Shadow

विश्लेषण

राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा का पूरा सच?

राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा का पूरा सच?

Today News, विश्लेषण
ये वाकई शर्म की बात है कि एक शख्स जो 48 साल का है उसे इस बात को साबित करना पड़ रहा है कि वो किस धर्म का है. समस्या है कि वो गुजरात में मंदिर मंदिर में जाकर सिर झुकाता है.. पूजा करता है. कर्णाटक में हिंदू धार्मिक पोशाकों में आरती और वंदना करता है. वो हर ऐसी जगह जाता है जिससे उसके हिंदू का सबूत माना जा सकता है. इतना ही नहीं, उसके प्रवक्ता उसे कभी जेनऊधारी बताते हैं. कभी शिवभक्त घोषित करते हैं तो कभी 'शुद्ध बाह्मण' डीएनए का वाहक बताते हैं. इतना ही नहीं, 48 साल के इस शख्स को खुद को हिंदू साबित करने के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना पड़ता है. और तो और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि वो जहां जाते हैं वहां मीडिया का कैमरा साथ ले जाते हैं. फोटो और वीडियो शेयर टीवी अखबार और सोशल मीडिया पर शेयर किया जाता है. पैसे पर प्रचार प्रसार करने वाले इसे हर फोन तक पहुंचाते हैं लेकिन दुर्भाग्य देखिए.... इतना ...
 हिमशिला की नोक? सिर्फ़ स्वास्थ्य ही नहीं, सतत विकास को भी कुंठित करता है तम्बाकू

 हिमशिला की नोक? सिर्फ़ स्वास्थ्य ही नहीं, सतत विकास को भी कुंठित करता है तम्बाकू

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
प्रति वर्ष 70 लाख से अधिक लोग तम्बाकू के कारण मृत्यु को प्राप्त होते हैं. ज़रा ध्यान से सोचें: हर तम्बाकू जनित रोग से बचा जा सकता है और हर तम्बाकू जनित असामयिक मृत्यु को टाला जा सकता है। तम्बाकू उद्योग ने यह जानते हुए भी कि उनका उत्पाद जानलेवा है, न केवल अपने बाज़ार को बढ़ाया बल्कि विश्वभर में पर्वतनुमा तम्बाकू महामारी को भी अंजाम दिया। विश्व में 70% मौतें ग़ैर संक्रामक रोगों के कारण होती हैं। और तम्बाकू ग़ैर संक्रामक रोगों- जैसे कि हृदय रोग, पक्षाघात, कैंसर, डायबिटीज या मधुमेह, अस्थमा या दमा, श्वास सम्बंधित दीर्घकालिक रोग, आदि- का ख़तरा अनेक गुणा बढ़ाता है । स्वास्थ्य सुरक्षा का सपना सिर्फ़ तम्बाकू रहित दुनिया में ही पूरा हो सकता है, कहना है वरिष्ठ सर्जन प्रोफ़ेसर डॉ रमा कांत का। तम्बाकू से सिर्फ़ स्वास्थ्य ही कुप्रभावित नहीं होता तम्बाकू से सिर्फ़ स्वास्थ्य ही क...
Growing Muslim population in Bhaarat and in non-Muslim countries

Growing Muslim population in Bhaarat and in non-Muslim countries

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
WE are facing our Country's greatest problem of Population explosion  ever since 1947, when after Partition of Our country , we were just about 30 Crores including about 3 crores Muslims which has now swelled to about 22 crores or around EIGHT  TIMES GROWTH & Catholic Christian Population to about Eight to TEN Crores under the Patronage of BISHOPS CONFERENCE OF INDIA AT DELHI & VATICAN HQS, both defeating all our progress & creating Problems for the SECURITY OF our country, like NAXALITE MOVEMENT of CHATISGARH & ENTIRE RED CORRIDOR FROM NORTH TO SOUTH & TERRORISTS ALL OVER  INDIA .  Both Muslims & Catholic Christians produce Six to Eight Children, considering it to be: "ALLAH -ki- DANE" or JESUS CHRIST'S GIFT, Specially In POOR OR BACKWARD & ILLITERATE CLASSE...
क्या गूगल पर लगाम लगा पाएंगे ट्रम्प?

क्या गूगल पर लगाम लगा पाएंगे ट्रम्प?

Today News, विश्लेषण
क्या यह संभव है कि दुनिया की नजर में विश्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति भी कभी बेबस और लाचार हो सकता है? क्या हम कभी अपनी कल्पना में भी ऐसा सोच सकते हैं कि एक व्यक्ति जो विश्व के सबसे शक्तिशाली देश के सर्वोच्च पद पर आसीन है, उसके साथ उस देश का सम्पूर्ण सरकारी तंत्र है और विश्व की आधुनिकतम तकनीक से युक्त फौज है, उस व्यक्ति के खिलाफ भी कभी कुछ गलत प्रचारित किया जा सकता है? शायद नहीं? या फिर शायद हाँ? आज जब अमेरिका के राष्ट्रपति गूगल फेसबुक और ट्विटर पर अपने अपने प्लैटफोर्म से जनता के सामने अपने खिलाफ लगातार और बार बार फेक न्यूज़ परोसने का इल्जाम लगाते हैं, आज जब "डोनाल्ड ट्रंप" जैसी शख़सियत कहती  है कि गूगल पर  "ट्रंप न्यूज़" सर्च करने पर उनके खिलाफ सिर्फ बुरी और नकारात्मक खबरें ही पढ़ने को मिलती हैं, आज जब इंटरनेट पर  "इडियट"  सर्च करने पर  ट्रँप,चाय वाला,फेंकू, सर्च करने पर नरेन्द्र मोदी औ...
क्या “सिम्प्लिसिटीबी” शोध से टीबी उपचार सरल बनेगा?

क्या “सिम्प्लिसिटीबी” शोध से टीबी उपचार सरल बनेगा?

Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम वैश्विक ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रिपोर्ट के अनुसार, टीबी दवा प्रतिरोधकता (ड्रग रेजिस्टेंस) अत्यंत चिंताजनक रूप से बढ़ोतरी पर है । यदि किसी दवा से रोगी को प्रतिरोधकता उत्पन्न हो जाए तो वह दवा रोगी के उपचार के लिए निष्फल रहेगी। टीबी के इलाज के लिए प्रभावकारी दवाएँ सीमित हैं। यदि सभी टीबी दवाओं से प्रतिरोधकता उत्पन्न हो जाए तो टीबी लाइलाज तक हो सकती है। हर साल टीबी के 6 लाख नए रोगी टीबी की सबसे प्रभावकारी दवा 'रिफ़ेमपिसिन' से प्रतिरोधक हो जाते हैं और इनमें से 4.9 लाख लोगों को एमडीआर-टीबी होती है (एमडीआर-टीबी यानि कि 'रिफ़ेमपिसिन' और 'आइसोनीयजिड' दोनों दवाओं से प्रतिरोधकता)। दवाएं असरकारी होंगी तभी तो पक्का इलाज होगा! टीबी का पक्का इलाज तो है यदि ऐसी दवाओं से इलाज हो जिनसे प्रतिरोधकता नहीं उत्पन्न हुई हो. स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ता और सीएनएस (सिटिज़न न्यूज़ स...
addtop, Today News, विश्लेषण
आरक्षण आस या फांस भारत की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के क्रम में विभाजनकारी ताकतों से देश को बचाये रखना एक बड़ी चुनौती है। विदेशी ताकतों के द्वारा लगातार भारत को कमजोर करने और विभाजित करने का षड्यंत्र होता रहा है। भारत की सीमाओं पर पाकिस्तान और चीन लगातार देश को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं तो बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ एक बड़ा सरदर्द बन गया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बाद लाखों की संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों की सरकारी पुष्टि हो चुकी है। रोहिंग्या का विषय अभी तक सुलझा नहीं है। विपक्षी दल गठबंधन की आड़ में राष्ट्रविरोधी ताकतों को प्रश्रय देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 2014 की प्रचंड जीत के बाद जिस तरह राज्यों में मोदी का जादू फैलता गया और उसके द्वारा हिन्दू वोट बैंक एकजुट होता गया, उसके बाद षड्यंत्रकारी ताकतों के द्वारा मोदी विरोध के नए नए पैंतरे खेले जाने लगे। ...
चुनावी राजनीति  कौन आगे?

चुनावी राजनीति कौन आगे?

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
  इस साल के अंत में तीन राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसके साथ ही देश के बौद्धिक और मीडिया वर्ग के एक हिस्से में शिगूफेबाजी भी शुरू हो गई है। शिगूफा यह कि तीन राज्यों के साथ ही लोकसभा का चुनाव भी केंद्र सरकार कराने की तैयारी में है। कांग्रेस के एक सचिव नाम न छापने की शर्त पर इन पंक्तियों के लेखक से बाजी तक लगाने को तैयार थे कि दिसंबर में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के साथ ही लोकसभा का भी चुनाव होने जा रहा है। इतना ही नहीं, उनका दावा है कि जिन राज्यों में साल 2019 में विधानसभा चुनाव होने हैं, मसलन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और हरियाणा की विधानसभा के भी चुनाव पहले साथ ही कराए जा सकेंगे। इसके लिए उन्होंने उदाहरण भी दिया कि कांग्रेस पार्टी में जारी फेरबदल का मकसद भी पार्टी को चुनाव के मद्देनजर तैय...
डायलॉग इंडिया अकेडमिया कॉन्क्लेव : 2018 पुणे का निष्कर्ष

डायलॉग इंडिया अकेडमिया कॉन्क्लेव : 2018 पुणे का निष्कर्ष

addtop, Today News, विश्लेषण
युवाओं में स्वरोजगार का भाव और मूल्य आधारित शिक्षा से ही होगा 'न्यू इंडिया’ का निर्माण डायलॉग इंडिया अकेडमिया अवॉर्ड -2018 में सम्मानित हुए दो दर्जन से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान देश मे जमीनी बदलाव में लगे लब्ध प्रतिष्ठित विद्वतजनों का संबोधन देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थानों के संचालकों की भागीदारी, उच्च स्तरीय संवाद, मंथन और क्रांतिकारी सुझाव व निष्कर्ष, यह लब्बोलुआब है डायलॉग इंडिया अकेडमिया कॉन्क्लेव एवं अवार्ड फंक्शन- 2018 के पुणे में आयोजित दूसरे सत्र का। डायलॉग इंडिया प्रकाशन समूह द्वारा अपने सहयोगी एफएमए डिजिटल के साथ मिलकर पुणे के होटल नोवेटल में प्रधानमंत्री मोदी के विजन 'यूथ फ़ॉर न्यू इंडिया’ के व्यावहारिक क्रियान्वयन के मार्ग खोजने व देश के शिक्षा संस्थानों को इससे जोडऩे के लिए मई में आईआईटी दिल्ली में (जिसमें उत्तर, पूर्व व उत्तरपूर्व के निजी क्षेत्र के श्रेष्ठ उच्च श...
कितने पोषण की जरूरत, बताएगा यह नया ऐप

कितने पोषण की जरूरत, बताएगा यह नया ऐप

addtop, Today News, विश्लेषण
 हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने न्यूट्रिफाई इंडिया नाउ नामक एक नया ऐप लॉन्च किया है, जो पोषण संबंधी जरूरतों के बारे में लोगों को जागरूक करने में मददगार हो सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने शुक्रवार को यह ऐप नई दिल्ली में लॉन्च किया है। न्यूट्रिफाई इंडिया ऐप एक गाइड के रूप में कार्य करता है, जो उपभोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थों से शरीर को मिलने वाले पोषक तत्वों का आकलन करने में मददगार हो सकता है। यह ऐप यूजर्स को ऊर्जा संतुलन (खपत बनाम व्यय) का लेखा-जोखा रखने में भी मदद करता है। यह ऐप भारतीय खाद्य पदार्थों एवं उनमें मौजूद कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन, खनिजों और सामान्य भारतीय व्यंजनों की रेसिपी समेत पोषण संबंधी व्यापक जानकारी प्रदान करता है। इसे भारतीय उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखकर व्यापक पोषण मार्गदर्शिका प्रदान करने ...
पाकिस्तान अब कठघरे में

पाकिस्तान अब कठघरे में

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
पाकिस्तान अब एक नई मुसीबत में फंस गया है। फरवरी में सउदी अरब, तुर्की और चीन ने पाकिस्तान को बचा लिया था लेकिन अब इन तीनों राष्ट्रों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। अब पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठन (एफएटीएफ), जिसका काम आतंकवादियों के पैसे के स्त्रोतों को सुखा देना है, ने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा कर दिया है। यदि पाकिस्तान अगले सवा साल में अपने सभी आतंकवादी संगठनों की आमदनी पर प्रतिबंध नहीं लगा पाया तो उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। उसकी हालत उत्तर कोरिया और ईरान से भी बदतर हो जाएगी। अब पाकिस्तान की गिनती इथियोपिया, सर्बिया, श्रीलंका, सीरिया, ट्रिनिडाड, ट्यूनीशिया और यमन जैसे संकटग्रस्त देशों में होने लगेगी। वह नाम के लिए भी पाकिस्तान याने पवित्र स्थान नहीं रह पाएगा। उसे उद्दंड राष्ट्र (रोग़ स्टेट) की अपमानजनक उपाधि मिल जाएगी। पाकिस्तान के विरुद्ध कार्रवाई करने की पहल अ...