Shadow

राज्य

मप्र: सत्ता ही ब्रह्म है

मप्र: सत्ता ही ब्रह्म है

राज्य
 मध्यप्रदेश में सरकार बने सवा साल ही हुआ है लेकिन उसकी अस्थिरता की चर्चा जोरों से चल पड़ी है। कांग्रेस और भाजपा दो सबसे बड़ी पार्टियां हैं, मप्र में लेकिन दोनों को विधानसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस को सीटें ज्यादा मिल गई लेकिन सत्तारुढ़ भाजपा को वोट ज्यादा मिले। कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं और भाजपा को 107 ! जो छोटी-मोटी पार्टियां हैं, उनके तीन और चार निर्दलीय विधायकों को मिलाकर कांग्रेस ने भोपाल में अपनी सरकार बना ली। विधानसभा में कुल 230 सदस्य हैं। दो सीटें अभी खाली हैं याने 228 सदस्यों की विधानसभा में कांग्रेस पार्टी का शासन मजे में चल रहा था। मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने कुछ ऐसे कदम भी उठाए हैं, जो भाजपा की सरकार उठाती लेकिन वे सात गैर-कांग्रेसी सदस्य हिलने-डुलने लगे हैं। एक कांग्रेसी विधायक ने विधानसभा से ही इस्तीफा दे दिया है। भोपाल में इतनी भगदड़ मच...
दिल्ली में आज वे भी डरे हुए हैं, जिन्होंने दंगा भड़काने में परोक्ष सहयोग किया

दिल्ली में आज वे भी डरे हुए हैं, जिन्होंने दंगा भड़काने में परोक्ष सहयोग किया

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
दिल्ली में आज वे हिन्दू-मुसलमान भी डरे हुए हैं, जो पिछले ढाई महीनों से CAA-NRC-NPR के खिलाफ अफवाहें फैलाकर दो समुदायों को आमने-सामने खड़ा करके दंगा भड़काने में जुटे थे। दिल्ली में आज वे हिन्दू-मुसलमान भी अपनी जान बचाने के लिए पुलिस की ओर ही कातर दृष्टि से देख रहे हैं, जो जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दंगाई गुंडों पर लाठीचार्ज के बाद पुलिस के खिलाफ ज़हर उगल रहे थे और लोगों की साम्प्रदायिक भावनाएं भड़का रहे थे। दिल्ली में आज वे हिन्दू-मुसलमान भी डरे हुए हैं, जिन्हें जामिया, एएमयू, आईआईटी कानपुर, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद से की गई देशविरोधी और हिंदू विरोधी बातों में तो मज़ा आ रहा था, लेकिन आलोचना के शब्द केवल कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयानों पर फूटते थे। दिल्ली में आज वह हर हिन्दू-मुसलमान भी डरा हुआ है, जिसने परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से इन दंगों की बुनियाद रखी है।...
Delhi Burnt: Post-Violence Relief: A Ground Report

Delhi Burnt: Post-Violence Relief: A Ground Report

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
Govt machinery needs to speed up basic relief needed to keep body and soul together. Government completely absent from relief operations in the aftermath of communal violence in Delhi Received from Ayesha Kidwai: Status report based on visit to Bhajanpura, Chaman Park and Shiv Vihar on February 29, 2020 By Anjali Bhardwaj, Annie Raja, Poonam Kaushik, Geetanjali Krishna, Amrita Johri We went to North-East Delhi where communal violence had broken out on February 24, 2020 and carried on till February 26, 2020. As per latest figures available, 42 people have died, more than 200 are injured and thousands have been rendered homeless due to destruction and looting of their houses. We met with Muslim and Hindu families in Bhajanpura, Chaman Park and Shiv Vi...
तो क्या कश्मीर की तरह दिल्ली भी सेना के हवाले करनी पड़ेगी?

तो क्या कश्मीर की तरह दिल्ली भी सेना के हवाले करनी पड़ेगी?

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
आप पार्षद हाजी ताहिर हसन जिनके घर से पत्थर और पेट्रोल बम की बरसात हुई है। पत्थर, तेज़ाब और पेट्रोल का जखीरा भी मिला है, आईबी कर्मचारी के परिवारीजन जिन पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगा रहे हैं। वह कह रहे हैं कि मुस्लिम आबादी छोड़कर वह हिंदू आबादी में रहने आए। यह ठीक वैसे ही है जैसे कुछ लोग कहते हैं कि हम बाई च्वायस हिंदुस्तान में रुके और पाकिस्तान नहीं गए। तो यह अहसान अपने ऊपर था कि हिंदुस्तान पर? हिंदुस्तान को अब सीरिया बनाने के लिए नहीं गए? जब देखो तब कहते फिरते हैं कि किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है और  हिंदुस्तान को जलाते फिरते रहते हैं। अपने बाप का हिंदुस्तान होता तो इस तरह नहीं जलाते आए दिन। अम्बेडकर ने पाकिस्तान बनने पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा है कि अच्छा हुआ इस्लाम नाम का अभिशाप हिंदुस्तान से पाकिस्तान गया। लेकिन आंबेडकर को नहीं मालूम था कि पाकिस्तान बनाने की लड़ाई लड़ने ...
Delhi Elections: 4(57%) Out of 7 ministers have declared criminal cases against themselves

Delhi Elections: 4(57%) Out of 7 ministers have declared criminal cases against themselves

राज्य
Delhi Election Watch and Association for Democratic Reforms have analysed the self-sworn affidavits of all 7 ministers including the Chief Ministerfrom Delhi State Assembly 2020. For the complete report in English, please click here. Summary and Highlights     Year Number of Ministers Analysed Number of crorepati Ministers Percentage of crorepati ministers Average Assets (Rs. in Crores) Number of Ministers with declared criminal cases Percentage  of Ministers with declared criminal cases Number of Ministers with declared serious criminal cases Percentage of Ministers with declared serious criminal cases Number of Women in Cabinet Percentage of Women in Cabinet Delhi Cabinet 2020 7 5 71% 8.96 4 57% 3 43% 0 0% Delhi  Cabinet 2015 7 ...
Poll-results in Delhi

Poll-results in Delhi

राज्य
Poll-results for Delhi state-assembly giving Aam Admi Party (AAP) a thumping majority and Congress coming with poor-most zero confirms elimination of Congress as a national political party, and rise of Arvind Kejriwal aiming towards a probable opposition-face for top post in governance of the country in case AAP goes ahead by establishing its strong units in other states starting from UP because people of UP are amongst most beneficiaries of free medical facilities available in Delhi at cost of money of Delhi tax-payers. Poll-strategist Prashant Kishore has once again established his expertise in AAP leading to historical victory, and can be instrumental in AAP aiming to replace Congress as national party. Poll-results should lead BJP to think of much-required change in state-leadership...
ADR Delhi Assembly Elections 2020 – Analysis of Criminal Background, Financial, Education, Gender and other Details of Candidates

ADR Delhi Assembly Elections 2020 – Analysis of Criminal Background, Financial, Education, Gender and other Details of Candidates

addtop, राज्य
The Delhi Election Watch and Association for Democratic Reforms (ADR) have analysed the self-sworn affidavits of all 672 candidates from 70 constituencies, who are contesting in the Delhi Assembly Elections. Out of 672 candidates analysed, 210 are from National parties, 90 are from State parties, 224 are from registered unrecognized parties and 148 candidates are contesting independently. 95 political Parties are contesting the election this year whereas in 2015 Delhi Assembly Elections 71 political parties contested the election. For the complete report, please go to :   https://adrindia.org/content/delhi-assembly-elections-2020-analysis-criminal-background-financial-education-gender-and Summary and Highlights   Criminal Background Candidates with Criminal Cases: Out...
दिल्ली मांगे मोर

दिल्ली मांगे मोर

addtop, Today News, TOP STORIES, राज्य
  लोकतांत्रिक पिरामिड को सही कोण पर खड़ा करने के पांच सूत्र हैं, लोक-उम्मीदवार, लोक-घोषणापत्र, लोक-अंकेक्षण, लोक-निगरानी और लोक-अनुशासन। लोक-घोषणापत्र का सही मतलब है, लोगों  की नीतिगत तथा कार्य संबंधी जरूरत व सपने की पूर्ति के लिए स्वयं लोगों द्वारा तैयार किया गया दस्तावेज। प्रत्येक ग्रामसभा व नगरीय वार्ड सभाओं को चाहिए कि वे मौजूद संसाधन, सरकारी-गैरसरकारी सहयोग, आवंटित राशि तथा जनजरूरत के मुताबिक अपने इलाके के लिए अगले पांच साल के सपने का नियोजन करें। इसे लोकसभावार, विधानसभावार, मोहल्लावार व मुद्देवार तैयार करने का विकल्प खुला रखना चाहिए। इसमें हर वर्ष सुधारने का विकल्प भी खोलकर रखना अच्छा होगा। इस लोक एजेंडे या लोक नियोजन दस्तावेज को लोक-घोषणापत्र का नाम दिया जा सकता है। इस लोक-घोषणापत्र को किसी बैनर या फ्लेक्स पर छपवाकर अथवा सार्वजनिक मीटिंग स्थलों की दीवार पर लिखकर चुनाव प्रचार...
किसके हाथ लगेगी दिल्ली की बाजी?

किसके हाथ लगेगी दिल्ली की बाजी?

addtop, Today News, TOP STORIES, राज्य
जिस समय ये पंक्तियां लिखी जा रही हैं, उस वक्त दिल्ली का दंगल धीरे-धीरे परवान चढ़ रहा है। मुकाबले में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी आगे दिख रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि माहौल धीरे-धीरे बदलेगा। इस पूरी लड़ाई में निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी आगे दिख रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले विधानसभा में उसने 67 सीटें हासिल की थीं। बेशक उसमें से कपिल मिश्र जैसे कुछ एक लोग बागी हुए। लेकिन आम आदमी पार्टी को भरोसा रहा कि इतना प्रचंड बहुमत कितना भी कम होगा तो वह दिल्ली के बहुमत से आगे ही होगा। इसी आत्मविश्वास के साथ आम आदमी पार्टी ने तैयारियां की और इस खेल में वह आगे रही। उसने अपने पंद्रह विधायकों के टिकट काटे और सबसे पहले उसने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। जबकि दिल्ली में लोकसभा की लगातार दो बार सभी सीटें और लगातार दो बार नगर निगम जीतने वाली भारतीय जनता प...
Andhra Pradesh government once again wants to abolish Legislative Council

Andhra Pradesh government once again wants to abolish Legislative Council

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
Andhra Pradesh government once again wants to abolish Legislative Council – Why not Constitutional provision for Legislative Council in states be repealed It refers to Andhra Pradesh cabinet once again deciding to abolish useless provision of Legislative Council in the state. Andhra Pradesh has a unique record of setting and abolishing Legislative Council with first time set up in the year 1958 and then again in the year 2007 after being abolishing in the year 1985 and now decided to be abolished in the year 2020. There was a post-emergency era in the year 1977 when Legislative Councils remained in just five states, but now being again constituted in other states. Presently apart from Andhra Pradesh, five other states Bihar, Karnataka, Maharashtra, Telangana, and Uttar Pradesh have L...