प्रयागराज के समान पूज्यनीय तीर्थ रामेश्वर बदहाली के दशं से है घायल
घाट,रामेश्वर(पिथौरागढ़)/रमाकान्त पन्त/हिमालयी भूभाग में बहनें वाली सरयू और रामगंगा के पवित्र संगम रामेश्वर तट में भिनभिनाती गंदगी के अंबार से इन नदियों का गंगत्व खतरे में पड़ गया है।श्रद्वा व भक्ति के इस संगम में यहां का जल आचमन योग्य भी नही रहा। गंदगी से पटे रामेश्वर घाट में लोगो को दाह संस्कार में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।उल्लेखनीय है, कि रामेश्वर के तट पर दूर दराज क्षेत्रों से लोग यहां शव दाह को लाते है।ऐसी मान्यता है रामेश्वर के तट पर शव दाह के पश्चात् परम व दुर्लभ मुक्ति की प्राप्ति होती है।विभिन्न त्योहारों के अवसर पर यहां बड़े बड़े मेले लगते है। मकर सक्रांन्ति व शिवरात्री पर लगनें वाले मेले की रौनक समूचे क्षेंत्र में प्रसिद्व है।लेकिन यहां के पावन सगंम पर बजबजाती गंदगी के अम्बार से भक्तजनों के श्रद्वा व भक्ति को ठेस पहुंच रही है। दाह संस्कार से बची लकड़ी व कपड़ों के विखराव ने...