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सामाजिक

सुधरने का एक मौका तो मिलना ही चाहिए जीना इसी का नाम है

सुधरने का एक मौका तो मिलना ही चाहिए जीना इसी का नाम है

सामाजिक
- मार्लन पीटरसन, सामाजिक कार्यकर्ता कैरेबियाई सागर का एक छोटा सा देश है त्रिनिदाद और टोबैगो। द्वीपों पर बसे इस मुल्क को 1962 में आजादी मिली। मार्लन के माता-पिता इसी मुल्क के मूल निवासी थे। उन दिनों देश की माली हालत अच्छी नहीं थी। परिवार गरीब था। लिहाजा काम की तलाश में वे अमेरिका चले गए। मार्लन का जन्म बर्कले में हुआ। तीन भाई-बहनों में वह सबसे छोटे थे। अश्वेत होने की वजह से परिवार को अमेरिकी समाज में ढलने में काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं। सांस्कृतिक और सामाजिक दुश्वारियों के बीच जिंदगी की जद्दोजहद जारी रही। शुरूआत में मार्लन का पढ़ाई में खूब मन लगता था, पर बाद में मन उचटने लगा। उनकी दोस्ती कुछ शरारती लड़कों से हो गई। माता-पिता को भनक भी नहीं लग पाई कि कब बेटा गलत रास्ते चल पड़ा? अब उनका ज्यादातर वक्त दोस्तों के संग मौज-मस्ती में गुजरने लगा। पापा की डांट-फटकार भी उन पर कोई असर नहीं होता था।...
Distribution of commemorative coins for general public and coin-collectors

Distribution of commemorative coins for general public and coin-collectors

सामाजिक
Presently there is no provision whereby coin-collectors can get newly issued commemorative coins as per their specific choice. System is that Reserve Bank of India RBI issues coin-bags of 2000 or 2500 pieces of commemorative to currency-chests of banks in place of normally-circulated coins according to normal need and requirement of currency-chests. Central government and RBI should ensure smaller packs of 100 commemorative coins to be packed by India Government Mints, where these coin-packs can be arranged to be issued right from date of issue at counters of selected banks, public and private, across the country where coin-collectors and other desiring persons easily get these small pack of coins. These selected bank-counters should also sell coin-sets issued at time of is...
Exchange of vital financial-information of families necessary before marriage

Exchange of vital financial-information of families necessary before marriage

सामाजिक
Marriage-relations were fixed usually amongst known families in ancient times. But with fast modernisation of society equipped with social networking, marriages are now-a-days fixed at times even through chatting without any personal meeting between marrying couple, what to talk about any meeting between family-members of two sides. Result is India following a western culture where spouses are changed like clothes. Unlike in ancient era when marriage-ties were considered life-long union, there is often lack of trust between husband and wife resulting in unhappy married and family life. Since one of the main reasons in such case is hiding or misrepresentation of income and financial-background from the other side, central government should consider idea of making it compulsory for e...
भारतीयों पर आलसी होने का दाग लगना

भारतीयों पर आलसी होने का दाग लगना

सामाजिक
ललित गर्ग- दुनिया के सबसे आलसी देशों में भारत का अव्वल पंक्ति में आना न केवल शर्मनाक बल्कि सोचनीय स्थिति को दर्शाता है। जिस देश का प्रधानमंत्री 18 से 20 घंटे प्रतिदिन काम करता हो, वहां के आम नागरिकों को आलसी होने का तमगा मिलना, विडम्बनापूर्ण है। आलसी होना न केवल सशक्त भारत एवं नये भारत की सबसे बड़ी बाधा हो सकती है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि हम समय रहते जाग जाये और अतीत के उन तमाम सन्दर्भों, व्यवहारों एवं जीवनशैली को अलविदा कहें जिनकी वजह से हमें आलसी होने का खिताब मिला है। हमारी सुस्ती टूट जानी चाहिए क्योंकि यह दरअसल एक धब्बा है जो न केवल हमारी संस्कृति बल्कि जीवनमूल्यों को धुंधला रही है। आज राष्ट्रीय गौरव इसलिए खतरे में नहीं है कि आलस बढ़ रहा है। आलस सदैव रहा है- कभी कम और कभी ज्यादा। सबसे खतरे वाली बात यह है कि सुविधावाद के प्रति आस्था सघन हो रही है। स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी ने 46 देशों ...
Clean-India movement requires attention to check nuisance of dog-shit: Message from Prime Minister and celebrities necessity of time

Clean-India movement requires attention to check nuisance of dog-shit: Message from Prime Minister and celebrities necessity of time

सामाजिक
Ambitious Clean-India programme launched at initiative of Prime minister has by and large been a successful movement except for one area where there is a big setback to the healthy movement is the ever increasing shit by dogs spread in roads and cities especially in urban areas. Keeping dogs as pets is also an increasing fashion in cities. It is time that Prime Minister focuses on the important issue and gives a loud message to people of this country through his monthly Man-ki-Baat and also through regular advertisements through celebrities and brand-ambassador of Clean-India movement. It is significant that there is an admirable check on practice of open-defecation ever since top celebrities are giving message through wide-spread message through advertisements. Strict norms should...
बच्चों को क्यों पिसवा रहे हैं ?

बच्चों को क्यों पिसवा रहे हैं ?

BREAKING NEWS, सामाजिक
डॉ. वेदप्रताप वैदिक ऐसा लगता है कि उत्तराखंड की सरकार को मूर्खता का दौरा पड़ गया है। जो मूर्खता वह करने जा रही है, वह भारत में आज तक किसी भी सरकार ने नहीं की है। मज़े की बात है कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है। अब उत्तराखंड के 18000 सरकारी स्कूलों में सारे विषयों की पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ और भाजपा के नेता कहीं भी मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे, क्योंकि उनके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को सबसे ज्यादा पलीता उत्तराखंड की सरकार ही लगाएगी। वह अगले साल से पहली कक्षा से ही बच्चों की सारी पढ़ाई अंग्रेजी में करवाएगी। वह हिरण पर घास लादेगी। सारी दुनिया के शिक्षाशास्त्री इस बात से सहमत हैं कि बच्चों पर विदेशी भाषा का माध्यम थोप देने से उनका बौद्धिक विकास रुक जाता है। उनकी जो शक्ति किसी विषय को समझने में लगनी चाहिए, वह अंग्रेजी से कुश्ती लड़ने में बर्बाद हो जाएगी। वे रटटू...
13 Simple Ways to Lower Your Triglycerides

13 Simple Ways to Lower Your Triglycerides

सामाजिक
Triglycerides are a type of fat found in your blood. After you eat, your body converts the calories that you don’t need into triglycerides and stores them in your fat cells to be used for energy later. While you do need triglycerides to supply your body with energy, having too many triglycerides in your blood can increase your risk of heart disease (1). About 25% of adults in the US have elevated blood triglycerides, which is classified as having levels over 200 mg/dL (2.26 mmol/L). Obesity, uncontrolled diabetes, regular alcohol use and a high-calorie diet can all contribute to high blood triglyceride levels. This article explores 13 ways to naturally reduce your blood triglycerides. Nuts, Salmon, Olive Oil and Avocado Inside a Heart on a Chalk Board 1. Lose Some Weight Whenever yo...
‘चिराग का रोजगार’ एक सार्थक पहल

‘चिराग का रोजगार’ एक सार्थक पहल

सामाजिक
आज युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने के मामले में देश पिछड़ रहा है। रोजगार एवं उद्यम के मोर्चें पर युवा सपनों का बिखरना देश के लिये एक गंभीर चुनौती है। इस गंभीर चुनौती का सामना करने के लिये सरकार के साथ-साथ जनभागीदारी जरूरी है। बिहार के युवा सांसद चिराग पासपास सक्षम जनप्रतिनिधि के साथ-साथ मौलिक सोच एवं संवेदनाओं के प्रतीक हंै। उन्हें सूक्ष्मदर्शी और दूरदर्शी होकर प्रासंगिक एवं अप्रासंगिक के बीच भेदरेखा बनाने एवं अपनी उपस्थिति का अहसास कराने का छोटी उम्र में बड़ा अनुभव है जो भारतीय राजनीति के लिये शुभता का सूचक है। लोकतंत्र का सच्चा जन-प्रतिनिधि वही है जो अपनी जाति, वर्ग और समाज को मजबूत न करके देश को मजबूत करें। ऐसी ही सार्थक सोच का परिणाम है ‘चिराग का रोजगार’। हाल ही में दिल्ली एक बडे़ समारोह में चिराग पासवान ने अपनी इस बहुआयामी एवं मूच्र्छित होती युवा चेतना में नये प्राण का संचार करने वाली य...
Create Rules For Your Life That Serve You Well

Create Rules For Your Life That Serve You Well

addtop, सामाजिक
Having rules that govern your life, behavior, and choices might seem confining and restrictive. But there’s a profound freedom that comes from living by a set of rules that you’ve chosen for yourself. You can refrain from toiling over as many decisions. You simply follow your own rules. Suppose you had the rule that you’re never going to lie to your partner. Then you never have to fight with yourself about whether or not to tell the truth. You simply tell the truth and get on with life. Develop your own set of rules for each aspect of your life. Rules provide the framework for having a more productive and stress-free life. This example can guide you in creating a unique set of rules for your own life: 1. I always go to bed and get up at times that provide me with the opportunity to get...
शहर-शहर जंगल का सफर

शहर-शहर जंगल का सफर

सामाजिक
- शुभेंदू शर्मा जैसे-जैसे विकास हो रहा है, हरियाली और जंगल खत्म होते जा रहे हैं। इसका असर पर्यावरण पर भी दिखने लगा है। इसके बावजूद हम पेड़-पौधों को लेकर जागरूक नहीं हो रहे हैं। कुछ लोग पेड़-पौधे लगाने की बात तो करते हैं, ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे, लेकिन जब बारी खुद हो, तो पीछे हट जाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो पर्यावरण को बचाने के लिए अलग-अलग तरीके से काम कर रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं शुभेंदू शर्मा। पेशे से इंजीनियर शुभेंदू एक कार कंपनी में नौकरी करते थे, जहां उन्हें काफी अच्छी सैलेरी मिलती थी। लेकिन प्रकृति से लगाव की वजह से वे ज्यादा दिन तक नौकरी नहीं कर पाए। उनकी जिद थी कि हर व्यक्ति प्रकृति का अनुभव ले और हर ओर हरियाली हो, इस जिद में आकर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। शुभेंदू शर्मा बताते हैं कि एक बार उन्होंने एक जंगल देखा, जिसे जापान की एक डाॅक्टर अकिरा मियावकी ने डिजाइन किय...