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“तिरंगा महोत्सव”

“तिरंगा महोत्सव”

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आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी के अवसर पर तिरंगा महोत्सव। दिल्ली देश की राजधानी की सुप्रसिद्ध सामाजिक संगठन संस्था चेतना द्वारा आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में तिरंगा महोत्सव का भव्य आयोजन रोहिणी स्थित होटल क्राउन प्लाजा में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विशिष्ठ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ।इसके पश्चात पूर्व वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली जी के निधन पर। पुष्पांजलि - श्रद्धांजलि अर्पित की गई। टीम चेतना, विशिष्ठ अतिथियों एवम् इस प्रोग्राम के प्रायोजक परिवार का परिचय अध्यक्ष श्री राजेश चेतन जी ने दिया। तत्पश्चात आचार्य महाप्रज्ञ जी के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया गया। सभी विशिष्ट अतिथियों का आचार्य महाप्रज्ञ जी के साहित्य से सम्मान किया गया। पूरा कार्यक्रम तिरंगे की थीम पर आयोजित था। कार्यक्रम के प्रथम केसरिया सत्र में केसर घाटी - तब और अब पर पावन ...
गिरफ्तारी की कानूनी प्रक्रिया से क्यों डर रहे चिदंबरम

गिरफ्तारी की कानूनी प्रक्रिया से क्यों डर रहे चिदंबरम

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आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की पिछले दिनों नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी ने सबको चौंका दिया। यह सवाल सबके मन में एक बार जरूर कौंधा कि आखिर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सामने ऐसी क्या स्थिति आ गई कि वह जांच एजेंसियों को सहयोग करने की बजाए सत्ताइस घंटे भागते-छिपते रहे। खैर उनकी गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 5दिनों की सीबीआई की रिमांड पर भेजा और आज जब रिमांड के बाद आगे की सुनवाई शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें एक झटका और दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदम्बरम की दिल्ली हाई कोर्ट की अग्रिम जमानत के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी होने के बाद अब इसका कोई मतलब ही नहीं रह जाता है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई से जुड़ी याचिका पर इस चरण में सुनवाई...
बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर

बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर

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भारत एक युगान्तकारी मोड़ पर है। जिस तेजी से सरकार व समाज में राष्ट्रीयता का भाव घर कर रहा है वह स्वागतयोग्य है। जम्मू कश्मीर में अलगाववाद को प्रश्रय देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की समाप्ति से जहां देश एक हुआ वहीं विभाजनकारी ताकतें व अर्बन नक्सलियों व पेड देशद्रोही बुद्धिजीवियों की नस्ल ही तबाह हो गयी। तीन तलाक, मोटर वाहन अधिनियम सहित दर्जनों अनेक ऐसे विधेयक संसद में पारित किए गए जिनसे भारत के एक समरस, समृद्ध व विकसित समाज बनने की राह प्रशस्त हो गई है और उससे भी बड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल, जनसंख्या व पर्यावरण के लिए की गई अभिनव पहल देश में बड़े समाज सुधारों की राह खोलने जा रही है। इन उपलब्धियों के बीच चुनौतियां भी उतनी ही बड़ी हैं। अनुच्छेद 370 की समाप्ति से देश में अनेक विपक्षी दल विशेषकर कांग्रेस पार्टी में बड़ी बौखलाहट है। विभाजन की राजनीति की विषबेल जिस प्रकार आजादी के...
अर्थव्यवस्था के संकट से उबरने की तैयारी

अर्थव्यवस्था के संकट से उबरने की तैयारी

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भारत आर्थिक मंदी की मार से त्रस्त होता दिख रहा है, आर्थिक अंधेरा चहुं ओर परिव्याप्त हुआ है। अर्थव्यवस्था इस समय बहुत नाजुक दौर से गुजर रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है, व्यापार ठप्प है, बाजार सूने हंै, बड़ी कम्पनियां अपने कर्मियों की छंटनी कर रही है, ऐसे कई आंकड़ें एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के चरमराने के संकेत दे रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी दर पिछले 45 सालों में सबसे नीचे के स्तर पर पहुंच चुकी है और ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ-साथ उत्पाद काफी समय से मंदी की ओर अग्रसर है। सरकार को अर्थव्यवस्था का संकट गहराने से पहले जल्द कदम उठाने होंगे और नाजूक होती स्थिति को देखते हुए यदि सरकार जागी है तो यह शुभ संकेत है। एक तरफ केन्द्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये प्रोत्साहन या पैकेज की घोषणा की है, जो दूसरी ओर भारतीय रिर्जव बैंक के खजाने से भी केन्द्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुप...
क्यों मिलती रहे गांधी कुनबे को एसपीजी सुरक्षा?

क्यों मिलती रहे गांधी कुनबे को एसपीजी सुरक्षा?

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केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा का स्तर घटाते हुए उनसे एसपीजी सुरक्षा घेरा वापस लेने का निर्णय लिया है। सरकार ने यह कदम उनकेजीवन को खतरे की सुरक्षा विशेषज्ञों की समिति द्वारा गहन समीक्षा के बाद उठाने का दावा किया है। एसपीजी अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्रियों औरउनके परिवार को उपलब्ध कराई गई एसपीजी सुरक्षा की वार्षिक समीक्षा अनिवार्य है। सरकार के इस फैसले के बाद अब एसपीजी सुरक्षा घेरा केवल प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी संतानों राहुल गांधी और प्रियंका के कुनबे के लिए उपलब्ध है। इनमें से प्रियंका गांधी वाड्रा किसी स्तर की निर्वाचितप्रतिनिधि भी नहीं हैं। वैसे भी एस.पी.जी. एक्ट में पूर्व प्रधान मंत्रियों के परिवार की जो परिभाषा दी गई है, उसमें “दामाद” कहीं भी नहीं है। परिवार की परिभाषा में पति-पत्नी, बच्चे और माता-पिता ...
Why Afraid if No Wrong Committed

Why Afraid if No Wrong Committed

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Dramatic arrest of senior Congress leader and former Finance Minister P Chidambaram in the INX Media case the other day has taken everyone by surprise. After all what were the reasons that made Chidambaram play hide and seek for 27 hours with the CBI when the investigating agency went to arrest him following rejection of his anticipatory bail plea by Delhi High Court. After he was sent to CBI remand for five days, Chidambaram moved a petition in the Supreme Court seeking relief asking for cancellation of the arrest warrant. But the Supreme Court dismissed his appeal since the petition became ‘infructuous’ once he was arrested. The CBI court has accepted CBI plea for extending Chidambaram’s remand by another four days. He will appear again on August 30 before the trial court. The way Chida...
सेहत के लिहाज से निचले पायदान पर भारतीय डिब्बाबंद खाद्य उत्पाद

सेहत के लिहाज से निचले पायदान पर भारतीय डिब्बाबंद खाद्य उत्पाद

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बदलती जीवन शैली के साथ खानपान के तौर-तरीके बदल रहे हैं और डिब्बाबंद खाद्य उत्पादों का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। लेकिन, एक नए वैश्विक सर्वेक्षण में भारतीय डिब्बाबंद खाद्य उत्पाद और पेय सेहत के लिहाज से सबसे निचले पायदान पर पाए गए हैं। दुनिया के 12 देशों में चार लाख से अधिक खाद्य एवं पेय उत्पादों का विश्लेषण करने के बाद द जॉर्ज इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं। भारतीय डिब्बाबंद खाद्य एवं पेय उत्पादों में ऊर्जा का औसत स्तर सबसे अधिक 1515 किलोजूल/प्रति ग्राम और दक्षिण अफ्रीकी खाद्य उत्पादों में सबसे कम 1044 किलोजूल/प्रति ग्राम दर्ज किया गया है।  इस सर्वेक्षण में ब्रिटेन के डिब्बाबंद खाद्य उत्पाद सबसे अधिक गुणवत्तापूर्ण पाए गए हैं। सेहतमंद डिब्बाबंद खाद्य उत्पादों के मामले में अमेरिका दूसरे और ऑस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर है। ब्रिटेन को सर्वाधिक 2.83, अमेरिका को...
सौंदर्य उत्पाद बनाने में उपयोगी हो सकता है रेशम प्रोटीन

सौंदर्य उत्पाद बनाने में उपयोगी हो सकता है रेशम प्रोटीन

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रेशम के धागों को उत्कृष्ट कपड़ा बनाने के लिए सदियों से जाना जाता है। भारतीय वैज्ञानिकों ने अब रेशम कीटों से उत्पादित होने वाले सेरिसिन नामक प्रोटीन के औषधीय गुणों की पहचान की है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रोटीन का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन एवं त्वचा की देखभाल से जुड़े कॉस्मेटिक उत्पाद बनाने में किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि सेरिसिन का आणविक भार, संरचना और मेटाबोलाइट्स की मात्रा रेशम के कोवों (कोकून) से उसके निष्कर्षण के तरीकों पर निर्भर करती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के रेशम कीटों से सेरिसिन के निष्कर्षण की नई विधियां विकसित की हैं और इन विधियों से प्राप्त सेरिसिन के गुणों का मूल्यांकन किया है। सेरिसिन प्रोटीन से पृथक किए गए तत्वों के गुणों की जांच के लिए पशुओं पर इसका परीक्षण किया गया है। इस अध्ययन में बॉम्बिक्स मोरी...
India Post ignores misuse of heavily subsidised post-cards for listening names on Akashwani,  should revise minimum postal-tariff to be rupee one

India Post ignores misuse of heavily subsidised post-cards for listening names on Akashwani, should revise minimum postal-tariff to be rupee one

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It is indeed shocking that postal-department delivers highly subsidised rubber-stamped (printed) post-cards of just 50 paise each to Akashwani (All India Radio) where senders write Any-Song for programme of listeners-choice of film-songs just to get their names broadcast on Akashwani. According to rules, these rubber-stamped post-cards should be considered as printed post-cards carrying a postal-tariff of rupees six, and must not be delivered to Akashwani. Bitter fact is that subsidised post-cards are not being used by common people. These are also misused for commercial purposes like by chit-fund companies to send reminders for payments. Ideally such unpopular postal-items like post-cards and Inland-Letter-Cards must now be discontinued to prevent unnecessary subsidy-loss on public-exc...
Maharashtra State Government should adopt The Dadar Athornan Institute of Parsi community

Maharashtra State Government should adopt The Dadar Athornan Institute of Parsi community

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It refers to media-reports about The Dadar Athornan Institute set up about a century ago to train persons from fast-eliminating Parsi community as Parsi priests by admitting students at an early childhood age from class I to class X, on verge of closure because of shortage of funds. Since population of most-talented Parsi community of the world having sharply declined, funds from the community are not enough to run the Institute. Concern on fast declining Parsi population have been raised again and again including even by the then President Pranab Mukerji. Apart from other steps taken to increase Parsi population, it is time that Maharashtra government takes over responsibility for funds to run the only institute to train students as Parsi priests namely The Dadar Athornan Institute als...