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सोनियाजी, अब नीतीश पर कृपा करें

सोनियाजी, अब नीतीश पर कृपा करें

BREAKING NEWS, राज्य
डॉ. वेदप्रताप वैदिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालूप्रसाद यादव का गठबंधन टूट न जाए और बिहार की सरकार बनी रहे, ऐसी कोशिश कांग्रेस-अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं। लालू और उनके परिवारवालों पर भ्रष्टाचार के इतने आरोप लगे हैं और उनकी संपत्तियों पर इतने छापे पड़ रहे हैं कि उनका बुरा असर नीतीश की छवि पर पड़ रहा है। नीतीश के मंत्रिमंडल में लालू के दो लड़के हैं। उनमें से एक उप-मुख्यमंत्री भी है। नीतीश की पार्टी का प्रवक्ता कह रहा है कि लालू परिवार अपनी संपत्तियों का स्त्रोत बताए। वह यह बताए कि उसके पास इतना पैसा कहां से आया ? इसका अर्थ यह हुआ कि उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस्तीफा दे। लेकिन यह यादव परिवार इतनी पतली चमड़ी लेकर मैदान में नहीं उतरा है। उसकी खाल गैंडे से भी मोटी है। उसने अपने पिता से सीखा है कि जेल की हवा खाने के बावजूद चुनाव जीता जा सकता है। वह इस्तीफा...
Press Release: Presidential Elections 2017 Analysis of MPs and MLAs

Press Release: Presidential Elections 2017 Analysis of MPs and MLAs

BREAKING NEWS, प्रेस विज्ञप्ति
Dear Friends, Association for Democratic Reforms (ADR) and National Election Watch have analyzed 4852 out 4896 affidavits. It includes 774 out of 776 affidavits of MPs and 4078 out of 4120 MLAs from all the states of India. They collectively form the Electoral College, who will be voting for the Presidential Elections on 17th July, 2017 to elect the new President of India. Based on the number of votes these 4852 MPs/MLAs can cast, NEW and ADR have analysed 1091472 out of 1098903 votes. Figure 1: Composition of Electoral College for Presidential Elections Number of MPs/MLAs and Total Votes S.No Elected from House/ Assembly Total MPs/MLAs in the House/ Assembly Total MPs/MLAs Analysed No. of votes which each elected member is entitled to cast Total No. of votes Tota...
It can happen only in India: Dutiful whistle-blower police-officer gets show-cause

It can happen only in India: Dutiful whistle-blower police-officer gets show-cause

BREAKING NEWS
It refers to Congress-led Karnataka government issuing show-cause notice to DIG (prisons) D Roopa for alleged violation of service-rules when she exposed massive irregularity of VVIP jail-treatment to imprisoned AIIADMK leader VK Sasikala on payment of hefty bribe of rupees two crores or so. It is quite common that super-rich or influential prisoners usually find jails like some lonely luxury resort on basis of their money-power or other influence. D Roopa by exposing such a specific case should rather have been honoured on her bold initiative rather than being targeted by the state-government. It is time for central government to intervene, and save the honest whistle-blower police-officer from any disciplinary action. SUBHASH CHANDRA AGRAWAL
Election Commission should be clear in its view on life-time ban on convicted politicians

Election Commission should be clear in its view on life-time ban on convicted politicians

BREAKING NEWS
It refers to Supreme Court on 12.07.2017 requiring Election Commission to come clear on its stand on a life-time ban on contesting elections by tainted persons. It is noteworthy that Election Commission supported the Public Interest Litigation –PIL- at Supreme Court for provisions to decide criminal cases related to people representatives, public servants and members of judiciary within one year and to debar the convicted persons from legislature, executive and judiciary for life, further supporting PIL for implementing important electoral reforms as proposed by Election Commission, Law Commission and Nation Commission to Review the Working of the Constitution. Since Central Government has not supported the PIL on the ground that judiciary should not interfere on such legislative m...
Now political crisis in Nagaland: Elect Chief Misters through secret and compulsory votes of MLAs

Now political crisis in Nagaland: Elect Chief Misters through secret and compulsory votes of MLAs

BREAKING NEWS
It refers to political crisis now in Nagaland where state-governor PB Acharya has desired state Chief Minister Shurhozelie Liezietsu to take a floor test and prove his majority in the face of TR Zeliang claiming he had more MLAs on his side. Such happenings have become quite common in Indian politics. To prevent Horse-Trading of MLAs through corrupt means, and to ensure full-terms of these state-assemblies, Chief Ministers in these two states should be elected through secret and compulsory votes of all members of respective legislative assemblies (MLAs) through Electronic Voting Machines (EVMs) on nominations signed by at least 34-percent MLAs. Members not participating in the democratic process of electing Chief Ministers may lose voting-right in the assembly even though retaining...
बच्चों को क्यों पिसवा रहे हैं ?

बच्चों को क्यों पिसवा रहे हैं ?

BREAKING NEWS, सामाजिक
डॉ. वेदप्रताप वैदिक ऐसा लगता है कि उत्तराखंड की सरकार को मूर्खता का दौरा पड़ गया है। जो मूर्खता वह करने जा रही है, वह भारत में आज तक किसी भी सरकार ने नहीं की है। मज़े की बात है कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है। अब उत्तराखंड के 18000 सरकारी स्कूलों में सारे विषयों की पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ और भाजपा के नेता कहीं भी मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे, क्योंकि उनके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को सबसे ज्यादा पलीता उत्तराखंड की सरकार ही लगाएगी। वह अगले साल से पहली कक्षा से ही बच्चों की सारी पढ़ाई अंग्रेजी में करवाएगी। वह हिरण पर घास लादेगी। सारी दुनिया के शिक्षाशास्त्री इस बात से सहमत हैं कि बच्चों पर विदेशी भाषा का माध्यम थोप देने से उनका बौद्धिक विकास रुक जाता है। उनकी जो शक्ति किसी विषय को समझने में लगनी चाहिए, वह अंग्रेजी से कुश्ती लड़ने में बर्बाद हो जाएगी। वे रटटू...
उत्तरप्रदेश विधानसभा में विस्फोटक से हडकंप

उत्तरप्रदेश विधानसभा में विस्फोटक से हडकंप

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उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदन के अन्दर विस्फोटक पाए जाने से हडकंप मच गया है. हालांकि इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने आपात बैठक बुलाई है, मगर सवाल तो कई उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई कैसे? आखिर विस्फोटक इतनी सुरक्षा परतों को कैसे पार कर गया जबकि विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी मेटल डिटेक्टर के साथ तैनात रहते हैं. यह भी सच है कि पीईटीएन का इस्तेमाल दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में किया गया था. यह एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको X-रे मशीन भी नहीं पकड़ पाती है.इस मामले में मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हो गयी है. इसमें कोई कोताही न बरतते हुए, विस्फोटकों के अन्दर जाने की पूरी जांच होनी चाहिए, हर भूमिका की जांच होनी चाहिए. ...
हम पढ़े लिखे ढक्कन – #AnujAgarwal

हम पढ़े लिखे ढक्कन – #AnujAgarwal

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जी, यह सच है। शायद हमें अंदाज़ ही नही की हम अपनी कमाई का 30 से 50% तक अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा और रोजगार के चक्कर मे हर माह खर्च करते जा रहे हैं। लुटेरी नोकरशाही और लंपट नेताओ के गठजोड़ ने हम लोगों को रोज लूटने ओर लूटते रहने के खेल जो खेल रखे हैं। क्या आप जानते हैं कि देश के प्रत्येक राज्य में दो तिहाई से लेकर अस्सी प्रतिशत तक बच्चों की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा ऐसे विद्यालयों में होती है जो गैर मान्यता प्राप्त हैं। देश के हर जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी से जिला विद्यालय निरीक्षक तक सारा शिक्षा विभाग जानबूझकर अधिकांश निजी विद्यालयों को मान्यता नहीं देता। पहले उन्हें अपराधी ठहराया जाता है और उसके बाद उनसे अवैध वसूली तो होती ही है साथ ही उनके विद्यालयों में प्रवेश लिए बच्चों का प्रवेश पंजीकरण सरकारी विद्यालयों ओर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में दिखाया जाता है। यद्धपि वे बच्चे कभी भी ...
कश्मीर का इलाज ईसाबेला तो नहीं ?

कश्मीर का इलाज ईसाबेला तो नहीं ?

BREAKING NEWS, राज्य
डॉ. वेदप्रताप वैदिक 2017 का साल कश्मीर के लिए बहुत बुरा रहा। कितने आतंकी हमले हुए और कितने लोग मारे गए- यह बताने की जरुरत नहीं है। सबको पता है। यह सब कुछ तब हो रहा है, जबकि केंद्र और कश्मीर, दोनों जगह भाजपा की सरकारें हैं। यहां प्रश्न यह उठता है कि कांग्रेस और भाजपा, दोनों की ही कश्मीर नीति क्या एक-जैसी नहीं है ? कांग्रेस ने तो अलगाववादियों से बातचीत के रास्ते भी कई बार खोले थे। लेकिन मोदी सरकार न बात चलाती है और न ही लात चलाती है। जो बात न चला सके, उसे लात तो जरा मुस्तैदी से चलानी चाहिए। यदि चलाई होती तो सर्जिकल स्ट्राइक, फर्जीकल स्ट्राइक सिद्ध नहीं हो जाती। आतंकियों के दिल में सरकार की लात की दहशत होती तो क्या अमरनाथ के यात्रियों पर हमला हो सकता था ? इस हमले ने कश्मीरियत और इस्लाम दोनों को कलंकित कर दिया है। पाकिस्तान और कश्मीरी आतंकियों को पता है कि दिल्ली की सरकारें सिर्फ बातें बनात...
अमरनाथ हमला:बहुलतावादी भारत के विचारों पर चोट

अमरनाथ हमला:बहुलतावादी भारत के विचारों पर चोट

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आर.के. सिन्हा अमरनाथ यात्रा पर गए गुजरात के निहत्थे तीर्थ यात्रियों पर हमले की देश ‘निंदा’, ‘कड़ी निंदा’ और ‘भर्त्सना’ जैसे शब्दों से संतुष्ट नहीं होगा। ये सारे शब्द अब अपने अर्थ खो चुके हैं।इस प्रकार की हिंसा बहुत भयानक और ख़तरनाक है। बर्बरता का इससे बड़ा क्या प्रमाण हो सकता है? निर्दोष की हत्या करना मानवता के प्रति अपराध है। यह हर दृष्टि से बहुत बड़ा पाप है। अब किसी भी तरह आतंकियों को पकड़ा जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। सुरक्षा प्रबंध और कड़े और किये जायें और पूरे देश के कोने - कोने को फ़्लश करके इन राष्ट्रद्रोही तत्वों का सफ़ाया किया जाय । यदि, ईंट का जवाब पत्थर से अब नहीं दिया जायेगा तो कब दिया जायेगा? अब सारा देश उन छद्म सेक्युलरवादियों को भी देख रहा है कि वे अमरनाथ यात्रियों पर हुए कातिलाना हमलों को किस तरह से लेते हैं। हालांकि वे तो यही कहेंगे कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता...