
मेरे कृष्ण
श्री कृष्ण जन्मोत्सव वास्तव में एक बालक जन्म से कुछ अधिक है, ये पर्व मानव सभ्यता को जीवन मूल्यों के साथ जीवन से जुड़े विभिन्न मनोभावों जैसे प्रेम, विश्वास, क्रोध, अनुराग, घृणा आदि के प्रति जागरूक करता है।
विचारणीय तथ्य है कि समस्त बंधनो में जन्म लेने वाला शिशु किस प्रकार समस्त बंधनों को पार करके एक नए परिवार में प्रवेश पाता है। उसको जन्म देने वाले, पालने वाले सब एक माध्यम है ताकि शिशु अपनी विभिन्न लीलाओं के माध्यम से समाज को जागरूक कर सके।
श्री कृष्ण का जीवन एक प्रतिबिम्ब है जिसमे उनके अनेक रूप जीवन शैली की सकारात्मकता एवम नकारात्मकता को समाविष्ट किये हुए है। कृष्ण एक नटखट बालक है, एक बाँसुरी वादक है, एक भयंकर योद्धा है, एक राजनेता है, एक महायोगी है और एक प्रेमी है। वास्तव में कृष्ण जीवन का एक आचरण है जिसका संबंध पूरे समाज से है। यदि श्री कृष्ण के जीवन का अध्ययन करें तो पाते हैं कि श्...