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व्यक्तित्व को उन्नत बनाने के आधारसूत्र

व्यक्तित्व को उन्नत बनाने के आधारसूत्र

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हर व्यक्ति में अपनी कोई-न-कोई विशेषता होती है। इन्हीं विशेषताओं से व्यक्तित्व बनता है और किसी भी व्यक्ति का वास्तविक परिचय उसका व्यक्तित्व ही है। श्रेष्ठ व्यक्तित्व ही मानव जीवन की असली पूंजी होती है। इसके अभाव में व्यक्ति व्यावहारिक धरातल पर अत्यंत दरिद्र होता है। सभी का बाह्य जीवन व्यावहारिक पृष्ठभूमि में पलता-बढ़ता और विकसित होता है। परिस्थिति और मनःस्थिति का गहरा द्वंद्व ही मनुष्य को दुर्बल एवं अशक्त बनाता है। मनःस्थिति पर आधारित विचारधारा कहती है कि यदि मन को समझा लिया जाए तो विकट परिस्थिति में भी सुख और संतोषपूर्वक निर्वाह किया जा सकता है। संतोष एक ऐसा औजार है जिसमें साधन का मोह नहीं सताता। जब मन स्वयं अपने में संतुष्ट एवं प्रसन्न है तब परिस्थितियों की भयावहता एवं विपन्नता हमें नहीं डिगा सकती। लेकिन इस आधुनिक युग में परिस्थिति एकदम विपरीत है। हमें जो परिस्थिति मिली है उससे हम संतुष्ट ...
ऑपरेशन न्यू इंडिया : ‘उदारवाद’ और ‘लोकतंत्र’ की आड़ में इस्लामिक सांप्रदायिकता का नंगा नाच

ऑपरेशन न्यू इंडिया : ‘उदारवाद’ और ‘लोकतंत्र’ की आड़ में इस्लामिक सांप्रदायिकता का नंगा नाच

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  नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर व राष्ट्रीय जनगणना - 2021 को भी केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इनके बीच विवादों में आए "राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर" पर सरकार मौन हो गयी है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर बनाने का ही काम है। अनपेक्षित रूप से सेकुलरपंथी दलों व वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा सरकार के इन सभी संवैधानिक व उचित कदमों का विरोध कान खड़े करने वाला है। जिस प्रकार विपक्ष द्वारा सुनियोजित तरीके से अप्रत्यक्ष रूप से देश के मुस्लिम समुदाय को उकसाया व भ्रमित किया गया, यह भी आश्चर्यजनक है। देश में पिछले चार दशकों में करोड़ों घुसपैठियों को सेकुलरपंथी दलों ने देश में बसने में मदद की है। इनमें अधिसंख्य मुस्लिम समुदाय के हैं व इनको इन दलों ने राशन कार्ड व वोटर आईडी कार्ड दिलाकर अपना ...
इतिहास के अनुसार ‘यौन अपराध’ इस्लाम की देन है

इतिहास के अनुसार ‘यौन अपराध’ इस्लाम की देन है

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खिर भारत जैसे देवियों को पूजने वाले देश में बलात्कार की गन्दी मानसिकता कहां से आयी? आखिर क्या बात है कि जब प्राचीन भारत के रामायण, महाभारत आदि लगभग सभी हिन्दू-ग्रंथ के उल्लेखों में अनेकों लड़ाईयां लड़ी और जीती गयीं, परन्तु विजेता सेना द्वारा किसी भी स्त्री का बलात्कार होने का जिक्र नहीं है। तब आखिर ऐसा क्या हो गया? कि आज के आधुनिक भारत में बलात्कार, रोज की सामान्य बात बन कर रह गयी है? प्रभु श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त की, पर न ही उन्होंने और न उनकी सेना ने पराजित लंका की स्त्रियों को हाथ लगाया। महाभारत में पांडवों की जीत हुयी, लाखों की संख्या में योद्धा मारे गए। पर किसी भी पांडव सैनिक ने किसी भी कौरव सेना की विधवा स्त्रियों को हाथ तक नहीं लगाया। अब आते हैं ईसापूर्व इतिहास में, 220-175 ईसापूर्व में यूनान के शासक 'डेमेट्रियस प्रथम’ ने भारत पर आक्रमण किया। 183 ईसापूर्व के लगभग उसने...
Why I am vary of Politicians

Why I am vary of Politicians

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When Modi/ BJP government won the popular mandate in 2014, the opposition did not accept their defeat lightly. Neither did those intellectuals who enjoyed acche din under Congress. Having lost at the hustings, the strategy of Congress, turned to one of disruption of legislative work by BJP. Parliamentary proceedings were disrupted on ridiculous grounds with shouting and screaming to prevent any one’s voice being heard. If bills were pushed through, despite the din in LS, there was RS to block the progress and frustrate the BJP government. All this drama was enacted daily in camera, to impress its followers,  with the majority of citizens as mute spectators, wondering if law makers are elected to play silly personal games or are they elected to ensure that legislation is properly scrutinise...
स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को रोकने के लिए और जागरूक होने की जरूरत

स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को रोकने के लिए और जागरूक होने की जरूरत

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हमारे यहां कैंसर शब्द आज भी डराता है, लेकिन पश्चिमी देशों में कैंसर का इलाज आज उसी तरह हो रहा है, जैसे अपने यहां तपेदिक का। लेकिन अपने देश में महिलाओं में स्तन का कहर तेजी से बढ़ रहा है। कुछ सर्वेक्षणों से चौकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। वहीं नई खोजों से स्तन कैंसर का इलाज अब आसान बड़ा हो गया है। गत कुछ सालों में देश में महिलाओं में स्तन कैंसर के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। अपने देश में महिलाओं में यह रोग नगरों की महिलाओं में अधिक पाया जाता रहा है। कम उम्र में विवाह और अधिक गर्भधारण भारतीय महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का एक बड़ा कारण रहा है। लेकिन विवाह को अधिक उम्र तक टालते जाने, गर्भधारण का फासला बढ़ाने या स्वेच्छा से इससे बचने की शहरी औरतों की प्रवृत्ति उनमें स्तन कैंसर की संभावना बढ़ा रही है। नए शोधों से यह पता चला कि किसी भी कैंसर के होने में आनुवांशिक कारण सबसे बड़ा कारण है औ...
एड्स उन्मूलन का वादा पूरा करने के लिए 133 माह शेष

एड्स उन्मूलन का वादा पूरा करने के लिए 133 माह शेष

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(विश्व एड्स दिवस पर लेख)   सरकार के 2030 तक एड्स उन्मूलन के वादे को पूरा करने की दिशा में सराहनीय प्रगति तो हुई है परन्तु नए एचआईवी संक्रमण दर में वांछित गिरावट नहीं आई है जिससे कि आगामी 133 माह में एड्स उन्मूलन का स्वप्न साकार हो सके. इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी की संचालन समिति में एशिया पैसिफ़िक क्षेत्र के प्रतिनिधि और एड्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ ईश्वर गिलाडा ने कहा कि “2020 तक, विश्व में नए एचआईवी संक्रमण दर और एड्स मृत्यु दर को 5 लाख से कम करने के लक्ष्य से हम अभी दूर हैं. 2018 में नए 17 लाख लोग एचआईवी संक्रमित हुए और 7.7 लाख लोग एड्स से मृत. दुनिया में 3.79 करोड़ लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं. भारत में अनुमानित है कि 21.4 लाख लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं, जिनमें से 13.45 लाख लोगों को जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवायरल दवा प्राप्त हो रही है. एक साल में 88,000 नए लोग एचआईवी से ...

CCMB plans to initiate studies on mental health genomics

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
Centre for Cellular and Molecular Biology (CCMB) plans to initiate studies on mental health genomics in collaboration with Prof Vikram Patel’s group to understand predisposition of mental illnesses. Mental health genomics is an upcoming field where there is huge scope of research. Many mental disorders are caused by a combination of biological, psychological, environmental and genetic factors. In fact a growing community of research has found that certain genes and gene variations are associated with mental disorders and ailments. Prof Vikram Patel is the Pershing Square Professor of Global Health and Wellcome Trust Principal Research Fellow at the Harvard Medical School, Boston. Prof Patel was invited as guest of honour at the 32nd foundation day of CCMB and he delivered public lecture...
ईश आराधना में दीपक का स्थान

ईश आराधना में दीपक का स्थान

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ईश्वर की पूजन में सबसे अधिक महत्व दीपक प्रज्ज्वलित करने का होता है। दीपक के बिना किसी भी भगवान की पूजन करना अधूरा कार्य माना गया है। पूजन का दीपक सिर्फ अंधेरे को ही दूर नहीं करता है, वरन् हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है। पूजन में शास्त्रोक्त विधि से दीपक लगाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं तथा उनकी कृपा हम पर बरसना प्रारम्भ हो जाती है। हम प्रायः अपने घर के मंदिर में प्रतिदिन सुबह एवं शाम को भगवान के समीप दीपक प्रज्ज्वलित करते हैं। दीपक जलते ही अनेक प्रकार के वास्तुदोष नष्ट हो जाते हैं। दीपक के प्रज्ज्वलित होने के पश्चात् उसके प्रकाश एवं धुँए से वातावरण शुद्ध होने के साथ अनेक प्रकार के कीटाणुओं से घर मुक्त हो जाता है। विषैले कीटाणुं नष्ट हो जाते हैं। दीपक प्रज्जवलित करने के पूर्व दीपक को पूजन में कैसे रखा जाय इस हेतु विशेष परम्परा है। पूजा के समय दीपक जमीन पर न रखें बल्कि द...
गांधी दृष्टि और पर्यावरण विमर्श

गांधी दृष्टि और पर्यावरण विमर्श

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गांधी जी ने अपनी जीवन यात्रा पहले पूरी की, 'पर्यावरण' शब्द बाद में अस्तित्व में आया; यही कोई 20वीं सदी के छठे दशक में। पर्यावरण चुनौतियों का उभार, उनकी चिंता, चिंताओं को सामने रखकर विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का संयुक्त राष्ट्र संघ का निर्देश, पर्यावरण संरक्षण के नाम पर संगठनों की स्थापना, आंदोलन, एक विज्ञान और तकनीकी विषय के रूप में पर्यावरण की पढ़ाई... ये सभी कुछ बहुत बाद में सामने आए। लिहाजा, गांधी साहित्य में ’वातावरण’ शब्द का उल्लेख तो है, किंतु ’पर्यावरण’ शब्द का नहीं। यह कहना उचित ही है; बावजूद इसके, गांधी जी की 105वीं जयंती के दिन साहित्य अकादमी ने पर्यावरण विमर्श को गांधी दृष्टि से देखने संबंधी आलेख पाठ करने और सुनने हेतु हमें आमंत्रित किया है। यह सुखद भी है और गांधी दृष्टि को गहराई से जानने की साहित्य अकादमी की उत्तम लालसा का परिचायक भी। इसके लिए अकादमी बधाई और आभार... दोनो की पात्र...
मानव जीवन और अध्यात्म

मानव जीवन और अध्यात्म

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अध्यात्म क्या है? भौतिक जगत से अलग हटकर जो कुछ भी शक्तिशाली प्रतीत होता है वही अध्यात्म है। इसको स्वीकार करने से जो शक्ति प्राप्त होती है, उसे अध्यात्म कहते हैं। लोभ, मोह, मत्सर, क्रोध, बैर आदि से हमें दूर कर शान्ति के प्रशस्त पथ पर अग्रसर करता है वह अध्यात्म है। आत्मशुद्धि तथा सद्विचार व्यक्ति का आंतरिक विकास करते हैं। आंतरिक विकास से व्यक्ति का झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ता है। अधि+आत्म इन दो शब्दों से बना 'अध्यात्मÓ अर्थात् आत्मा की ओर, आत्मा का विकास करने वाला ज्ञान। भगवान सर्वसुलभ नहीं है। उनके गूढ़ रहस्य की ज्ञेयता को समझना, आत्मसात् करना कठिन ही नहीं दुर्लभ भी है। अनादिकाल से अनेक सम्प्रदाय इस गूढ़ रहस्य को जानने के लिए प्रयत्नशील है। हमारी सारी प्रवृत्तियों का नियामक कोई अदृश्य शक्ति है। हमारी प्रवृत्तियां हमारे हृदय स्थित शक्ति (देव) के इंगित करने पर ही कार्य के लिए हमें प्रवृत्त करती ...