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ट्रिपल तलक  आस्था नही, अधिकारों की लड़ाई है ।

ट्रिपल तलक आस्था नही, अधिकारों की लड़ाई है ।

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ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने का बिल लोकसभा से तीसरी बार पारित होने के बाद  एक बार फिर चर्चा में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही इसे असंवैधानिक करार दे दिया था लेकिन इसे एक कानून का रूप लेने के लिए अभी और कितना इंतज़ार करना होगा यह तो समय ही बताएगा। क्योंकि बीजेपी सरकार भले ही अकेले अपने दम पर  इस बिल को लोकसभा में  82 के मुकाबले 303 वोटों से पास कराने में आसानी से सफल हो गई हो लेकिन इस बिल के प्रति विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए इसे राज्यसभा से  पास कराना ही उसके लिए असली चुनौती है। यह वाकई में समझ से परे है कि कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष अपनी गलतियों से कुछ भी सीखने को तैयार क्यों नहीं है। अपनी वोटबैंक की राजनीति की एकतरफा सोच में  विपक्षी दल इतने अंधे हो गए हैं कि  यह भी नहीं देख पा रहे कि उनके इस रवैये से उनका दोहरा आचरण ही देश के सामने आ रहा है। क्योंकि जो विपक्षी दल राम मंदिर औ...
भारतीय शोधकर्ताओं ने विकसित किया जहरीले रसायनों का डेटाबेस

भारतीय शोधकर्ताओं ने विकसित किया जहरीले रसायनों का डेटाबेस

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पर्यावरण या फिर दैनिक जीवन से जुड़े उत्पादों के जरिये हर दिन हमारा संपर्क ऐसे रसायनों से होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के रसायन उपभोक्ता उत्पादों से लेकर कीटनाशकों, सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं, बिजली की फिटिंग से जुड़े सामान, प्लास्टिक उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत विभिन्न चीजों में पाए जाते हैं।  भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसे रसायन का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार किया है, जो मानव शरीर में हार्मोन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे शारीरिक विकास, चयापचय, प्रजनन, प्रतिरक्षा और व्यवहार पर विपरीत असर पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐसे रसायनों को स्वास्थ्य से जुड़ा प्रमुख उभरता खतरा बताया है। इस खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हार्मोन्स के तंत्र को प्रभावित करने वाले ये रसायन पर्यावरण में मौजूद जहरीले रसायनों का सिर्फ एक उप-समूह है।...
“महामहिम जी की गंगा”

“महामहिम जी की गंगा”

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महामहिम जी ने संसद में अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने 2022 तक गंगा को अविरल और निर्मल बनाने का लक्ष्य रखा है। गंगा के साथ ही सरकार यमुना, नर्मदा, कावेरी और गोदावरी सहित अन्य नदियों अरबी सरकार इसी तर्ज पर काम करेगी।  इस बात ने हमें देश की इन नदियों के भविष्य के लिए चिंता में डाल दिया है। गंगा से जुड़े पर तमाम मुद्दों पर लंबे आंदोलनों, सरकारी आश्वासनों, स्थानीय अदालतों से लेकर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक और साथ में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की कतार हमारे सामने हैं।   फिर भी गंगा अपने उद्गम से लेकर गंगासागर में मिलने तक हैरान और परेशान है। गंगा अपनी दोनों मुख्य धाराओं के उद्गम के पास ही बांध परियोजनाओं में बांध दी गईं है। अलकनंदा गंगा को विष्णुप्रयाग बांध और भागीरथी गंगा को मनेरी भाली से लेकर बड़े विशालकाय टिहरी बांध ने बांध रखा है। गंगा व उसकी सहायक नदियां लगभ...
‘जगत गुरू’ भारत को अब सारे विश्व की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था बनानी है!

‘जगत गुरू’ भारत को अब सारे विश्व की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था बनानी है!

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लोकमात्य बाल गंगाधर तिलक एक समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, पत्रकार और भारतीय इतिहास के विद्वान थे। तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था। तिलक के पिता श्री गंगाधर रामचंद्र तिलक संस्कृत के विद्वान और प्रसिद्ध शिक्षक थे। तिलक एक प्रतिभाशाली छात्र थे। वह अपने कोर्स की किताबों से ही संतुष्ट नहीं होते थे। गणित उनका प्रिय विषय था। वह क्रेम्बिज मैथेमेटिक जनरल में प्रकाशित कठिन गणित को भी हल कर लेते थे। उन्होंने बी.ए. करने के बाद एल.एल.बी. की डिग्री भी प्राप्त कर ली। वह भारतीय युवाओं की उस पहली पीढ़ी से थे, जिन्होंने आधुनिक काॅलेज एजुकेशन प्राप्त की थी। तिलक को जीवन के सबसे जरूरी समय में माता-पिता का सानिध्य नहीं मिल पाया था। केवल दस वर्ष की अवस्था में ही तिलक की माँ उन्हें छोड़कर चल बसीं और कुछ ही वर्षों के बाद पिता का भी देहांत हो गया। तिलक को...
धरती माता को वीटो पाॅवर की कैद तथा परमाणु शस्त्रों की होड़ से   मुक्त कराने के लिये ‘आजाद’  जैसे क्रान्तिकारी जज्बे की  जरूरत है!

धरती माता को वीटो पाॅवर की कैद तथा परमाणु शस्त्रों की होड़ से  मुक्त कराने के लिये ‘आजाद’  जैसे क्रान्तिकारी जज्बे की  जरूरत है!

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  अंग्रेजी उपनिवेशवाद के युग में भारत सहित विश्व के लगभग 54 देशों में अंग्रेजी राज के प्रति नफरत और आक्रोश फैला हुआ था। उपनिवेशवाद में यूरोपीय देशों ने पूँजी के द्वारा ‘सर्वोच्च लाभ’ प्राप्त किया है। उपनिवेशवाद का पूरे यूरोप का मुख्य केन्द्र इंग्लैण्ड रहा है। उपनिवेशवाद का तात्पर्य है आर्थिक दृष्टि से विकसित देशों के द्वारा अविकसित देशों का शोषण। पिछड़े देशों की सारी आर्थिक व्यवस्था उनपर निर्भर रहती है। अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की अन्यायपूर्ण विचारधारा के कारण अंग्रेज के गुलाम 54 देशों के मूल निवासी गरीबी, बीमारी, अशिक्षा तथा गुलामी से भरा अपमानजनक जीवन जी रहे थे। विश्व के इन देशों की प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन करके तथा मानव संसाधन का शोषण करके अंग्रेज अपने देश इंग्लैण्ड को समृद्ध कर रहे थे।  इस कालखण्ड में गुलाम भारत में अंग्रेजांे के प्रति आक्रोश चरम सीमा पर था। स्वाध...
विवाह से पूर्व एच.आई.वी. टेस्ट अनिवार्य हो

विवाह से पूर्व एच.आई.वी. टेस्ट अनिवार्य हो

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मानव शरीर की जीवनीशक्ति हर प्रकार से एक दैविक शक्ति है। परन्तु अक्सर लोग उस दैविक शक्ति को समझने और उसके सहारे सदैव स्वस्थ रहने की परम्पराओं का अनुसरण नहीं कर पाते। स्वस्थ रहने के लिए आधुनिक मानव अप्राकृतिक तथा मानव निर्मित औषधियों आदि का सहारा लेने लग पड़ा है। हम जितना प्रकृति से दूर रहते हैं, हमारे शरीर में उस दिव्य जीवनीशक्ति के कमजोर होने की सम्भावना उतनी ही अधिक बढ़ जाती है। यह दिव्य शक्ति ही अपने आप समय-समय पर पैदा होने वाले शारीरिक और मानसिक रोगों से लड़ने का काम करती है जिसे इम्यूनिटी अर्थात् रोग प्रतिरोधक शक्ति कहा जाता है। हमारी अप्राकृतिक जीवन पद्धति और खान-पान तथा हर प्रकार के प्रदूषित वातावरण के कारण हमारी यह रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती चली जाती है। एक परिस्थिति ऐसी आती है जब हमारे शरीर में इस रोग प्रतिरोधक शक्ति के अभाव को पैदा करने वाला एक ऐसा वायरस पैदा हो जाता है जो इस दिव्य ...
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग कार्यक्रम (ओएएलपी) निविदा – II और III के तहत आवंटित 32 ब्लॉकों के समझौते पत्रों पर हस्ताक्षर किए

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग कार्यक्रम (ओएएलपी) निविदा – II और III के तहत आवंटित 32 ब्लॉकों के समझौते पत्रों पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रीय, समाचार
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आज खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग कार्यक्रम (ओएएलपी) निविदा - II और III के तहत आवंटित 32 ब्लॉकों के समझौते पत्रों पर हस्ताक्षर किए। सरकार ने ओएएलपी निविदा, चरण- दो और तीन को क्रमशः 7 जनवरी, 2019 और 10 फरवरी, 2019 को लांच किया था। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्रक्रिया (आईसीबी) के तहत निविदा चरण- II में 14 ब्लॉकों (कुल क्षेत्रफल लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर) और चरण- III में 5 सीवीएम ब्लॉकों सहित कुल 23 ब्लॉकों (कुल क्षेत्रफल लगभग 32,000 वर्ग किलोमीटर) का प्रस्ताव दिया गया था। निविदा के दोनों चरण 15 मई, 2019 को समाप्त हुए। मूल्यांकन के पश्चात 6 कम्पनियों को कुल 32 ब्लॉकों की मंजूरी दी गई। इसके लिए राजस्व साझा समझौते पत्रों पर केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में आज हस्ताक्षर हुए। आवंटित कि...
स्वर्णिम भविष्य के स्वप्न दिखाती नयी शिक्षा नीति

स्वर्णिम भविष्य के स्वप्न दिखाती नयी शिक्षा नीति

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बच्चे देश का भविष्य ही नहीं नींव भी होते हैं और नींव जितनी मजबूत होगी इमारत उतनी ही बुलंद होगी। इसी सोच के आधार पर नई शिक्षा नीति की रूप रेखा तैयार की गई है। अपनी इस नई शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार एक बार फिर चर्चा में है। चूंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है जाहिर है इसके विरोध में स्वर उठना भी स्वाभाविक था, तो अपेक्षा के अनुरूप स्वर उठे भी। लेकिन मोदी सरकार इस शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कितनी दृढ़ संकल्प है यह उसने अपनी कथनी ही नहीं करनी से भी स्प्ष्ट कर दिया है। दरअसल उसने इन विरोध के स्वरों को विवाद बनने से पहले ही हिन्दी को लेकर अपने विरोधियों की संकीर्ण सोच को अपनी सरकार के उदारवादी दृष्टिकोण से शांत कर दिया। लेकिन बावजूद इसके नई शिक्षा नीति की राह आसान नहीं है। इसके लक्ष्य असंभव भले ही ना हों लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में मुश्किल तो ...
क्यों जरूरी है मोदी जी की ‘हृदय योजना’?

क्यों जरूरी है मोदी जी की ‘हृदय योजना’?

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अपनी सनातनी आस्था और अंतराष्ट्रीय समझ के सम्मिश्रण से मोदी जी ने 2014 में ‘स्वच्छ भारत’ या ‘हृदय’ जैसी चिरप्रतिक्षित नीतियों को लागू किया। इनके शुभ परिणाम दिखने लगे हैं और भविष्य और भी ज्यादा दिखाई देंगे। हृदय योजना की राष्ट्रीय सलाहकार समिति का मैं भी पांच में से एक सदस्य था। इस योजना के पीछे मोदी जी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत के प्राचीन नगरों की धरोहरों को सजा-संवाकर इस तरह प्रस्तुत किया जाय कि विकास की प्रक्रिया में कलात्मकता और निरंतरता बनी रहे। ऐसा न हो कि हर आने वाली सरकार या उस नगर में तैनात अधिकारी अपनी सीमित बुद्धि और अनुभहीनता से नये-नये प्रयोग करके ऐतिहासिक नगरों को विद्रुप बना द, जैसा आजतक करते आये हैं । जिन बारह प्राचीन नगरों का चयन ‘हृदय योजना’ के तहत भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने किया, उनमें से मथुरा भी एक था। राष्ट्रीय स्तर पर एक पारदर्शी चयन प्रक्रि...
युवा भारत 21वीं सदी में ‘जगत गुरू’ बनने की ओर

युवा भारत 21वीं सदी में ‘जगत गुरू’ बनने की ओर

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15 जुलाई - विश्व युवा कौशल दिवस पर हार्दिक बधाइयाँ! विश्व युवा कौशल दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 नवम्बर 2014 को श्रीलंका के प्रस्ताव पर की गयी थी। महासभा ने 15 जुलाई को प्रतिवर्ष विश्व युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र ने विश्व के सभी देशों से यह आग्रह किया कि वे अपने देश में युवाओं को कौशल विकास में सहायता प्रदान करें ताकि ये युवा आगे चलकर बेहतर राष्ट्र तथा विश्व के निर्माण में योगदान दे सकें। 21वीं सदी की युवा पीढ़ी सारे विश्व में घूम-घूमकर अपनी सर्वोत्तम प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है। इनोवेशन की 21वीं सदी में वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा साकार रूप लेने की ओर से तेजी से बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित यह महत्वपूर्ण दिवस तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए कौशल के विकास के महत्व पर अधिक जागरूकता और विश्व बन्धुत्व की भावना वि...