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धर्म

साम्प्रदायिक सद्भाव एक मृग मरीचिका

साम्प्रदायिक सद्भाव एक मृग मरीचिका

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क्या गांधी जी का देश बताने वाले साम्प्रदायिक सद्भावना की बात करके कभी उस सौहार्द को बना पाएं या गांधी जी भी कभी उस मृग मरीचिका को खोज पायें ? अनेक महापुरुषों के कथनों से भी यही सत्य छलकता रहा कि हिन्दू- मुस्लिम एकता संभव नहीं अर्थात साम्प्रदायिक सद्भाव कहने व सुनने में अच्छा लगता है पर इसकी दूरी अनन्त है। पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्नाह ने भी कहा था कि हिन्दू मुस्लिम दो अलग अलग विचारधाराएं है और इनका एक साथ रहना संभव नहीं। जब मुसलमान जिहादी दर्शन का अनुसरण करेंगें और गैर मुस्लिमों पर अत्याचार या उनकी धार्मिक आस्थाओं पर निरंतर आघात करते रहेँगेँ तो कब तक कोई अपने अस्तित्व की रक्षा में उनके विरोध से बचता रहेगा ? अतः ये कैसे कहा जा सकता है कि हमारा देश सदियों से सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल रहा है ? इतिहास को झुठलाया नहीं जा सकता । भारत के कौने कौने में आप मुगलो की बर्बरता के निशान आज भी द...
सात शरीर,सात जगत और सात चक्र

सात शरीर,सात जगत और सात चक्र

धर्म
आत्मा के सात शरीर होते हैं और जिन जिन परमाणुओं से वे सातों शरीर निर्मित होते हैं,उन्ही-उन्ही परमाणुओं से सात लोकों का भी निर्माण हुआ है जो निम्न लिखित हैं--1. *स्थूल परमाणु(physical atom)* से स्थूल शरीर(physical body)की रचना होती है और वह स्थूल जगत(physical world) में इसी शरीर से रहती है। इसी प्रकार सभी परमाणु, सभी शरीर और सभी लोकों को समझना चाहिए।----1 *स्थूल या भौतिक या पार्थिव(physical)*2. *वासना या प्रेत (ether)*3. *सूक्ष्म या प्राण(astral)*4. *मनोमय(mental)*5. *आत्म(spiritual)*6. *ब्रह्म(cosmic)*7. *निर्वाण(bodiless)।*इन सातों लोकों से मनुष्य के सातों शरीरों का सम्बन्ध होता है जिनके प्रवेश द्वारा मानव शरीर में सात चक्र के रूप में विद्यमान होते हैं।  ये चक्र प्रवेश के द्वार होने के साथ साथ शक्ति के केंद्र और पदार्थों के केंद्र भी होते हैं।1. *भौतिक शरीर* और भौतिक जगत का सम्बन्ध पृथ्वी...
हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग

धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
हिन्दू पंचांग हिन्दू समाज द्वारा माने जाने वाला कैलेंडर है। इसके भिन्न-भिन्न रूप मे यह लगभग पूरे नेपाल और भारत मे माना जाता है। पंचांग (पंच + अंग = पांच अंग) हिन्दू काल-गणना की रीति से निर्मित पारम्परिक कैलेण्डर या कालदर्शक को कहते हैं। पंचांग नाम पाँच प्रमुख भागों से बने होने के कारण है, यह है- तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। इसकी गणना के आधार पर हिंदू पंचांग की तीन धाराएँ हैं- पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति। भिन्न-भिन्न रूप में यह पूरे भारत में माना जाता है। एक साल में १२ महीने होते हैं। प्रत्येक महीने में १५ दिन के दो पक्ष होते हैं- शुक्ल और कृष्ण। प्रत्येक साल में दो अयन होते हैं। इन दो अयनों की राशियों में २७ नक्षत्र भ्रमण करते रहते हैं। १२ मास का एक वर्ष और ७ दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत से शुरू हुआ। महीने का हिसाब सूर्य व...
खटिक जाति का इतिहास

खटिक जाति का इतिहास

धर्म
खटिक जाति मूल रूप से वो ब्राहमण जाति है, जिनका काम आदि काल में याज्ञिक पशु बलि देना होता था। आदि काल में यज्ञ में बकरे की बलि दी जाती थी। संस्कृत में इनके लिए शब्द है, ‘खटिटक’। मध्यकाल में जब क्रूर इस्लामी अक्रांताओं ने हिंदू मंदिरों पर हमला किया तो सबसे पहले खटिक जाति के ब्राहमणों ने ही उनका प्रतिकार किया। राजा व उनकी सेना तो बाद में आती थी। मंदिर परिसर में रहने वाले खटिक ही सर्वप्रथम उनका सामना करते थे। तैमूरलंग को दीपालपुर व अजोधन में खटिक योद्धाओं ने ही रोका था और सिकंदर को भारत में प्रवेश से रोकने वाली सेना में भी सबसे अधिक खटिक जाति के ही योद्धा थे। तैमूर खटिकों के प्रतिरोध से इतना भयाक्रांत हुआ कि उसने सोते हुए हजारों खटिक सैनिकों की हत्या करवा दी और एक लाख सैनिकों के सिर का ढेर लगवाकर उस पर रमजान की तेरहवीं तारीख पर नमाज अदा की। (पढ़िये मेरे पिछले पोस्ट “भारत में इस्लामी आक्रम...
परमात्मा सर्वत्र व्याप्त है, सृष्टि के कण-कण में बस उसे महसूस किया जा सकता है!

परमात्मा सर्वत्र व्याप्त है, सृष्टि के कण-कण में बस उसे महसूस किया जा सकता है!

धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
एक बार एक व्यक्ति ने परमात्मा से प्रार्थना की- ‘परमात्मा! कृपया मुझसे वार्तालाप कीजिए।’ प्रार्थना करते समय पेड़ पर एक चिड़िया चहचहाने और गाने लगी, पर व्यक्ति ने उसे नहीं सुना। वह प्रार्थना करता रहा- ‘प्रभु! कृपया मुझसे वार्तालाप कीजिए।’ सहसा, बादल गरज उठे और आसमान में बिजली कौंध उठी, पर व्यक्ति ने उसे भी नजरअंदाज कर दिया। उस रात व्यक्ति फिर से प्रार्थना करने बैठ गया। वह कहने लगा- ‘प्रभु! कृपया मुझे अपने दर्शन दीजिए।’ आसमान में एक सितारा तेजी से चमकने लगा। तब भी व्यक्ति ने उसे नहीं देखा। व्यक्ति व्याकुल हो उठा और चिल्लाने लगा-‘प्रभु ! मुझे चमत्कार दिखाइए।’ उस रात उसके पड़ोसी के घर एक बालक का जन्म हुआ और उसने अपने जीवन की पहली चीख-पुकार की, पर व्यक्ति ने उस पर भी ध्यान नहीं दिया। अगले दिन व्यक्ति बाहर गया। चलते-चलते वह मूक रूप से प्रार्थना करने लगा- ‘प्रभु! मुझे स्पर्श कीजिए और मुझे यह बताइ...