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भव्य राम मंदिर निर्माण  की ओर बढ़ते कदम

भव्य राम मंदिर निर्माण की ओर बढ़ते कदम

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  राम मंदिर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मंदिर निर्माण हेतु सरगर्मियां तेज़ हो गयी हैं। न्यायालय ने तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। अब ट्रस्ट में कौन कौन व्यक्तिसदस्य होंगे एवं राम मंदिर का पुजारी कौन होगा इस पर गतिविधियां पूरे उफान पर हैं। राम मंदिर आंदोलन में अहम किरदार रही विश्व हिन्दू परिषद चाहती है कि राजनीतिक लोगों का ट्रस्ट में ज़्यादा हस्तक्षेप न रहे। इसके साथ ही विहिप दलित पुजारी की पैरवी भी कर रही है। इन सबके बीच अमित शाह ने चार माह में भव्य राम मंदिर निर्माण की बात कहकर इस विषय पर सरकार की प्रतिबद्धता को सार्वजनिक कर दिया है। चूंकि राम मंदिर के विषय पर दायर सारी याचिकाएं अब खारिज हो चुकी हैं इसलिए किसी भी तरह की कोई कानूनी अड़चन अब आड़े नहीं है। एक ओर रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदान्ती अयोध्या को अन्तराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में देखना ...
Supreme Court strengthens RTI Act by bringing CJI-office under RTI Act

Supreme Court strengthens RTI Act by bringing CJI-office under RTI Act

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Five-member Constitution Bench of Supreme Court headed by the Chief Justice of India on 13.11.2019 gave a land-mark verdict (Civil Appeal 2683 of 2010) dismissing appeal by its own CPIO thus holding office of Chief Justice of India under RTI Act, added yet other milestone in an era requiring transparency. Verdict coupled with another recent Supreme Court verdict dated 17.09.2019 (Civil Appeal 9828 of 2013) declaring DAV College Trust and Management Society public-authority under RTI Act because of substantial government-funding, will have far reaching positive implications where it has set an example for many such bodies affecting day-to-day public-life till now resisting to be under purview of RTI Act. Bringing more bodies affecting day-to-day public-life under RTI Act Earlier Centr...
प्रधानमंत्री ने मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस  29 अगस्त से फिट इंडिया मूवमेंट की शुरूआत की

प्रधानमंत्री ने मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस 29 अगस्त से फिट इंडिया मूवमेंट की शुरूआत की

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3 दिसम्बर - मेजर ध्यानचंद की पुण्य तिथि पर शत शत नमन! अगले ओलम्पिक खेल 2020 में विश्व के सबसे युवा भारत के खिलाड़ियों का एकमात्र लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ तथा ऐतिहासिक प्रदर्शन का होना चाहिए     - प्रदीप कुमार सिंह, लेखक हाकी के सर्वश्रेष्ठ सितारे मेजर ध्यानचंद की 3 दिसंबर 1979 में मृत्यु बीमारी के कारण हो गयी थी। हम इस महान खिलाड़ी की पुण्य तिथि पर सभी देशवासियों की तरफ से शत शत नमन करते है। आस्ट्रिया की राजधानी विएना में चार हाकी स्टिक पकड़े चार हाथों वाली उनकी मूर्ति स्थापित है जो उनके खेल कौशल को दर्शाती है। वियना की यह मूर्ति जिसके चार हाथ और चार स्टिक हैं, जैसे वो हाॅकी के देवता हों। मेजर ध्यानचन्द का कहना था कि मेरा देश क्या देता है मुझे जरूरी नही, पर मेरा फर्ज है मैं देश को क्या देता हूँ। इस उच्च जज्बे के धनी दिलो बसने वाले मेजर ध्यानचंद सदैव देशवासियों तथा खेल प्...
एक देश – अनेक भाषाएँ – एकात्म भाषाएँ

एक देश – अनेक भाषाएँ – एकात्म भाषाएँ

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कुछ दिनों पूर्व गृहमंत्री श्री अमित शाहने कह दिया एक देश, एक भाषा और यह एक विवादका विषय बन गया। मुझे लगा कि इस पूरी चर्चामेंतकनीकीकी भूमिका भी है, उसकी चर्चा करूँ। यह है संगणकीय (कम्प्युटर) तकनीक। संयोगसे यह विषय भी शाहके गृहमंत्रालयका हिस्सा है। हम एक राष्ट्र, एक भाषाका नारा क्यों लगाते हैं? क्योंकि एक स्वतंत्र राष्ट्रके रूपमें आज भी हम विश्वको यह नही बता पाते कि हमारी राष्ट्रभाषाकौनसी है? फिर वैश्विक समाज अंग्रेजीको हमारे देशकी de facto भाषा मानने लगता है। उनकी इस अवधारणाकी पुष्टि हम भारतीय ही करते हैं।जब दो भारतीय व्यक्ति विदेशमें एक दूसरेसे मिलते हैं तब भी अंगरेजीमे बात करते है। देशके अंदर भी कितने ही माता- पिता जब अपने बच्चोंकेसाथ कहीं घूमने जा रहे होते हैं तब उनके साथ अंगरेजीमें ही बोलते हैं। ये बातें देशके गृहमंत्रीको अखर जायें और वह सोचे कि काश हमारे देशकीएक घोषित राष्ट्रभाषा हो...
तो अब भीड के हवाले करो रेप के गुनाहगारॉ को

तो अब भीड के हवाले करो रेप के गुनाहगारॉ को

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सोमवार को राज्य सभा में हैदराबाद में हुई दरिंदगी पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान श्रीमती जया बच्चन ने हैदराबाद की एक नवयुवती डाक्टर की गैंग रेप केबाद हत्या और कम्बल में लपेटकर शव जलाकर फेंकने के जघन्य कांड  पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब तो यही उपाय बचा दिखता है कि रेप केगुनहगारों को बीच शहर में भीड के हवाले कर दिया  जाये। यह शायद व्यावहारिक न दिखे लेकिन पिछले सात सालों से निर्भया हत्या कांड  के बाद पुलिस, प्रशासनऔर न्यायपालिका का भी जो रवैया रहा है, उसको देखते हुये शायद यह भावना वर्तमान में आम जन की भावना के करीब लगती है। दिल्ली में करीब सात साल पहले निर्भया रेप केस के कारण देश दहल गया था। तब उसके गुनहगारों को फ़ासी पर लटकाने की  देशव्यापी माँग हुई। कोर्ट ने उन्हें फाँसी की सज़ा दे भी दी, पर वे अब भी जेल में  सुरक्षित हैं और सरकारी खर्चे पर आराम की जिन्दगी जी रहे ह...
क्या हिंदू और मुसलमान मिलकर नहीं रह सकते ?

क्या हिंदू और मुसलमान मिलकर नहीं रह सकते ?

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हाल ही में रामजन्मभूमि पर आए निर्णंय के बाद देश के बहुसंख्यक मुसलमानों ने जिस शांति और सदभाव का परिचय दिया है, वह प्रशंसनीय है। सारी आकांक्षाओं को निर्मूल करते हुए, अल्पसंख्यक समुदाय ने इस फैसले के विरूद्ध कोई भी उग्र प्रदर्शन या हिंसक वारदात न करके, ये बता दिया है कि साम्प्रदायिक वैमनस्य समाज में नहीं होता बल्कि राजनैतिक दलों के दिमाग की साजिश होती है। कोई भी दल इसका अपवाद नहीं है। इतिहास में इस बात के अनेक प्रमाण हैं कि अगर ‘रामजन्भूमि मुक्ति आन्दोलन’ को राजनैतिक रंग न दिया जाता, तो ये मामला तीन दशक पहले सुलझने की कगार पर था। दरअसलआम आदमी को अपनी रोजी, रोटी और रोजगार की चिंता होती है। ये चिंता भारत के बहुसंख्यक लोगों को आजादी के 72 वर्ष बाद भी सता रही है। जब पेट भरे होते हैं, तब धर्म और राजनीति सूझती है। जो राजसत्ताऐं अपनी प्रजा की इन बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पातीं, वही धार्मिक उ...
एड्स उन्मूलन का वादा पूरा करने के लिए 133 माह शेष

एड्स उन्मूलन का वादा पूरा करने के लिए 133 माह शेष

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(विश्व एड्स दिवस पर लेख)   सरकार के 2030 तक एड्स उन्मूलन के वादे को पूरा करने की दिशा में सराहनीय प्रगति तो हुई है परन्तु नए एचआईवी संक्रमण दर में वांछित गिरावट नहीं आई है जिससे कि आगामी 133 माह में एड्स उन्मूलन का स्वप्न साकार हो सके. इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी की संचालन समिति में एशिया पैसिफ़िक क्षेत्र के प्रतिनिधि और एड्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ ईश्वर गिलाडा ने कहा कि “2020 तक, विश्व में नए एचआईवी संक्रमण दर और एड्स मृत्यु दर को 5 लाख से कम करने के लक्ष्य से हम अभी दूर हैं. 2018 में नए 17 लाख लोग एचआईवी संक्रमित हुए और 7.7 लाख लोग एड्स से मृत. दुनिया में 3.79 करोड़ लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं. भारत में अनुमानित है कि 21.4 लाख लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं, जिनमें से 13.45 लाख लोगों को जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवायरल दवा प्राप्त हो रही है. एक साल में 88,000 नए लोग एचआईवी से ...
गांधी दृष्टि और पर्यावरण विमर्श

गांधी दृष्टि और पर्यावरण विमर्श

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गांधी जी ने अपनी जीवन यात्रा पहले पूरी की, 'पर्यावरण' शब्द बाद में अस्तित्व में आया; यही कोई 20वीं सदी के छठे दशक में। पर्यावरण चुनौतियों का उभार, उनकी चिंता, चिंताओं को सामने रखकर विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का संयुक्त राष्ट्र संघ का निर्देश, पर्यावरण संरक्षण के नाम पर संगठनों की स्थापना, आंदोलन, एक विज्ञान और तकनीकी विषय के रूप में पर्यावरण की पढ़ाई... ये सभी कुछ बहुत बाद में सामने आए। लिहाजा, गांधी साहित्य में ’वातावरण’ शब्द का उल्लेख तो है, किंतु ’पर्यावरण’ शब्द का नहीं। यह कहना उचित ही है; बावजूद इसके, गांधी जी की 105वीं जयंती के दिन साहित्य अकादमी ने पर्यावरण विमर्श को गांधी दृष्टि से देखने संबंधी आलेख पाठ करने और सुनने हेतु हमें आमंत्रित किया है। यह सुखद भी है और गांधी दृष्टि को गहराई से जानने की साहित्य अकादमी की उत्तम लालसा का परिचायक भी। इसके लिए अकादमी बधाई और आभार... दोनो की पात्र...
संयम व दृढ़ता की विजयगाथा

संयम व दृढ़ता की विजयगाथा

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यह अपनी गलती सुधारने जैसा तो है ही, साथ ही अपनी जड़ों से जुडऩे की कोशिश भी है। राम जन्मभूमि के अस्तित्व को स्वीकार करने व उस पर भव्य राम मंदिर के निर्माण की स्वीकृति देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश हम भारतीयों के लिए एक 'क्रांति’ के समान है। राम के अस्तित्व को स्वीकार करना यानि वैदिक सनातन संस्कृति के अस्तित्व को स्वीकार करना है। यह इंडिया पर भारत की जीत है। यह सैकड़ों सालों के उस संघर्ष की जीत है जो अरब देशों के विदेशी इस्लामी आक्रमणकारी लुटेरों के विरुद्ध भारत की जनता ने पिछले 500 से अधिक वर्षों से संयम व दृढ़ता से हज़ारों लोगों की जान गंवाकर भी की। ये हर भारतीय के रोम रोम में बसने वाले दुनिया में प्रथम आदर्श या संपूर्ण व्यक्तित्व एवं आदर्श राज्य की स्थापना करने वाले राजा रामचंद्र के प्रति संपूर्ण भारत का प्रायश्चित भी है और विश्व को यह संदेश भी कि कई सौ सालों की गुलामी से मुक्त हुई भारत...
मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी! – लाला लाजपत राय

मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी! – लाला लाजपत राय

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लाला लाजपत राय 28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोगा जिले के एक अग्रवाल परिवार में हुआ र्था वह देश के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले जज्बे तथा जुनून के कारण पंजाब केसरी भी कहा जाता है। उन्हें ‘पंजाब के शेर’ की उपाधि भी मिली थी।  लाला लाजपत राय को भारत के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है।  लालाजी के पिता अध्यापक लाला राधाकृष्ण लुधियाना जिले के जगराँव कस्बे के अग्रवाल वैश्य थे। वे उर्दू तथा फारसी के अच्छे जानकार थे। इसके साथ ही इस्लाम के मन्तव्यों में भी उनकी गहरी आस्था थी। वे मुसलमानी धार्मिक अनुष्ठानों का भी नियमित रूप से पालन करते थे। नमाज पढ़ना और रमजान के महीने में रोजा रखना उनकी जीवनचर्या का अभिन्न अंग था। अपने पुत्र लाला लाजपत राय के आर्य समाजी बन जाने पर उन्होंने वेद के दार्शनिक सिद्धान्त ‘त्रेतवाद’ को समझने म...