ट्रिपल तलक आस्था नही, अधिकारों की लड़ाई है ।
ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने का बिल लोकसभा से तीसरी बार पारित होने के बाद एक बार फिर चर्चा में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही इसे असंवैधानिक करार दे दिया था लेकिन इसे एक कानून का रूप लेने के लिए अभी और कितना इंतज़ार करना होगा यह तो समय ही बताएगा। क्योंकि बीजेपी सरकार भले ही अकेले अपने दम पर इस बिल को लोकसभा में 82 के मुकाबले 303 वोटों से पास कराने में आसानी से सफल हो गई हो लेकिन इस बिल के प्रति विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए इसे राज्यसभा से पास कराना ही उसके लिए असली चुनौती है। यह वाकई में समझ से परे है कि कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष अपनी गलतियों से कुछ भी सीखने को तैयार क्यों नहीं है। अपनी वोटबैंक की राजनीति की एकतरफा सोच में विपक्षी दल इतने अंधे हो गए हैं कि यह भी नहीं देख पा रहे कि उनके इस रवैये से उनका दोहरा आचरण ही देश के सामने आ रहा है। क्योंकि जो विपक्षी दल राम मंदिर औ...