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Author: dindiaadmin

अमन की फिजा में कश्मीर घाटी की अवाम भी करेगी मतदान

अमन की फिजा में कश्मीर घाटी की अवाम भी करेगी मतदान

BREAKING NEWS, Today News, राज्य
आर.के. सिन्हा कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के जिस लाल चौक पर कुछ साल पहले तक सिर्फ सुरक्षा बलों के जवान ही झुण्ड के झुण्ड दिखाई दिया करते थे, वहां आजकल लोकसभा चुनाव को लेकर स्थानीय लोग खुलकर राजनीतिक चर्चाएं कर रहे हैं। कश्मीर घाटी में धारा 370 को हटाए जाने के बाद पहली बार कोई चुनाव हो रहे हैं। तब से घाटी की स्थिति में भी अभूतपूर्व  बदलाव आया है।   घाटी में आतंकवाद जब चरम पर चल रहा था, तब बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों और अन्य लोग वहां से भागकर दिल्ली और दूसरे राज्यों में शरण ली थी। तब इनके सामने विस्थापन का संकट झेलने से लेकर अनिश्चित भविष्य की मुश्किलों का सामना करने के अलावा कोई दिशा या रास्ता भी तो नहीं था।  2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह ने जब धारा 370 को हटाया जिस ऐतिहासिक संसद के...
हिन्दू विवाह पर सर्वोच्च अदालत का स्वागतयोग्य फैसला

हिन्दू विवाह पर सर्वोच्च अदालत का स्वागतयोग्य फैसला

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग - देश की सर्वोच्च अदालत ने हिन्दू विवाह को लेकर बड़ा फैसला देकर न केवल हिन्दू विवाह के संस्कारों एवं पारंपरिक रिवाजों को पुष्ट किया है बल्कि उन्हें कानूनी दृष्टि से आवश्यक स्वीकार किया है। आज जबकि हिन्दू विवाह की पवित्रता एवं परम्परा तथाकथित आधुनिक जीवन एवं प्रभाव के कारण धुंधली होती जा रही है, पाश्चात्य संस्कृति की आंधी में हिन्दू विवाह की पवित्रता समाज में समय के साथ घटी है और उसमें सुधार एवं सुदृढ़ता की जरूरत है। जो लोग विवाह को मात्र एक पंजीकरण मानते हैं, उन्हें चेत जाना चाहिए। उन्हें सात फेरों का अर्थ समझना होगा। बिना सात फेरों, हिन्दू रीति-रिवाजों एवं वैवाहिक आयोजनों के कोर्ट की दृष्टि में भी विवाह मान्य नहीं होगा। हिंदू विवाह पर कोर्ट का ताजा फैसला न केवल स्वागतयोग्य है बल्कि इसके दूरगामी परिणाम सुखद होंगे। इससे हिन्दू संस्कृति एवं संस्कारों को बल मिलेगा। पारिवारिक-स...
लोकसभा चुनाव में मुद्दों को नया विमर्श दें

लोकसभा चुनाव में मुद्दों को नया विमर्श दें

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
- ललित गर्ग - लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान में एक आवाज बहुत धीमी पर एक वजन और पीड़ा के साथ सुनने को मिल रही है कि इस चुनाव को येन-केन-प्रकारेण जीतने के सभी जायज एवं नाजायक प्रयोग हो रहे हैं, लेकिन नैतिकता, मूल्य एवं आदर्श की बात कहीं भी सुनाई नहीं दे रही है। देश का राजनीतिक भविष्य तय करने वाले इन चुनावों में एक और विडम्बना देखने को मिल रही है कि राष्ट्र विकास के मुद्दों एवं आजादी के अमृतकाल को अमृतमय बनाने की कोई चर्चा नहीं है। देश को दिशा देने एवं कोई नया विमर्श खड़ा करने का नेताओं के पास अभाव है, जो अपने-आप में एक त्रासदी है। मतदाताओं की लोकतंत्र के महाकुंभ में भागीदारी का घटना भी एक चिन्ता का सबब है। जबकि किसी भी राष्ट्र के जीवन में चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण घटना होती है। यह एक यज्ञ होता है। लोकतंत्र प्रणाली का सबसे मजबूत पैर होता है।विभिन्न राजनीतिक दल आरक्षण का मुद्दा खड़ा करके ज...
मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए किसी भी सीमा तक जाएंगे राजनैतिक दल

मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए किसी भी सीमा तक जाएंगे राजनैतिक दल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए किसी भी सीमा तक जाएंगे राजनैतिक दलमृत्युंजय दीक्षितलोकसभा चुनावों के मतदान के दो चरण समाप्त हो जाने के बाद सभी राजनैतिक दलों को जनता के मध्य अपनी स्थिति की वास्तविकता का कुछ सीमा तक पता चल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की सम्भावना वाली भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए विपक्ष ने एक बार फिर मुस्लिम तुष्टीकरण का विकृत खेल खेलना प्रारम्भ कर दिया है। तथाकथित इंडी गठबंधन में शामिल दलों के नेता लगातार भड़काऊ और नफरत भरी बयानबाजी कर रहे हैं जिसमें अब वोट जिहाद और तालिबान भी आ गया है। दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ आतंकी फंडिंग मामले में सजा काट रहे यासिन मलिक का फोटो लगाया गया है। पोस्टर में यासिन मलिक की रिहाई के साथ कांग्रेस को वोट देने की अपील की गई है। हालांकि जानकारी मिलते ही दिल्...
Why prestigious Colleges open schools

Why prestigious Colleges open schools

विश्लेषण
-         From St. Stephen's College to St. Stephen's Cambridge School  Vivek Shukla On what basis should a school or college be called excellent? Of course, the sole measure of this can be whether that educational institution has instilled such values in its students that they go on to become better citizens and serve the country and society. Another measure could be whether it (the educational institution) has expanded. By expansion, it means whether it has opened any branches and whether the standard there has also been excellent and high-quality. Undoubtedly, on this front, the name of St. Stephen's College, Delhi, has to be taken.St. Stephen's College was established by the Delhi Brotherhood Society, an organization of Gandhij...
<strong>गहराते जल-संकट से जीवन एवं कृषि खतरे में</strong>

गहराते जल-संकट से जीवन एवं कृषि खतरे में

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
- ललित गर्ग - मानवीय गतिविधियों और क्रिया-कलापों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है और इससे जलवायु में होता जा रहा परिवर्तन अब मानव जीवन के हर पहलू के साथ जलाशयों एवं नदियों के लिए खतरा बन चुका है। जलवायु परिवर्तन का खतरनाक प्रभाव गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र सहित प्रमुख जलाशयों और नदी घाटियों में कुल जल भंडारण पर खतरनाक स्तर पर महसूस किया जा रहा है, जिससे लोगों को गंभीर जल परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। केंद्रीय जल आयोग के नवीनतम आंकड़े भारत में बढ़ते इसी जल संकट की गंभीरता को ही दर्शाते हैं। आंकड़े देश भर के जलाशयों के स्तर में आई चिंताजनक गिरावट की तस्वीर उकेरते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 25 अप्रैल 2024 तक देश में प्रमुख जलाशयों में उपलब्ध पानी में उनकी भंडारण क्षमता के अनुपात में तीस से पैंतीस प्रतिशत की गिरावट आई है। जो हाल के वर्षों की तुलना में बड़ी गिरावट है। जो सूखे जैसी स्थिति की ओर ...
<strong><em><u>क्यों श्रेष्ठ कॉलेज खोलें गांवों में स्कूल</u></em></strong>

क्यों श्रेष्ठ कॉलेज खोलें गांवों में स्कूल

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
क्यों श्रेष्ठ कॉलेज खोलें गांवों में स्कूल या  क्यों चौ. छोटू राम- सीएफ एंड्रूज के कॉलेज का स्कूल खोलना खास आर.के. सिन्हा कभी विचार कीजिए कि किसी स्कूल या कॉलेज को किस आधार पर श्रेष्ठ कहा जाना चाहिए?  बेशक, इसका एकमात्र पैमाना यही हो सकता है कि उस शिक्षण संस्थान ने अपने विद्यार्थियों को इस तरह के संस्कार दिए जिसके चलते उन्होंने आगे चलकर बेहतर नागरिक बनकर देश और समाज की सेवा की। इसका एक पैमाना यह भी हो सकता है कि क्या उसने ( शिक्षण संस्थान) ने अपना विस्तार किया ? विस्तार से मतलब है कि क्या उसने अपनी कोई अन्य शाखा भी खोली और वहां का शिक्षण भी श्रेष्ठ और स्तरीय रहा । बेशक, इस मोर्चे पर दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज का नाम लेना होगा। सेंट स्टीफंस कॉलेज को गांधी जी के परम सहयोगी दीनबंधु सी.एफ.एंड्रूज की संस्था दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी ने स्थापित किया था।...
ईवीएम की बची इज़्ज़त

ईवीएम की बची इज़्ज़त

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
हर चुनाव में नेताओं से ज्यादा EVM की इज्जत दांव पर लगी होती है. हर जीत EVM की कारीगरी बताई जाती है. लोकतंत्र की जीत को EVM की जीत बताया जाता है. EVM को बदनाम किया जाता है. चुनाव दर चुनाव EVM पर परिपक्वता बढ़ने की बजाय शंका और अविश्वास बढ़ाया जाता है. लोकसभा चुनाव में तो लगभग सभी विपक्षी दलों ने बैलेट पेपर की पद्धति से चुनाव कराने की मंशा जाहिर की. कई बड़े नेताओं ने तो इतनी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशी उतारने तक की जुगाड़ लगाई, ताकि EVM मशीन की तकनीकी क्षमता समाप्त हो जाए और चुनाव बैलेट पेपर पर हो जाए. देश में शंका का ऐसा वातावरण बनाया गया, कि जैसे EVM के जरिए चुनाव परिणामों को मैनेज किया जाता है. सर्वोच्च न्यायालय में बैलेट पेपर से मतदान के मांग की याचिका डाली गई. EVM और VVPAT पर्चियां का शत प्रतिशत मिलान करने की याचिकाएं पेश की गईं. सर्वोच्च न्यायालय ने बारीकी से EVM की शुद्धता और न...
मौसम गड़बड़ा सकता है- सारे आर्थिक अनुमान

मौसम गड़बड़ा सकता है- सारे आर्थिक अनुमान

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
मौसम गड़बड़ा सकता है- सारे आर्थिक अनुमान* बड़ी अजीब कश्मकश है, प्रतिकूल मौसमी हालात तथा बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों ने चिंता को और गहरा दिया है। निर्धारित चार प्रतिशत तक मुद्रास्फीति नियंत्रण के लक्ष्य को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। बीते माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 4.9 प्रतिशत थी इस पर केंद्रीय बैंक समेत आर्थिक विशेषज्ञ उत्साहित थे कि अब चार फीसदी के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसी मकसद से केंद्रीय बैंक ने अप्रैल 2023 के बाद से रेपो दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया। केंद्रीय बैंक को आशंका थी कि रेपो दरों में बदलाव से महंगाई बढ़ सकती है। ऐसे में आरबीआई मुद्रा स्फीति की मौजूदा स्थिति को लेकर आशावान है। लेकिन साथ ही चिंतित है कि मौसम के मिजाज में लगातार आ रहे बदलाव तथा दो साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध व हालिया गाजा संकट से वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ सकती है। जिसका असर भार...
विकसित देश भारत के आर्थिक दर्शन को लागू कर अपनी आर्थिक समस्याओं का हल निकाल सकते हैं

विकसित देश भारत के आर्थिक दर्शन को लागू कर अपनी आर्थिक समस्याओं का हल निकाल सकते हैं

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
विकसित देश भारत के आर्थिक दर्शन को लागू कर अपनी आर्थिक समस्याओं का हल निकाल सकते हैं विश्व के कुछ विकसित देश, विशेष रूप से अमेरिका और ब्रिटेन, भारत को समय समय पर आर्थिक क्षेत्र में अपना ज्ञान प्रदान करते रहे हैं। परंतु, अब विश्व के आर्थिक धरातल पर परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं और भारत की स्थिति इस संदर्भ में बहुत सुदृढ़ होती जा रही है वहीं विकसित देशों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। अमरीका स्थित निवेश बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान भारत के कुल कर्ज की स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहते रहे हैं कि भारत का कर्ज, सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में, तेजी से बढ़ता जा रहा है। जबकि, इसी मापदंड के आधार पर अमेरिका एवं अन्य विकसित देशों की स्थिति देखी जाय तो भारत की तुलना में इन देशों की स्थिति बहुत अधिक दयनीय स्थिति में पहुंच गई है, परंतु यह देश भारत को आज भी ज्ञान देते नहीं चूकते हैं कि...