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आनंद के माया-जाल पर शिकंजा

आनंद के माया-जाल पर शिकंजा

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By अनुज अग्रवाल व अतुल मोहन सिंह बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी की मुखिया मायावती के भाई आनंद कुमार पर्दे के पीछे भी राजनीति में बड़े सक्रिय रहे। उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती के भाई आनंद कुमार 2007 से पहले नोएडा अथॉरिटी में लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत थे। बहुजन समाज पार्टी के हर काम में बड़ा दखल रखने वाले आनंद कुमार ने सात वर्ष में इतनी तरक्की कर ली कि अब आयकर विभाग की टीम उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के भाई और पार्टी उपाध्यक्ष आनंद कुमार व उनकी पत्नी विचित्रलता के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयकर विभाग ने आनंद कुमार के दिल्ली से सटे नोएडा में 400 करोड़ रुपये के एक बेनामी प्लॉट को जब्त कर लिया है। आयकर विभाग काफी समय से मायावती के भाई आनंद कुमार की संपत्ति की जांच कर रहा था। इस जांच में आयकर विभाग को ...
क्या कानून की शक्ल अख्तियार करेगा तीन तलाक का बिल

क्या कानून की शक्ल अख्तियार करेगा तीन तलाक का बिल

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तीन तलाक का कान्सैप्ट इस्लाम में जायज़ है। इसकी व्याख्या पर पुनर्विचार होना चाहिए। देखने वाली बात यह है कि इस्लाम में शराब पीना हराम है। पर मुस्लिम पी रहे हैं। शराब के नशे में घर आते हैं और पी पर गुस्सा करते हैं। बेखुदी की हालत में तलाक तलाक तलाक कहकर एक औरत को बेदखल कर देते हैं। चूंकि मुस्लिम धर्म में गुजारा भत्ता देने का कोई प्रावधान नहीं है इसलिए वह लाचार और मजबूर औरत सड़क पर आ जाती है। अब अगर अगली सुबह पति को अपनी गलती का एहसास भी होता है तो भी वह अपनी रात की गलती पर अफसोस नहीं कर सकता है। उसके पास विकल्प ही नहीं है। जो विकल्प है वह और भी भयावह है। पहले स्त्री को किसी अन्य मर्द के साथ निकाह करना होगा। वह तलाक देगा और तब वह पुन: अपने पूर्व पति के पास जा पाएगी। इस प्रक्रिया को हलाला कहा जाता है। तीन तलाक का बिल कानून बनने की स्थिति में मुस्लिम महिलाओं के पास पुरुष की गलती की सज़ा दिलवाने...
हम जंग न होने देंगे, विश्व शांति के हम साधक हैं, जंग न होने देंगे

हम जंग न होने देंगे, विश्व शांति के हम साधक हैं, जंग न होने देंगे

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16 अगस्त - विश्वात्मा अटल जी की पुण्य तिथि पर शत्-शत् नमन! मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं? - विश्वात्मा अटल जी ‘विश्व शांति के हम साधक हैं जंग न होने देंगे, युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे। हम जंग न होने देंगे..’ इस युगानुकूल गीत द्वारा महान युग तथा भविष्य दृष्टा कवि अटल जी ने सारी मानव जाति को सन्देश दिया था कि विश्व को युद्धों से नहीं वरन् विश्व शांति के विचारों से चलाने में ही मानवता की भलाई है। इस विश्वात्मा के लिए हृदय से बरबस यह वाक्य निकलता है - जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि। विश्व शान्ति के महान विचार के अनुरूप अपना सारा जीवन विश्व मानवता के कल्याण के लिए समर्पित करने वाले वह अत्यन्त ही सरल, विनोदप्रिय एवं मिलनसार व्यक्ति थे। सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक अच...
दलबदल के सहारे भाजपा की विस्तारनीति के किंतु-परंतु

दलबदल के सहारे भाजपा की विस्तारनीति के किंतु-परंतु

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अटल-आडवाणी के दौर में भारतीय जनता पार्टी अपने शुचिता, सुशासन और सुराज के नारे का गुणगान करते नहीं थकती थी। उस दौर में पार्टी ने खुद के लिए 'पार्टी विद डिफरेंस' कहना शुरू कर दिया था। जाति-धर्म और स्थानीय मुद्दों के दबदबे वाली भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी को इन विशेषताओं से चुनावी राजनीति में तब भले ही फायदा नहीं मिला, लेकिन यह भी सच है कि आज जो भारतीय जनता पार्टी की अलग छवि बनी है और लगातार दो आम चुनावों से केंद्र की सत्ता पर काबिज हो रही है तो उसकी एक बड़ी वजह पार्टी की यह अलग छवि ही रही है। लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह पार्टी ने दूसरी पार्टियों में तोडफ़ोड़ मचाई है, हाल तक अपने विरोध में रहे लोगों को जिस तरह उसने अपने अंदर समाहित करना शुरू किया है, उससे सवाल उठने लगा है कि क्या भविष्य में भारतीय जनता पार्टी अपनी पार्टी विद डिफरेंस यानी अलग तरह का दल होने की छवि बनाए रख सकेगी? स...
War Cry of Pakistan over Kashmir

War Cry of Pakistan over Kashmir

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Within a week of crying war over Kashmir, Pakistan Prime Minister Imran Khan is shifting his gear now. First he spoke of “.. more Pulwama like terrorist attack” in Kashmir the day Indian Parliament annulled the special status of Jammu and Kashmir by scrapping Article 370 of the Indian Constitution. Imran Khan said, “This will lead to problems in Azaad Kashmir. If they attack us, we will retaliate. Then this will further aggravate. Where is the end to this? This can lead to a convention war,” he said. “If a war happens, what can happen? We'll fight till the last drop of blood… All parties will lose that war. A conventional war between two nuclear armed nations will have global consequences,” he said, adding his country hopes for the best but is prepared for the worst. He subsequently down...
CSE releases its new report on use of solar-powered water pumps in agriculture

CSE releases its new report on use of solar-powered water pumps in agriculture

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 Central and state governments are promoting solar power to meet India’s irrigation requirements. The recently approved KUSUM scheme alone targets to install 17.5 lakh off-grid and 10 lakh on-grid solar pumps and 10 GW of solar power plants capacity in rural areas by 2022. The objective is to meet multiple ambitious goals ­– provide access to assured irrigation, increase farmer income through sale of surplus power, reduce electricity subsidy burden (~Rs 50,000 crores) and expand the distributed renewable energy capacity. But will the multitude of objectives be met? Unlikely, asserts Centre for Science and Environment (CSE) in its latest report titled Silver Bullet: Are Solar pumps a panacea for irrigation, farmer distress and discom losses? The report is supported by CSE’s surveys of fa...
बढ़ते अंधेपन का प्रमुख कारण है-विटामिन ए की कमी

बढ़ते अंधेपन का प्रमुख कारण है-विटामिन ए की कमी

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  हाल ही में एक पैडेट्रीशियन ने मुझे एक बच्चे को देखने के लिए बुलाया था। वह बच्चा कुछ दिन पहले उस पैडेट्रीशियन के पास डायरिया के इलाज के लिए आया था। उसका पिछला रिकार्ड देखते ही मैं समझ गया था कि बच्चा  अवश्य ही विटामिन ए और अपर्याप्त पोषण से जूझ रहा है। बच्चे को देख कर मैं खुद को बेबस महसूस करने लगा क्यों कि विटामिन ए की कमी के कारण उसे केराटोमेलेशिया (कोर्निया का पिघलना) नामक बीमारी हो गई थी और वह सदा के लिए अपनी आखों की दृष्टि खो चुका था। आज के समय में विटामिन ए की कमी बच्चों में बढ़ते अंधेपन का एक बहुत बड़ा कारण है। साथ ही इससे कई अन्य बीमारियां जैसे डायरिया और मीसल्स आदि होने की भी अधिक संभावना रहती है, जिससे मौत का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा नार्मल दृष्टि, हड्डियों का विकास, हैल्थी स्किन, पाचन के म्यूकस मेम्ब्रेन की सुरक्षा, श्वास प्रणाली और यूरेनरी टै्...
देश प्रेम का विस्तार विश्व प्रेम के रूप में होना ही मानवता है!

देश प्रेम का विस्तार विश्व प्रेम के रूप में होना ही मानवता है!

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रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) के एक प्रतिष्ठित और कला प्रिय परिवार में हुआ। रवीन्द्रनाथ टैगोर यूं तो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, पर बंगाली साहित्य में उनका अप्रतिम योगदान रहा। उन्होंने महाकाव्य को छोड़कर तकरीबन सभी विधाओं में साहित्य रचना की। रवीन्द्रनाथ ने करीब ढाई हजार गीत लिखे और संगीतबद्ध किए। जीवन के अंतिम वर्षों में उनका झुकाव पेंटिंग की ओर हुआ और उन्होंने करीब 3 हजार पेंटिंग्स बनाई। उनके बड़े भाई श्री सत्येन्द्रनाथ आईसीएस परीक्षा पास करने वाले प्रथम भारतीय थे। टैगोर का विवाह 9 दिसंबर 1893 को मृणालिनी देवी के साथ हुआ था। रवीन्द्रनाथ जी की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के सेंट जेवियर स्कूल में हुई थी। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1878 में लंदन के यूनिवर्सिटी कालेज में बेरिस्टरी की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया लेकिन बिना डिग्री की पढ़ाई पूरी किए ही वे भारत लौट आए। हालांकि...
एजेंडा 2030: सतत विकास के लिए ज़रूरी है कार्यसाधकता

एजेंडा 2030: सतत विकास के लिए ज़रूरी है कार्यसाधकता

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  यदि सरकारें विकास को पूर्ण कार्यसाधकता के साथ न करें तो अक्सर परिणाम अपेक्षा से विपरीत रहते हैं। “कार्यसाधकता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि पूर्व में विकास कार्य पूरी ईमानदारी और निष्ठा से नहीं हुए हैं” कहना है जस्टिन किलकुल्लेन का जो सीपीडीई (सीएसओ पार्टनरशिप फ़ॉर डिवेलप्मेंट इफ़ेक्टिवनेस) के सह-अध्यक्ष हैं। जस्टिन कहते हैं कि 1960-1990 के दौरान जो अंतरराष्ट्रीय विकास अनुदान के ज़रिए विकास काम हुआ वह काफ़ी बेअसर रहा। कार्यसाधकता की कमी के कारण ही 'मिलेनीयम डिवेलप्मेंट गोल (एम.डी.जी.)' के लक्ष्य सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित किए जिससे कि 2015 तक विकास कार्य निश्चित दिशा में प्रभावकारी रहे, एवं मूल्याँकन का ढाँचा भी उपयोग में रहे। परंतु 2005 तक अंतरराष्ट्रीय विकास अनुदान के प्राप्तकर्ता देश यह समस्या साझा कर रहे थे कि विभिन्न विकास संस्थाओं के इतने अधिक दौरे हो रह...
कागज और पेंसिल से बनाया पोर्टेबल हीटर

कागज और पेंसिल से बनाया पोर्टेबल हीटर

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भारतीय वैज्ञानिकों ने कागज और पेंसिल की मदद से एक छोटा पोर्टेबल हीटर बनाया है। इसका उपयोग ऐसे कार्यों में किया जा सकेगा, जिनमें कम तापमान की जरूरत होती है। कागज-आधारित हीटर बनाने की यह तकनीक पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने विकसित की है।  यह हीटर पेंसिल और नोटबुक के कागज के साथ एल्यूमीनियम फॉइल, तांबे के तार, ग्लास शीट, पेपर बाइंडिंग क्लिप और बैटरी को जोड़कर बनाया गया है। सबसे पहले, 75 माइक्रोमीटर मोटाई के सामान्य कागज के दो इंच लंबे और डेढ़ इंच चौड़े टुकड़े की एक सतह पर 9बी ग्रेड पेंसिल से गहरी शेडिंग की गई और फिर इस कागज को 0.2 सेंटीमीटर मोटी ग्लास शीटों के बीच रखा गया। फिर, इस प्लेट को एल्युमीनियम फॉइल और तांबे के तार द्वारा 5 वोल्ट वाले बैटरी परिपथ से जोड़ा गया। इस हीटरनुमा संरचना को दो बाइंडिंग क्लिपों की मदद से कसकर स्थिर ...