Shadow

BREAKING NEWS

राहुल गांधी कांग्रेस के विनाश पुरुष!

राहुल गांधी कांग्रेस के विनाश पुरुष!

addtop, BREAKING NEWS, विश्लेषण
आरएसएस को गाली देने का राहुल गांधी कोई मौैका नहीं चूक रहे। उनके मुताबिक आरएसएस एक विचारधारा है जो देश को बांट रही है। इसलिए जहां भी वो जमानत लेने जा रहे हैं वहां आरएसएस की विचारधारा का विरोध कर रहे हैं। तो क्या मैं उनसे पूछ सकता हूं कि कौन सी विचारधारा है जो देश को एक कर रही है? क्या वो ईसाई मिशनरियों की विचारधारा है या फिर मदरसों में पल रही जिहादियों की विचारधारा? असल में राहुल गांधी कांग्रेस के विनाश पुरुष है। यह बुद्धिहीन व्यक्ति और इसके धूर्त सलाहकार कांग्रेस को मटियामेट करने के एजेंडे पर कार्यरत हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो कम से कम राहुल गांधी आरएसएस पर हर वक्त हमला न बोलते। आरएसएस चुनाव नहीं लड़ता इसलिए किसी राजनीतिक दल के लिए आरएसएस एजेण्डा हो ही नहीं सकता। आरएसएस को इस देश में राजनीतिक एजेण्डा बनाया कम्युनिस्टों इस्लामिस्टों और चर्च संगठनों ने क्योंकि इन तीनों को हिन्दुओं के किस...
Criticism on hiking prices of petrol and diesel in Union Budget for 2019-20

Criticism on hiking prices of petrol and diesel in Union Budget for 2019-20

addtop, BREAKING NEWS, आर्थिक
Central government could fetch much-more revenue from some practical steps rather than by raising price of petrol and diesel by rupees two per litre in the Union Budget for 2019-20. Since distribution of petrol and diesel is done only by four public-sector oil-companies under control of Union Ministry of petroleum, new mechanism should be set up whereby prices once hiked may not be roll-back even in case of international price-fall of crude oil. Extra money so earned could be better utilised to bear loss in case of price-rise of crude-oil thus maintaining uniform pricing for quite some time rather than daily-change in prices of petrol and diesel. It is significant that price of commodities and transportation once raised because of rise of fuel-price, is never rolled back in case of fall in...
Now Karnataka set for hung assembly and horse-trading

Now Karnataka set for hung assembly and horse-trading

addtop, BREAKING NEWS, राज्य
Permanent solution is a must which may make concept of simultaneous elections a dream-come-true It refers to 10 Congress and 3 JD(S) MLAs quitting coalition government in Karnataka with more quits from ruling coalition possible in days to come, thus possible of fall of state-government just formed after elections recently held in October 2023. Prime Minister is stressing, and rightly too, for simultaneous polls to Lok Sabha and all state-assemblies. But how is it practical if mid-term elections may be necessitated through such fall of state-governments. Only remedy is to elect Chief Minister (or Prime Minister) simultaneously with Speaker and Deputy Speaker by secret and compulsory elections through EVMs equipped with VVPAT on nominations signed by at least 34-percent members with a...
युवा अन्वेषकों के हाइटेक नवाचारों को पुरस्कार

युवा अन्वेषकों के हाइटेक नवाचारों को पुरस्कार

addtop, BREAKING NEWS, समाचार
 खेत में कीटनाशकों का छिड़काव करते समय रसायनिक दवाओं के संपर्क में आने से किसानों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल साइंस ऐंड रिजेनेरेटिव मेडिसिन, बेंगलूरू के छात्र केतन थोराट और उनकी टीम ने मिलकर डर्मल जैल नामक एक ऐसी क्रीम विकसित की है, जिसे त्वचा पर लगाने से कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।  आईआईटी, दिल्ली की रोहिणी सिंह और उनकी टीम द्वारा विकसित नई एंटीबायोटिक दवा वितरण प्रणाली भी देश के युवा शोधकर्ताओं की प्रतिभा की कहानी कहती है। इस पद्धति को विकसित करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि शरीर में दवा के वितरण की यह प्रणाली भविष्य में कैंसर के उपचार को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। आईआईटी, खड़गपुर की शोधार्थी गायत्री मिश्रा और उनकी टीम ने एक ई-नोज विकसित की है, जो अनाज भंडार में कीटों के आक्रमण का पता लगाने में उपयोगी हो सकती है। इसी तरह, भारतीय विज...
कांग्रेस पार्टी को सही दिशाओं की तलाश

कांग्रेस पार्टी को सही दिशाओं की तलाश

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
  कांग्रेस पार्टी तरह-तरह के अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। इसकी जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि पार्टी के निष्ठावान नेता उत्तराधिकारी के मसले पर बात करने को तैयार नहीं हैं। पार्टी को अब फिर से मूल्यों पर लौटकर अपने आप को एक नए दौर की पार्टी के तौर पर पुनर्जीवित करना होगा। चुनौतियां तो अनेक हैं, गांधी-परिवार पर निराशाजनक निर्भरता पार्टी के सामने पहली चुनौती है, दूसरी बड़ी चुनौती केन्द्रीय नेतृत्व का अभाव है। बावजूद इसके किस वजह से पार्टी अब भी आगे की दिशा में बड़ा कदम उठाने से कतरा रही है। पार्टी के नेता ये बुनियादी बात ही नहीं समझ पा रहे हैं कि राहुल गांधी न पार्टी को छोड़ रहे हैं, न उन्हें छोड़ रहे हैं और न ही राजनीति को। शायद वे पहली बार समझदारी दिखा रहे हैं कि कोई गैर-गांधी परिवार का सदस्य अध्यक्ष बनकर पार्टी का नेतृृत्व करें। यह समझद...
जमीनी बदलाव बिना  कांग्रेस की राह मुश्किल

जमीनी बदलाव बिना कांग्रेस की राह मुश्किल

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
  सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस कितनी आशावान थी, इसका अंदाजा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की 21 मई की प्रेस कांफ्रेंस से चलता है। चुनाव नतीजे आने के ठीक दो दिन पहले राहुल गांधी ने जिस आत्मविश्वास से कहा था कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं, उससे ही साबित होता है कि पार्टी सत्ता में वापसी को लेकर कितनी आश्वस्त थी। पार्टी की इस आशावादिता को कुछ दिन बाद आई खबरों ने भी जाहिर किया, जिसमें कहा गया है कि पार्टी की आंकड़ा विश्लेषण करने वाली टीम ने 184 लोकसभा सीटें जीतने का अनुमान जताया था, जिसके चलते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी सलाहकार मंडली पूरे उत्साह में थी। यहां तक कि पार्टी ने भावी मंत्रिमंडल के लिए नाम भी तय कर लिए थे। जिसमें गृहमंत्री पद के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता स्टालिन का नाम तय करके उन्हें फोन भी कर दिया गया था। राष...
जीवाश्मी इस्पाती ढाँचा और श्रेष्ठ भारत का सपना

जीवाश्मी इस्पाती ढाँचा और श्रेष्ठ भारत का सपना

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
                          " उम्मीद नहीं है कि भारत में गूगल और एप्पल जैसी बड़ी कम्पनियां तैयार हो सकती है। यहाँ जॉब करना और मर्सिडीज खरीद लेना ही सफलता है। क्रिएटिविटी कहाँ है? उपरोक्त बड़ी गम्भीर बात हाल ही में एप्पल के को-फाउंडर स्टीव वोज्नियाक ने भारत के बारे में कही है। इसका बड़ा गहरा अर्थ है देश के अतीत तथा वर्तमान से। और, बहुप्रतीक्षित श्रेष्ठ और स्वर्णिम भारत का भविष्य भी इन्हीं दो विरोधी शब्दों के समीकरण से तय होना है। श्रेष्ठ भारत का सपना देख रहे अधिकांश जनता को इस श्रेष्ठ भारत के निर्माण स्तम्भ जिसे इस्पाती ढाँचा के नाम से जानते हैं,के जर्जर हालत का पता ही नहीं है। आज भी भारत उस सामंती मानसिकता से पूर्णतः बाहर नहीं आ पाया है जहाँ सृजनात्मकता से प्राप्त नौकरी से ज्यादा एक अदद बाबूगिरी वाले सरकारी नौकरी को तवज्जो दिया जाता है। आईएएस, आईपीएस या बाबूगिरी वाला कोई नौकरी मिल...
हिंदी से तमिलों को आख़िर दिक़्क़त(परेशानी) क्या है?

हिंदी से तमिलों को आख़िर दिक़्क़त(परेशानी) क्या है?

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
मणिशंकर अय्यर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कस्तूरीरंगन कमिटी की रिपोर्ट में एक आधे वाक्य को लेकर तमिलनाडु में जो हंगामा और विरोध हुआ, उससे तमिलनाडु के बाहर रहने वाले भारतीय हैरान हो गए. उन्हें समझ में नहीं आया कि आख़िर तमिलनाडु में हिंदी का इतना विरोध क्यों हो रहा है. कस्तूरीरंगन कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में सिफ़ारिश की थी कि तमिलनाडु समेत सभी ग़ैर-हिंदी भाषी राज्यों में एक क्षेत्रीय भाषा और अंग्रेज़ी के अलावा सभी सेकेंडरी स्कूलों में हिंदी पढ़ाई जानी चाहिए. इस सुझाव का सबसे कड़ा विरोध तमिलनाडु में हुआ. इस पर हैरान होने वालों को स्कूलों में हिंदी पढ़ने की अनिवार्यता के ख़िलाफ़ (विरुद्ध)तमिलभाषियों के आंदोलन का इतिहास याद करना चाहिए. ये क़िस्सा क़रीब दो सदी पुराना है. 1833 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने ईसाई मिशनरियों को क़ाबू में रखने वाली अपनी अक़्लमंदी (समझधार) भरी नीति को तिलांजलि दे दी. इसके बाद ...
आतंकवाद और गृहमंत्री अमित शाह

आतंकवाद और गृहमंत्री अमित शाह

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद  देते हुए, भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने जितना दमदार भाषण दिया, उससे आतंकवादियों के हौसलेजरूर पस्त हुए होंगे। श्री शाह ने बिना लागलपेट के दो टूक शब्दों में आतंकवादियों, विघटनकारियों और देशद्रोहियों को चेतावनी दी कि वे सुधरजाऐं, वरना उनसे सख्ती से निपटा जाऐगा। अब तक   देश ने अमित शाह को भाजपा के अध्यक्ष रूप में देश ने देखा है । इस पद रहते हुए उन्होंने एक सेनापति के रूप में अनेक चुनावीमहाभारत जिस कुशलता से लड़े और जीते, उससे देश की राजीनीति में उनकी कड़ी धमक बनी है। उनके विरोधी भी यह मानते हैं कि इरादे केपक्के, जुझारू और रातदिन जुटकर काम करने वाले अमित शाह जो चाहते हैं, उसे हासिल कर लेते हैं। इसलिए दिल्ली की सत्ता के गलियारों औरमीडिया के बीच यह चर्चा होने लगी है कि अमित शाह शायद कश्मीर समस्या का हल निकालने में सफल हो जाऐं। हालांकि इस रास्तें में चुनौति...
राष्ट्रवाद को चुनौती देता “अल्पसंख्यकवाद”

राष्ट्रवाद को चुनौती देता “अल्पसंख्यकवाद”

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अल्पसंख्यकवाद या मुस्लिम उन्मुखी राजनीति की विवशता आज राष्ट्रवादियों के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन रही है। जबकि स्वतंत्र भारत के नीति नियंताओं का ध्येय स्वस्थ राष्ट्रवाद की परिकल्पना का अनुगामी था। क्योंकि उन्हें स्मरण था कि अखंड भारत के मुगल व ब्रिटिश शासनों में देश के मूल निवासियों (भूमि पुत्रो) अर्थात् हिन्दुओं के शोषण का इतिहास भरा पड़ा है। उनकी स्मृतियों में देश के लगभग 1000 वर्षों के परतंत्रता काल में (यत्र-तत्र कुछ भागों में कुछ दशकों को छोड़ कर) भारत के भूमि पुत्रों के मानवीय मूल्यों के घोर हनन की वास्तविकता अभी धूमिल नही हुई थी।सन् 1947 में भारत का धर्मानुसार विभाजन मुख्यतः इस्लामिक अत्याचारों का ही परिणाम था। इस सबसे पीड़ित हमारे देश के तत्कालीन कर्णधारों ने रामराज्य की स्थापना का सपना संजोया था। ★दुर्भाग्यवश आज भी बहुसंख्यकों की उपेक्षा ही देश की मुख्यधारा बनी हुई है। स्वतंत्र भारत...