा जा सकता है। हालांकि वहां भी 7 फीसद कम पानी गिरा है। कुलमिलाकर इस साल दो तिहाई देश असमान्य बारिश का शिकार है। आधा देश हद से ज्यादा असमान्य वर्षा से ग्रस्त हुआ है। मघ्य भारत बाढ़ का शिकार है तो पूर्व व पूर्वोत्तर के कई उपसंभागों में सूखे जैसे हालात है। उत्तर पश्चिम भारत जिसे सामान्य वर्षा की श्रेणी मे...