
“यह कैसा विधान…. पत्थरबाज भी नही आते बाज…”⁉
❔➖आओ हमें गालियां दो , जलील करो , नोचों-खरोचों, लात मारों ,घायल करो या हमारे प्राण भी ले लो , हम "आह" भी नही भरेंगे....हमारे हेल्मेट, सुरक्षा कवच व हथियार आदि भी लुट लो हम "उफ" भी करें तो कहना... ?.... क्योंकि हम तो संयम में रहकर धैर्य के बड़े बड़े कीर्तिमान बनाते आये है और बनाते रहेंगे....
❔➖ 1947-48 में पाकिस्तानी शत्रुओं ने हमारे कश्मीर का एक तिहाई भाग लगभग 75 हज़ार वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया फिर भी हमने उनको उसी स्थिति का लाभ देकर युद्ध विराम करके हथियार डाल दिये... 1962 में चीन से पिटे और 37 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक का कश्मीरी भूभाग और गंवा बैठे...1965 में भी हमने अपनी वीरता की गाथा को लिखने के लिये "ताशकंद समझौता" किया जिसमें जीते हुए युद्ध को भी समझौते की पटल पर हार गये... और फिर 1971 में हाथ आये शत्रुओ के लगभग 93000 हज़ार कैदियों के साथ अतिथि सत्कार का धर्म निभाते ह...