पर्वतों के विकास पर हो पुनः विचार
भारत देश के पर्वत अन्य देशों के पर्वतों की भांति साधारण नहीं है, वरन् इन पर्वतों पर विभिन्न देवी-देवताओं का वास है। उनमें भगवान शिव, भगवान विष्णु एवं माँ दुर्गा आदि अन्य देवी-देवता अनेकों रूपों में विराजमान हैं। अतीतकाल में अंग्रेजों ने इन्हीं पर्वत श्रृंखला के सौन्दर्य से परिपूर्ण शहरों यथा - शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जीलिंग, रानीखेत आदि को अपनी मौज-मस्ती हेतु विकसित किया। उनकों विकसित करने में उनका यह प्रमुख उद्देशय था कि वे अपनी मित्र मंडली के साथ भारतीय महिलाओं पर अत्याचार व दुराचार कर सकें। अंग्रेजो ने भारत छोड़ने से पूर्व अपने समस्त बंगलें अपने चापलूसों और दासों को कम धनराशि में बेच दिए थे। वे देशद्रोही बंगले के मालिक इन भारतीय धरोहरों का संरक्षण करने में असमर्थ थे, अतः उन्होंने उनका विक्रय करना प्रारम्भ कर दिया और कुछ समय पश्चात ही वे बंगले होटलों में परिवर्तित होने लगे और वहा...