दिल्ली में आज वे भी डरे हुए हैं, जिन्होंने दंगा भड़काने में परोक्ष सहयोग किया
दिल्ली में आज वे हिन्दू-मुसलमान भी डरे हुए हैं, जो पिछले ढाई महीनों से CAA-NRC-NPR के खिलाफ अफवाहें फैलाकर दो समुदायों को आमने-सामने खड़ा करके दंगा भड़काने में जुटे थे।
दिल्ली में आज वे हिन्दू-मुसलमान भी अपनी जान बचाने के लिए पुलिस की ओर ही कातर दृष्टि से देख रहे हैं, जो जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दंगाई गुंडों पर लाठीचार्ज के बाद पुलिस के खिलाफ ज़हर उगल रहे थे और लोगों की साम्प्रदायिक भावनाएं भड़का रहे थे।
दिल्ली में आज वे हिन्दू-मुसलमान भी डरे हुए हैं, जिन्हें जामिया, एएमयू, आईआईटी कानपुर, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद से की गई देशविरोधी और हिंदू विरोधी बातों में तो मज़ा आ रहा था, लेकिन आलोचना के शब्द केवल कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयानों पर फूटते थे।
दिल्ली में आज वह हर हिन्दू-मुसलमान भी डरा हुआ है, जिसने परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से इन दंगों की बुनियाद रखी है।...