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संस्कृति और अध्यात्म

आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी का अमृत महोत्सव

राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
भारतीय डाक डाकघरों और मेल कार्यालयों के अपने विशाल नेटवर्क के साथ देश के हर पते पर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में भी मेल और पार्सल की डिलीवरी पहुंचाता है। डाक और पार्सल की बुकिंग, प्रेषण और डिलीवरी में लगे डाकियों, ग्रामीण डाक सेवकों और अन्य डाक अधिकारियों की भूमिका को सराहने के लिए भारतीय डाक 16 अक्टूबर, 2021 को 'मेल दिवस' मना रहा है। इस वर्ष 'मेल दिवस' मनाने के लिए, देश भर में विभिन्न डाक परिमंडलों ने ग्राहक बैठकें आयोजित कीं। हरियाणा डाक परिमंडल में ग्राहक बैठक का आयोजन राजस्थान डाक परिमंडल में ग्राहक बैठक का आयोजन   पूर्वोत्तर डाक परिमंडल में ग्राहक बैठक का आयोजन ग्राहकों की अपेक्षा के अनुरूप, भारतीय डाक ने सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने और उसे बनाए रखने के लिए कई पहल की हैं। प्रक्रमण, प्रेषण और वितरण कार्यालयों में आँकड़ों का समयबद्ध प्रवाह सुनिश्...
Hindus becoming fanatics?

Hindus becoming fanatics?

धर्म, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
Somebody alleged that Hindus are becoming fanatics which is wrong. My reply to him . I agree fanaticism is wrong and condemnable. But Hindus suffered the loss of Afghanistan, then Pakistan was given on a platter. Then Kashmir, ( a part of that was snatched )and cowards surrendered meekly, when Indian forces begged of Nehru to give them one week more as the final pincer had developed at a great sacrifice of Armed forces(कैंची जैसा), and when any force is able to develop it nothing escapes, but Nehru’s obduracy made army and it had to obey orders. Then Hindus from Kashmir were expelled within 48 hours, leaving their young girls there and all others had to quit.  NOT a word or a single feather fluttered anywhere, because Hindus were under Opium given to them by Gandhi as अहिंसा परमोधर्म ‘ fo...
घरेलू हिंसा की गहरी होती जड़े

घरेलू हिंसा की गहरी होती जड़े

संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के लिए लगाई गई पूर्णबंदी के दौर में व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार और रोजी-रोटी से वंचित होना पड़ा और इसके साथ-साथ घर में कैद की स्थिति में असंतुलन, आक्रामकता एवं तनावपूर्ण रहने की नौबत आई। जाहिर है, यह दोतरफा दबाव की स्थिति थी, जिसने जीवन में अनेकानेक बदलावों के साथ व्यवहार में निराशा, हताशा और हिंसा की मानेवृत्ति को बढ़ाया। इस दौरान महिलाओं एवं बच्चों से मारपीट, उनकी प्रताड़ना, अपमान आदि की घटनाएं बढ़ी। पति-पत्नी और पूरा परिवार लम्बे समय तक घर के अंदर रहने को मजबूर हुआ, जिससे जीवन में ऊब, चिड़चिडापन एवं वैचारिक टकराव कुछ अधिक तीखे हुए और महिलाओं एवं बच्चों के साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ीं।इन नये बने त्रासद हालातों की पड़ताल करने के लिये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेेक्षण की ओर से देश के बाईस राज्यों और केंद्र प्रदेशों में एक अध्ययन कराया गया जिसमें घरेलू हिंसा क...

इस दुनिया में जीना है तो …….!

Today News, Uncategorized, समाचार, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
कोरोना दुष्काल के कारण सरकारें राहत पैकेज  जारी कर रही है| अंतत: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कोरोना वायरस राहत पैकेज पर हस्ताक्षर कर दिए |व्हाइट हाउस ने घोषणा की कि राष्ट्रपति ने राहत पैकेज पर हस्ताक्षर कर दिए हैं| वहां  अब कोरोना प्रभावितों को सरकारी सहायता मिलने का रास्ता साफ हो गया है| इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने पैकेज को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. उनके इस रुख की अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने निंदा की थी| वास्तव में कोरोना संकट से त्रस्त दुनिया को महामारी से उबारने के साथ ही उन उपायों को करने की भी जरूरत है| साथ ही  भविष्य में किसी भी ऐसी नयी चुनौती से मुकाबले के लिये स्थायी तंत्र विकसित करने पर वैश्विक विमर्श प्रारम्भ हो जाना चाहिए  । अब सवाल सिर्फ कोरोना का ही नहीं है, भविष्य में आने वाली नयी महामारियों का भी है। मौजूदा संकट से सबक लेकर भविष्य की रणन...
जादुई सोच से नई दुनिया रचने वाला शख्स

जादुई सोच से नई दुनिया रचने वाला शख्स

संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
वास्तविक रचनाकार एवं सृजनकार अपने हूनर से ही नहीं, बल्कि अपनी सोच एवं मूल्यों से ख्याति पाते हैं और इतिहास बनाते हैं, ऐसे अनूठे एवं विलक्षण इंसान परंपरावादी दुनिया की सारी सीमाओं को तोड़कर जज्बातों के बवंडर से नई सूरत गढ़ते हैं। ऐसी शख्सियतें खुद अपनी सोच के जादू से नई दुनिया बनाते हैं। ऐसे ही थे मिर्जा असदुल्ला बेग खान अर्थात मिर्जा गालिब। वे भारत की एक ऐसे चर्चित, प्रतिशिष्ट एवं विशिष्ट शख्स थे, जिन्होंने प्रेम और दर्शन के, सोच एवं सीरत के नए पैमाने तय किए पर जिनकी जिंदगी खुद ही वक्त और किस्मत के थपेड़ों से लड़ती रही, जूझती रही, लेकिन थकी नहीं, हारी नहीं। उस उर्दू और फारसी भाषा के मशहूर शायर मिर्जा गालिब की आज 223वीं जयंती है। उनका जन्म 27 दिसंबर 1797 को काला महल आगरा में हुआ था। भले ही गालिब को गुजरे करीब दो शताब्दियां बीत गयी है, लेकिन उनकी शायरी, गजलें और बेबाकी हिन्दुस्तानियों के दिलों म...
स्वराज्य, स्वधर्म व स्वाभिमान हेतु बलिदानी महात्मा: स्वामी श्रद्धानंद

स्वराज्य, स्वधर्म व स्वाभिमान हेतु बलिदानी महात्मा: स्वामी श्रद्धानंद

Today News, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
 एडवोकेट मुंशीराम से स्वामी श्रद्धानंद तक जीवन यात्रा विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद प्रेरणादायी है। स्वामी श्रद्धानंद उन बिरले महापुरुषों में से एक थे जिनका जन्म ऊंचे कुल में हुआ किन्तु बुरी लतों के कारण प्रारंभिक जीवन बहुत ही निकृष्ट किस्म का था। स्वामी दयानंद सरस्वती से हुई एक भेंट और पत्नी के पतिव्रत धर्म तथा निश्छल निष्कपट प्रेम व सेवा भाव ने उनके जीवन को क्या से क्या बना दिया। काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट सिर्फ रीवा की रानी के लिए खोलने और साधारण जनता के लिए बंद किए जाने व एक पादरी के व्यभिचार का दृश्य देख मुंशीराम का धर्म से विश्वास उठ गया और वह बुरी संगत में पड़ गए।       किन्तु, स्वामी दयानंद सरस्वती के साथ बरेली में हुए सत्संग ने ना सिर्फ उन्हें जीवन का अनमोल आनंद दिया अपितु उन्होंने उसे सम्पूर्ण संसार को खुले मन से भी वितरित भी किया। समाज सुधारक के रूप में उनके जीवन का अवल...
Owaisi : India will continue to recite name of Shri Ram

Owaisi : India will continue to recite name of Shri Ram

समाचार, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
The moment foundation stone was laid for the magnificent Ram Mandir (temple) construction in Ayodhya Asaduddin Owaisi and All India Muslim Personal Law Board started their shameless circus and shown their intolerance towards the religion of the 85% majority of the country. They got burned with envy, Immediately after it, and began reiterating that secularism in India is diminishing under the Hinduism dominance. Owaisi  has got an opportunity to disturb the communal harmony, so he seized this fragile moment, to extend his propaganda of provoking minds of secular hindus and inflaming the section of fanatics Muslims. The degree of shamelessness with which Asaduddin Owaisi and All India Muslim Personal Law Board commented rubbish, for their cheap political gains,on Land Ram worship ceremony on...
क्रांति एवं शांति का समन्वय थे योगी अरविन्द

क्रांति एवं शांति का समन्वय थे योगी अरविन्द

संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
हमारा प्रेम, हमारी आजादी, हमारी संवदेनाएं, हमारी आकांक्षाएं, हमारे सपने, हमारा जीवन सबकुछ जब दांव पर लगा था तब एक हवा का तेज झोंका आया और हम सब के लिये एक संकल्प, एक आश्वासन एवं एक विश्वास बन गया। जिन्होंने न केवल हमें आजादी का स्वाद चखाया बल्कि हमारे जीवन का रहस्य भी उद्घाटित किया। एक अमृत पुत्र एवं महान क्रांतिकारी के रूप में जिनकी पहचान हैं महर्षि अरविन्द। राष्ट्रीय एवं मानवीय प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत करते हुए उन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी एवं दार्शनिक बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। उनका अनुभूत सत्य है कि ‘रहे भीतर, जीयें बाहर’। जो भी उनकी विलक्षण आध्यात्मिक एवं योग की सन्निधि में आता, वह निरोगी एवं तेजस्वी बन जाता। जो राष्ट्रीय सोच की छांव में आता, देश के लिये बलिदान होने ...
आत्मा को दीप्त करता महापर्व-पर्युषण

आत्मा को दीप्त करता महापर्व-पर्युषण

संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
- आचार्य डाॅ.लोकेशमुनि- जैन संस्कृति में जितने भी पर्व व त्योहारों मनाये जाते हैं लगभग सभी में तप एवं  साधना का विशेष महत्व है। जैनों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है पयुर्षण पर्व । यह पर्व ग्रंथियों को खोलने की सीख देता है और आत्मशुद्धि का वातावरण निर्मित करता है। इस आध्यात्मिक पर्व के दौरान कोशिश यह की जाती है कि जैन कहलाने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को इतना मांज ले कि वर्ष भर की जो भी ज्ञात-अज्ञात त्रुटियां हुई हैं, आत्मा पर किसी तरह का मैल चढ़ा है वह सब धुल जाए। संस्कारों को सुदृढ़ बनाने और अपसंस्कारों को तिलांजलि देने का यह अपूर्व एवं अलौकिक अवसर है। इस पर्व के आठ दिन इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनमें व्यक्ति स्वयं के द्वारा स्वयं को देखने का प्रयत्न करता है। ये आठ दिन नैतिकता और चरित्र की चैकसी एवं उसकी प्रयोगशाला का काम करते हैं और व्यक्ति को प्रेरित करते हैं वे भौतिक और सांसारिक जीव...
मेरे कृष्ण

मेरे कृष्ण

संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
श्री कृष्ण जन्मोत्सव वास्तव में एक बालक जन्म से कुछ अधिक है, ये पर्व मानव सभ्यता को जीवन मूल्यों के साथ जीवन से जुड़े विभिन्न मनोभावों जैसे प्रेम, विश्वास, क्रोध, अनुराग, घृणा आदि के प्रति जागरूक करता है। विचारणीय तथ्य है कि समस्त बंधनो में जन्म लेने वाला शिशु किस प्रकार समस्त बंधनों को पार करके एक नए परिवार में प्रवेश पाता है। उसको जन्म देने वाले, पालने वाले सब एक माध्यम है ताकि शिशु अपनी विभिन्न लीलाओं के माध्यम से समाज को जागरूक कर सके। श्री कृष्ण का जीवन एक प्रतिबिम्ब है जिसमे उनके अनेक रूप जीवन शैली की सकारात्मकता एवम नकारात्मकता को समाविष्ट किये हुए है। कृष्ण एक नटखट बालक है, एक बाँसुरी वादक है, एक भयंकर योद्धा है, एक राजनेता है, एक महायोगी है और एक प्रेमी है। वास्तव में कृष्ण जीवन का एक आचरण है जिसका संबंध पूरे समाज से है। यदि श्री कृष्ण के जीवन का अध्ययन करें तो पाते हैं कि श्...