Editorial
ये संघर्ष,अंतर्द्वंद्व व संभावनाएं
मोदीत्व एक बड़े संघर्ष व अंतर्द्वंद से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व, विचारधारा और कार्ययोजनाओं को चार सालों की जनस्वीकृति के बाद भी पार्टी, संघ परिवार, सरकार व न्यायपालिका सब जगह चुनौती मिल रही है। मोदीत्व का दर्शन निश्चित रूप से नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के चारो ओर खड़ा किया गया है जिसमें बाकी सभी की सोच और कद बौने हो जाते हैं इसलिए पार्टी व अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को यह अखरता है। मोदीत्व प्रखर राष्ट्रवाद की बात करता है इसलिए सेकुलरपंथियो व अन्तर्राष्ट्रवादियो को अखरता है। मोदीत्व विकास, सुशासन व पारदर्शिता की बात करता है, इसलिए भ्रष्ट नेताओं, नौकरशाहो, न्यायाधीशों , मीडिया, व्यापारी व कॉर्पोरेट समूहों को अखरता है। मोदीत्व कट्टरता का विरोध करता है और नरम हिंदुत्व की बात करता है इसलिए सभी धर्मों के कट्टरपंथियों को अखरता है। मोदीत्व ...