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इतिहास के अनुसार ‘यौन अपराध’ इस्लाम की देन है

इतिहास के अनुसार ‘यौन अपराध’ इस्लाम की देन है

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खिर भारत जैसे देवियों को पूजने वाले देश में बलात्कार की गन्दी मानसिकता कहां से आयी? आखिर क्या बात है कि जब प्राचीन भारत के रामायण, महाभारत आदि लगभग सभी हिन्दू-ग्रंथ के उल्लेखों में अनेकों लड़ाईयां लड़ी और जीती गयीं, परन्तु विजेता सेना द्वारा किसी भी स्त्री का बलात्कार होने का जिक्र नहीं है। तब आखिर ऐसा क्या हो गया? कि आज के आधुनिक भारत में बलात्कार, रोज की सामान्य बात बन कर रह गयी है? प्रभु श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त की, पर न ही उन्होंने और न उनकी सेना ने पराजित लंका की स्त्रियों को हाथ लगाया। महाभारत में पांडवों की जीत हुयी, लाखों की संख्या में योद्धा मारे गए। पर किसी भी पांडव सैनिक ने किसी भी कौरव सेना की विधवा स्त्रियों को हाथ तक नहीं लगाया। अब आते हैं ईसापूर्व इतिहास में, 220-175 ईसापूर्व में यूनान के शासक 'डेमेट्रियस प्रथम’ ने भारत पर आक्रमण किया। 183 ईसापूर्व के लगभग उसने...
Why I am vary of Politicians

Why I am vary of Politicians

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When Modi/ BJP government won the popular mandate in 2014, the opposition did not accept their defeat lightly. Neither did those intellectuals who enjoyed acche din under Congress. Having lost at the hustings, the strategy of Congress, turned to one of disruption of legislative work by BJP. Parliamentary proceedings were disrupted on ridiculous grounds with shouting and screaming to prevent any one’s voice being heard. If bills were pushed through, despite the din in LS, there was RS to block the progress and frustrate the BJP government. All this drama was enacted daily in camera, to impress its followers,  with the majority of citizens as mute spectators, wondering if law makers are elected to play silly personal games or are they elected to ensure that legislation is properly scrutinise...
गडकरी जी : ट्रैफिक जाम से निजात दिलवाओ  शहरों को

गडकरी जी : ट्रैफिक जाम से निजात दिलवाओ  शहरों को

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आज के दिन हमारे  देश का शायद ही कोई  छोटा-बड़ा शहर या महानगर बच गया हो, जो दिन भर ट्रैफिक जाम से नहीं जूझ रहा होता है। दिल्ली से लेकर देश कीआई टी  राजधानी बंगलूरू, और आर्थिक राजधानी मुंबई से लेकर पटना, रांची और लखनऊ, कानपुर आदि तक सभी शहरों की सड़कें आज भारी जाम से त्रस्त हैं। किसी केसमझ ही नहीं आ रहा कि सारे देश में  जाम की समस्या अचानक इतनी विकट कैसे हो गई?  आखिर, हालात ही क्यों इस हद तक बिगड़ने दिए गये। गाड़ियां जिस तरहरेंग रही होती हैं लगता है कि पैदल चलना ही ज्यादा बेहतर है। पर अफ़सोस यह है कि पैदल यात्री चलें भी तो कहा चलें । या तो फुटपाथ ही नहीं हैं और जहाँ हैं भी, वेखोमचों, सब्जी वालों के ठेलों से भरे पड़े हैं। 10-15 साल पहले तक बंगलुरु को देश का आदर्श शहर माना जाता था । मौजूदा हालत यह है कि यहां तो एयरपोर्ट से ले कर शहर के किसी भी मुहल्ले की ओर जानेपर जाम ही जाम मिलता है । एयरपोर्ट जान...
स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को रोकने के लिए और जागरूक होने की जरूरत

स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को रोकने के लिए और जागरूक होने की जरूरत

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हमारे यहां कैंसर शब्द आज भी डराता है, लेकिन पश्चिमी देशों में कैंसर का इलाज आज उसी तरह हो रहा है, जैसे अपने यहां तपेदिक का। लेकिन अपने देश में महिलाओं में स्तन का कहर तेजी से बढ़ रहा है। कुछ सर्वेक्षणों से चौकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। वहीं नई खोजों से स्तन कैंसर का इलाज अब आसान बड़ा हो गया है। गत कुछ सालों में देश में महिलाओं में स्तन कैंसर के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। अपने देश में महिलाओं में यह रोग नगरों की महिलाओं में अधिक पाया जाता रहा है। कम उम्र में विवाह और अधिक गर्भधारण भारतीय महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का एक बड़ा कारण रहा है। लेकिन विवाह को अधिक उम्र तक टालते जाने, गर्भधारण का फासला बढ़ाने या स्वेच्छा से इससे बचने की शहरी औरतों की प्रवृत्ति उनमें स्तन कैंसर की संभावना बढ़ा रही है। नए शोधों से यह पता चला कि किसी भी कैंसर के होने में आनुवांशिक कारण सबसे बड़ा कारण है औ...
आखिर क्यों मिलती रहती गांधी कुनबे को एसपीजी?

आखिर क्यों मिलती रहती गांधी कुनबे को एसपीजी?

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विशेष सुरक्षा समूह यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रूप -एसपीजी- संशोधन बिल को लोकसभा ने हरी झंडी देकर एकदम सही काम को अंजाम दिया है । नये प्रावधानों के तहत अब यह सुरक्षा कवर सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ रह रहे उनके परिजनों को ही मिलेगी। यानि नरेन्द्र मोदी के साथ उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं रहता तो उन्हें नहीं मिलेगी I नये प्रावधानों के तहत पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी पद छोड़ने के बाद 5 साल तक  ही एसपीजी की सुरक्षा कवर दी जाएगी। पिछले दिनों इस संशोधन मसौदे पर जब केंद्रीय कैबिनेट ने मुहर लगाई तो तभी से इसको लेकर हंगामा शुरू हो गया था । मैं तो पिछले कई वर्षों से  इस विषय पर अनेकों लेख लिखता ही रहा था I अब कहीं जाकर मेरी बात सुनी गई I एक ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरोप लगाते रहे कि यह सब राजनीति से प्रेरित है, दूसरी ओर उससे जुड़े संगठन विरोध प्रदर्शन भी करते रहे। एक गलत धारणा बनाने की  कोशिश भी की ...
क्यों न मिले अल्ताफ को भारत की नागरिकता

क्यों न मिले अल्ताफ को भारत की नागरिकता

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पाकिस्तान में मुहाजिरों के नेता अल्ताफ हुसैन ने भारत की नागरिकता की मांग की है। एक अर्से से लंदन में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे अल्ताफ हुसैन ने राम मंदिरपर आये सुप्रीम के फैसले का भी स्वागत किया है। अल्ताफ हुसैन की मांग से पाकिस्तान की बेशरम सरकार भी शर्मसार ज़रूर हुई है। आखिर पाकिस्तान के उर्दू बोलनेवाले मुहाजिरों के शिखर नेता ने भारत में बसने की इच्छा जताई है। पाकिस्तान में मुहाजिर उन मुसलमानों के लिए कहा जाता है जो देश के बंटवारे के समय दिल्ली, यूपी मध्य प्रदेश, बिहार आदि राज्यों से पाकिस्तान चले गये थे। तब उन्हें लगता था कि नये मुल्क में उन्हें जन्नत ही मिल जायेगी। इन्हीं मुसलमानों ने पाकिस्तान के लिएलम्बी लडाई भी लड़ी थी और कइयों ने अपनी कुर्बानी भी दी थी। पर नये मुल्क पाकिस्तान में  जाकर इन्हें दोयम दर्जे का नागरिक ही  माना गया और अबतक वही माना जा रहा है! इनकी जमकर दुर्गती हुई। ये अ...

CCMB plans to initiate studies on mental health genomics

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Centre for Cellular and Molecular Biology (CCMB) plans to initiate studies on mental health genomics in collaboration with Prof Vikram Patel’s group to understand predisposition of mental illnesses. Mental health genomics is an upcoming field where there is huge scope of research. Many mental disorders are caused by a combination of biological, psychological, environmental and genetic factors. In fact a growing community of research has found that certain genes and gene variations are associated with mental disorders and ailments. Prof Vikram Patel is the Pershing Square Professor of Global Health and Wellcome Trust Principal Research Fellow at the Harvard Medical School, Boston. Prof Patel was invited as guest of honour at the 32nd foundation day of CCMB and he delivered public lecture...
क्या अब राजनीति की परिभाषा बदल गई ?

क्या अब राजनीति की परिभाषा बदल गई ?

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यह बात सही है कि राजनीति में अप्रत्याशित और असंभव कुछ नहीं होता, स्थाई दोस्ती या दुश्मनी जैसी कोई चीज़ नहीं होती हाँ लेकिन विचारधारा या फिर पार्टी लाइन जैसी कोई चीज़ जरूर हुआ करती थी।  कुछ समय पहले तक किसी दल या नेता की राजनैतिक धरोहर जनता की नज़र में उसकी वो छवि होती थी जो उस पार्टी की विचारधारा से बनती थी लेकिन आज की राजनीति में ऐसी बातों के लिए कोई स्थान नहीं है । आज राजनीति में स्वार्थ, सत्ता का मोह, पद का लालच, पुत्र मोह, मौका परस्ती जैसे गुणों के जरिए सत्ता प्राप्ति ही अंतिम मंज़िल बन गए हैं। शायद इसीलिए अपने लक्ष्य को हासिल करने की जल्दबाजी में ये राजनैतिक दल अपनी विचारधारा, छवि और नैतिकता तक से समझौता करने से नहीं हिचकिचाते। वैसे तो चुनाव परिणाम आने के बाद से ही लगातार महाराष्ट्र के घटनाक्रम केवल महाराष्ट्र की जनता ही नहीं पूरे देश के लोगों को निराश कर रहे थे। लेकिन जब 23 तारीख के अ...
फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने का विरोध करने वालों को भेजो जेल

फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने का विरोध करने वालों को भेजो जेल

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भारत वर्ष की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी स्थित महान शिक्षा के केंद्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में एक मुसलमान शिक्षक फिरोज खानकी नियुक्ति को लेकर चल रहा विवाद हैरान करने वाला है। तीन लोक से न्यारी काशी की पावन धरती पर ऐसी छोटी मानसकिता का प्रमाण शायद ही पहले कभी देखनेऔर सुनने में आया हो। गंगा-जमुनी संस्कृति और तहजीब की आत्मा काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर से निकलने वाली बारात और प्रमुख कार्यक्रम उस्ताद बिस्मिल्ला खां की शहनाई के बगैर नतो शुरू होती थी न समाप्त। धार्मिक सद्भाव की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली काशी और यहां के निवासियों ने सदा खुले दिल से स्वागत कर आत्मसात किया। बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में पहली बार मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर जिस तरह से विरोध हुआ है, इसको इतिहास कभी माफ नहींकरेगा। वो कौन लोग हैं जो समाज में इस तरह के दु...
रक्त कोशिकाओं की गणना के लिए स्मार्ट माइक्रोस्कोपी तकनीक

रक्त कोशिकाओं की गणना के लिए स्मार्ट माइक्रोस्कोपी तकनीक

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भारत में अत्यधिक आबादी के कारण किफायती चिकित्सीय एवं नैदानिक उपकरणों और कुशल लैब तकनीशियनों की बड़े पैमाने पर आवश्यकता है। भारतीय शोधकर्ताओं ने एक स्मार्ट माइक्रोस्कोपी तकनीक विकसित की है जो इस कमी को दूर करने में मददगार हो सकती है। डीप लर्निंग एल्गोरिद्म पर आधारित इस माइक्रोस्कोपी तकनीक में ऐसे सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है जो रक्त नमूनों की माइक्रोस्कोपिक इमेज का उपयोग करके लाल एवं सफेद रक्त कोशिकाओं की गणना कर सकता है। सफेद रक्त कोशिकाओं के अलग-अलग रूपों और लाल रक्त कोशिकाओं की पहचान तथा गणना में इस सॉफ्टेवयर को 93 प्रतिशत तक सटीक पाया गया है। यह तकनीक वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) के चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई है। सीएसआईओ के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर को सीएसआईओ द्वारा विकसित डिजिटल माइक...