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Delhi battles for clear skies and lungs

Delhi battles for clear skies and lungs

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Winter is nearly here and we in Delhi are waiting not to exhale, as the cold heavier air will settle and air pollution will choke us. But with a difference — there is outrage and there is action. There is even evidence that we have bent the pollution curve — though not enough, it does suggest that action is beginning to have an impact. This is what we need. I say this because often, in our combined anger, we forget to stay focused on the need to act, and in a way that we can see the difference, so that we can do more. This is critical. As only when we remain focused on what we must do, can we get our non-negotiable right to breathe. So, what has happened. First, there is public information about the state of air quality and its link to our health. Some years ago, government brought i...
बिना मानवाधिकार उल्लंघन के, व्यापार करे उद्योग: वैश्विक संधि की ओर प्रगति

बिना मानवाधिकार उल्लंघन के, व्यापार करे उद्योग: वैश्विक संधि की ओर प्रगति

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संयुक्त राष्ट्र में दुनिया भर से आए देश एक वैश्विक संधि को पारित करने के लिए एकजुट हैं जो यह सुनिश्चित करे कि जब बहुराष्ट्रीय उद्योग व्यापार करें तो किसी भी क़िस्म का मानवाधिकार उल्लंघन न हो, और दोषी को जवाबदेह ठहराया जा सके। इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं जहां व्यापार के दौरान, वीभत्स मानवाधिकार उल्लंघन हुए। स्थानीय क़ानून भी ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार बहुराष्ट्रीय उद्योग को जवाबदेह ठहराने में असमर्थ रहा है। इसीलिए वैश्विक एवं क़ानूनन रूप से बाध्य संधि, की आवश्यकता है जो बहुराष्ट्रीय उद्योग को व्यापार करने दे परंतु हर प्रकार के मानवाधिकार उल्लंघन पर अंकुश लगाए और दोषी को जवाबदेह ठहराये। उद्योग द्वारा किए जा रहे पर्यावरण के अनियंत्रित दोहन और जलवायु परिवर्तन का जो क़हर है वह सबसे ज़्यादा गरीब और समाज में हाशिये पर रह रहे लोग झेल रहे हैं। इस वैश्विक संधि बैठक में दुनिया के अनेक देशों से 321 सा...
An initiative by a former AMU Vice-Chancellor General Zameeruddin Shah to Withdraw the Muslim Claim to Babri Masjid

An initiative by a former AMU Vice-Chancellor General Zameeruddin Shah to Withdraw the Muslim Claim to Babri Masjid

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An initiative by a former AMU Vice-Chancellor General Zameeruddin Shah to follow the steps of his predecessors like Saiyid Hamid, Col. Basheer Husain Zaidi and Badruddin Tyabji to Withdraw the Muslim Claim to Babri Masjid (Ather Farouqui is an eminent writer and translator who has published eight books in Urdu and two books in English, and is also the author of Islamic Banking in India at the service of Pan-Islamists which forced the UPA-II to reverse the decision to allow Islamic banking, and of Marx My Word, a unique play of Marxist dichotomy.  He has a PhD degree from JNU. For long, he has been arguing that instead of modernizing Deeni Madrasas, the government should provide Urdu education as part of the secular curriculum at the school level itself.  A Sahitya Akademi awardee, he is...
Significant protest by Tibetans at Chennai

Significant protest by Tibetans at Chennai

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Chinese President Xi Jinping was given grand reception during his visit to Chennai (India) on11th and 12th October,2019. The bilateral meeting between Indian Prime Minister Narendra Modi and Chinese President Xi Jinping  took place at Mamallapuram near Chennai. Mamallapuram is a historical place near the sea shore ,where there are many temples and monuments of great beauty and architectural splendour  that was built by Pallava dynasty several centuries back.  For the visit of the Chinese President, the entire Mamallapuram was cleaned and decorated like of which it has never seen before.  Mr. Modi left no stone unturned to make the visit pleasant and memorable for Chinese President and the Chinese delegation.  Obviously, this would have pleased Chinese President , though Chinese are know...
एक करोड़ पेड़ तो काट डाले और कितने काटेंगे?

एक करोड़ पेड़ तो काट डाले और कितने काटेंगे?

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दुर्भाग्यवश हमारे देश के नौकरशाहों को अभी तक यह समझ ही नहीं आया कि है कि नई निर्माण परियोजनाओं पर काम करते हुए उन स्थानों पर पहले से लगे हुए पेड़ों को काटने से बचा भी जा सकता है।  चूंकि हमने यह सब नहीं जाना है न जानने की कोशिश ही की है इसलिए ही हम पेड़ों को बेरहमी से काटते ही चले जा रहे हैं। इनको काटने को लेकर कुछ समय तक तो समाज खड़ा होता है, फिर सब कुछ सामान्य गति से चलने लगता है। हाल ही मे मुंबई में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए आरे चलाकर जंगल काटे जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। आरे का उपयोग कर बड़ी संख्या में पेड़ काट दिए गए। खूब हंगामा हुआ। पिछले साल दिल्ली में सरकारी बाबुओं की कुछ कॉलोनियों को तोड़ा जाना पहले से था। ताकि उनके स्थान पर नई कॉलोनियों का विकास किया जा सके। यहां तक सब ठीक है।  क्योंकि पुरानी इमारतें एक तय वक्त के बाद तोड़ी ही जाती हैं। फिर  वहां पर वर्तमान आवशकताओं...
तो इस तरह कश्मीर होगा पर्यटकों से गुलजार

तो इस तरह कश्मीर होगा पर्यटकों से गुलजार

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देश –विदेश के जो पर्यटक जम्मू-कश्मीर में घूमना चाहते हैं, अब उन्हें और इंतजार नहीं करना होगा। वे अब कश्मीर  आ सकते हैं। सरकार ने विगत 2 अगस्त कोअमरनाथ यात्रा को स्थगित करते हुए राज्य में घूमने के लिए आए हुए तमाम पर्यटकों को सलाह दी थी कि वे वापस अपने घरों को चले जाएं। उसके कुछ दिनों के बादही केन्द्र सरकार ने  जम्मू-कश्मीर को मिला हुआ विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। उसके पश्चात सूबे में पर्यटकों के आने पर सुरक्षा कारणों के चलते रोकलग गई थी।  अब चूंकि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने लगे हैं, इसलिए सरकार ने पर्यटकों के राज्य में घूमने-फिरने के लिए आने पर रोक को हटा दिया है। अब निश्चित रूपसे कश्मीर देसी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार रहने लगेगा। इससे वहां की तबाह हो गई अर्थव्यवस्था  बेहतर होगी और लोगों की माली हालत सुधरेगी।  बेशक कश्मीर केपर्यटन को वहां पर गुजरे दशकों से जारी आतंकवाद न...
सबसे कट्टर हैं धर्मनिरपेक्षता का शोर मचाने वाले!

सबसे कट्टर हैं धर्मनिरपेक्षता का शोर मचाने वाले!

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बहुत से लोग राजनाथ के राफेल पर ॐ लिखने और नारियल चढ़ाने को अंधविश्वास बता रहे हैं। पहियों के बीच नींबू रखने का मज़ाक बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आज के आधुनिक समय में ये सब अंधविश्वास और पिछड़ापन है। ये सब देख सुनकर हैरानी होती है। हैरानी इसलिए अगर सरकार अंधविश्वासी होती और आधुनिकता नहीं समझती तो दुनिया के सबसे आधुनिक विमान राफेल को लाने में एड़ी-चोटी का ज़ोर नहीं लगाती। फिर चाहे वो यूपीए की सरकार हो या एनडीए की। राफेल का हर कीमत पर भारत आना ये बताता है कि आधुनिकता की ज़रूरत को समझा गया है। अंधविश्वासी होने की बात तो तब आती जब हम आधुनिकता की इस ज़रूरत को नकराते और पुराने मिग विमानों पर नींबू चढ़ाकर आश्वत हो जाते कि अब हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। नींबू चढ़ाना, नारियल चढ़ाना Harmless परम्पराएँ हैं। अंधविश्वास भी मान लो, तो भी उससे किसी का कुछ बिगड़ता नहीं है। ठीक वैसे ही, जैसे ...
बापू के कितने करीब मोदी

बापू के कितने करीब मोदी

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दिल्ली की 29 जनवरी 1948 की उस कड़कती सर्दी की रात में महात्मा गांधी ने लगभग रातभर जगकर अपनी इच्छा जाहिर की थी कि अब आज़ादी का आन्दोलन तो समाप्त हो चुका है अत: अब कांग्रेस को भंग कर दिया जाये। गांधी जी की यह “अंतिम इच्छा' गॉधी जी के द्वारा ही प्रकाशित “हरिजन ' पत्रिका में उनकी हत्या के  बाद प्रकाशित  भी हुई थी। हिन्दी में उनकी “अंतिम इच्छा और वसीयतनामा” शीर्षक से यह ऐतिहासिक दस्तावेज 'हरिजन' के 15 फरवरी, 1948 के अंक में छपा था। दुर्भाग्यवश , गॉंधी जी द्वारा उपर्युक्त राय जाहिर करने के अगले ही दिन यानी 30  जनवरी 1948 को उनकी हत्या भी कर दी जाती है।पता नहीं दोनों घटनाओं में कोई सम्बन्ध था अथवा नहीं? बहरहाल,  गांधी जी के उस सपने के 71 साल के बाद और जब सारा देश उनकी 150 वीं जयंती मना रहा है, तब कांग्रेस अपने आप ही समाप्ति की तरफ तेज़ी से बढ़  रही है। विगत लोकसभा चुनाव में कॉंग्रेस को 17 राज्यों...
सुपरबग : कहीं हार न जाए एलोपैथिक चिकित्सा

सुपरबग : कहीं हार न जाए एलोपैथिक चिकित्सा

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आपने कभी सोचा है कि जब आपकी दवाई काम करना बंद कर देगी तब क्या होगा? नहीं न। तो जरूर सोचिए। आज पूरी दुनिया सोच रही है। आज के समय में एंटीबायोटिक का काम न करना आधुनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। पूरी दुनिया इससे बचने के उपाय में जुटी है। इसी कड़ी में भारत में भी एंटीबायोटिक्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकारी एवं गैर-सरकारी स्तर पर तमाम उपाय किए जा रहे हैं। एंटीबायोटिक्स पर बैक्टीरिया की जीत की स्थिति को वैज्ञानिकों ने 'सुपरबग’ का नाम दिया है। यानी एक ऐसा जीवाणु जिस पर अबतक उपलब्ध कोई भी एंटीबायोटिक्स काम नहीं करता है सामान्यत:  'सुपरबग’ कहलाता है। एंटीबायोटिक्स के बनने से लेकर जीवाणुओं के 'सुपरबग’ बनने की कहानी को इस आलेख में बता रहे हैं वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार आशुतोष कुमार सिंह   आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था आज खतरे में है। उसकी पहचान संकट म...
राम मंदिर पर नियमित सुनवाई निर्णय की ओर उच्चतम न्यायालय

राम मंदिर पर नियमित सुनवाई निर्णय की ओर उच्चतम न्यायालय

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राम मंदिर विषय पर चल रही नियमित सुनवाई के बीच मामला तेज़ी से निर्णय की तरफ बढ़ रहा है। बीच बीच में आने वाली बाधाओं को दूर करने में उच्चतम न्यायालय लगातार कामयाब भी हो रहा है। सुनवाई के दौरान कुछ लोगों ने फिर से प्रक्रिया को विलंबित करने के उद्देश्य से मध्यस्थता का विषय उठा दिया जिसे स्वयं न्यायालय ने खारिज कर दिया। नियमित सुनवाई के पहले न्यायालय स्वयं मध्यस्थता का प्रयास कर चुका था जिस पर बात कहीं नहीं पहुंच पायी। अब जब न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अंतिम तिथि 18 अक्तूबर तय कर दी है तब फैसले की किरण दिखाई देने लगी है। शायद 17 नवंबर 2019 को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की सेवा निवृत्ति के पहले इस विषय पर फैसला भी आ जाये। अमित त्यागी राम मंदिर के विषय पर उच्चतम न्यायालय में चल रही नियमित सुनवाई के बीच उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का आचरण इस बात का संकेत दे रहा है कि शायद वह अपनी स...